सतना,भास्कर हिंदी न्यूज़/ जिला परियोजना समन्वयक जिला शिक्षा केन्द्र बताया कि शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के अंतर्गत सत्र 2023-24 के लिये प्रायवेट स्कूलों की नवीन मान्यता एवं मान्यता के नवीनीकरण के आवेदन अब 7 फरवरी तक किये जा सकेंगे। पूर्व में आवेदन के लिये 31 जनवरी की तिथि तय की गई थी।
जिला परियोजना समन्वयक ने बताया कि सतना जिले में अभी 32 प्रायवेट स्कूलों द्वारा मान्यता नवीनीकरण के लिये आवेदन नहीं किया गया है। उन्होने प्रायवेट स्कूल के संचालकों को सूचित किया है कि जिन प्रायवेट स्कूलों की मान्यता 31 मार्च 2023 को समाप्त हो रही है। 31 मार्च के बाद बिना मान्यता के स्कूल का संचालन नहीं कर सकेंगे। बिना मान्यता के विद्यालय का संचालन पाये जाने पर एक लाख रुपये एवं प्रतिदिन दस हजार रुपये का अतिरिक्त जुर्माना आरटीई के तहत प्रावधानित है।
राज्य शिक्षा केन्द्र द्वारा प्रायवेट स्कूलों की मान्यता नवीनीकरण एवं नया विद्यालय संचालित करने 7 फरवरी तक आवेदन मंगाये गये हैं। जिन भी प्रायवेट स्कूलों की मान्यता 31 मार्च को समाप्त हो रही है, उन स्कूलों को आरटीई मोबाईल एप के माध्यम से निर्धारित प्रक्रिया का पालन करते हुये आवेदन करना होगा।
मातृत्व योजना में मजदूर गर्भवती महिला को मजदूरी के नुकसान की भरपाई होगी
मजदूरी करने वाली गर्भवती महिलाओं को मजदूरी के नुकसान की भरपाई करने के लिए केन्द्र सरकार द्वारा प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना लागू की गई है। मातृत्व वंदना योजना में मजदूरी करने वाली गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने की वाली माताओं के स्वास्थ्य में सुधार और उनकों नगदी प्रोत्साहन के माध्यम से अधीन पोषण के प्रभाव को कम करना है।
प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना से गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं को पहले जीवित बच्चें के जन्म के दौरान लाभ मिलेगा होगा। योजना के लाभ की राशि डीबीटी के माध्यम से लाभार्थी के बैंक खाते में स्थानांतरित की जाती है। योजना में गर्भवती महिलाओं को पहली किस्त के रूप में एक हजार रूपए पंजीकरण के समय दी जाती है। दूसरी किस्त दो हजार रूपए 6 माह की गर्भावस्था के बाद और तीसरी किस्त बच्चे का जन्म के बाद इस प्रकार कुल 5 हजार रूपए की आर्थिक सहायता गर्भवती महिलाओं को दी जाती है। बच्चें को बीसीजी, ओपीवी, डीपीटी और हेपेटाइटिस-बी सहित टीके निःशुल्क लगाए जाते हैं। केन्द्रीय और राज्य सरकार या किसी सार्वजनिक उपक्रम में नियमित रोजगार में है, वे किसी अन्य योजना या कानून के तहत समान लाभ प्राप्त करती है।