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Satna: मोबाइल एप से भी किसान कर सकेंगे अपने उत्पाद का विक्रय

सतना, भास्कर हिंदी न्यूज़/ किसानों को कृषि उपज विपणन के क्षेत्र में अभिनव कदम उठाते हुए मोबाईल एप के माध्यम से अपनी कृषि उपज का विक्रय अपने घर, खलिहान, गोदाम से कराने की सुविधा प्रदान की गई है। सर्वप्रथम किसान अपने एंड्राइड मोबाईल पर प्ले स्टोर में जाकर मंडी बोर्ड भोपाल का मोबाईल एप एमपी फार्म गेट डाउनलोड करना होगा तथा एप इंस्टाल कर कृषक पंजीयन पूर्ण करना होगा। फसल विक्रय के समय किसानों को अपनी कृषि उपज के संबंध में मंडी फसल, ग्रेड-किस्म, मात्रा एवं वांछित भाव की जानकारी दर्ज करना होगा।
किसानों द्वारा अंकित की गई समस्त जानकारियां चयनित मंडी के पंजीकृत व्यापारियों को प्राप्त हो जाएगी तथा प्रदर्शित होगी। व्यापारी द्वारा फसल की जानकारी एवं बाजार की स्थिति के अनुसार अपनी दरें ऑनलाईन दर्ज की जाएगीं जिसका किसान को एप में मैसेज प्राप्त होगा। जिसके उपरांत आपसी सहमति के आधार पर चयनित स्थल पर कृषि उपज का तौल कार्य होगा। कृषि उपज का तौल कार्य होने के बाद ऑनलाईन सौदा पत्रक एवं भुगतान पत्रक जारी किया जाएगा और शासन, मंडी बोर्ड के नियमानुसार नगर या बैंक खाते में भुगतान किया जाएगा।
इस प्रकार किसान एमपी फार्म गेट मोबाईल एप के माध्यम से मंडी में आए बिना अपने घर, गोदाम, खलिहान से भी अपनी कृषि उपज का विक्रय कर सकते हैं। इस एप से किसान प्रदेश की मंडियों में विक्रय की जाने वाली उपजों के दैनिक भाव की जानकारी भी प्राप्त कर सकते हैं। किसानों से इस एप को अपने एंड्राइड मोबाईल में इंस्टाल कर राज्य शासन एवं मंडी बोर्ड की इस अभिनव पहल का अधिक से अधिक लाभ उठाने की अपील की गई है।

जनजातीय सम्मान के लिए 28 फरवरी तक नामांकन एवं प्रविष्टियाँ आमंत्रित

जनजातीय कार्य विभाग के वन्या प्रकाशन द्वारा ’विविध जनजातीय सम्मान 2021’ लिए नामांकन एवं प्रविष्टियाँ आमंत्रित की गई हैं। रानी दुर्गावती सम्मान, वीर शंकर शाह-रघुनाथ शाह सम्मान, ठक्कर बापा सम्मान, जननायक टंट्या भील सम्मान, बादल भोई सम्मान और जनगण श्याम सम्मान के लिए नामांकन व प्रविष्टियां भेजने की आखिरी तिथि 28 फरवरी है। प्रत्येक सम्मान के लिए 3 लाख रुपए सम्मान राशि एवं प्रशस्ति-पट्टिका दी जाएगी।
प्रबंध संचालक वन्या प्रकाशन श्रीमती मीनाक्षी सिंह ने बताया कि इस तरह के सम्मान का उद्देश्य जनजातीय समाज के स्वाभिमान, नेतृत्व गुणों, त्याग और बलिदान की स्मृति को बनाए रखना है। साथ ही समाज के सम्मुख आदर्श प्रस्तुत करने तथा जनजातीय जीवन के पारंपरिक कला-कौशल और सृजनात्मक अवदान के प्रचारित-प्रसारित एवं गौरवान्वित करना है। सम्मानों से संबंधित अन्य जानकारी जनजातीय कार्य विभाग की वेबसाइट पर प्राप्त की जा सकती है। इन सम्मानों के लिए जनजातीय सृजनात्मक कला, शिल्प, साहित्य, संस्कृति एवं समाज सेवा के आदर्शों के अनुरूप कार्य करने वाले व्यक्तियों, संस्थाओं, समाजशास्त्रियों, बुद्धिजीवियों, साहित्यकारों, पत्रकारों, लेखकों, समीक्षकों, विषय विशेषज्ञों, विश्वविद्यालय, शोध संस्थान और जनजातीय केन्द्रों से इस सम्मान के लिए नामांकन या अनुशंसाएँ भेज सकते हैं।

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