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Satna: खेलो इंडिया यूथ गेम्स की मशाल बुधवार को सतना पहुचेंगी, जनप्रतिनिधि और अधिकारी करेंगे अगवानी


सतना, भास्कर हिंदी न्यूज़/ मध्यप्रदेश में ‘‘खेलो इंडिया यूथ गेम्स’’ का आयोजन 30 जनवरी से 11 फरवरी 2023 तक भोपाल, इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर, जबलपुर, बालाघाट, मंडला एवं खरगौन में किया जा रहा है। जिसमें 27 विधाओं के खेल खेले जायेंगे।
प्रभारी जिला खेल एवं युवा कल्याण अधिकारी ने बताया कि खेलो इंडिया यूथ गेम्स की मशाल (रिले टॉर्च) को मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा भोपाल के शौर्य स्मारक से 7 जनवरी को रवाना किया गया है। यह मशाल विभिन्न जिलों में खेलो इंडिया यूथ गेम्स का प्रचार-प्रसार करते हुये 18 जनवरी को सतना पहुंचेगी और अगले जिले के लिये प्रस्थान करेगी। उन्होने बताया कि खेलो इंडिया यूथ गेम्स की मशाल दोपहर 2 बजे दादा सुखेंद्र स्टेडियम जवाहर नगर सतना में प्रवेश करेगी। मशाल की आगवानी जिले के जनप्रतिनिधि, प्रशासकीय अधिकारी सहित शिक्षा विभाग, उच्च शिक्षा विभाग, एनसीसी, एनएसएस संगठन, नेहरु युवा केंद्र, म.प्र. ओलंपिक संघ, राज्य/जिला खेल संघ एवं वरिष्ठ खिलाड़ी करेंगे। खेलो इंडिया मशाल का स्टेडियम परिसर से राजेंद्र नगर होते हुये सिविल लाईन चौपाटी तक स्वागत किया जायेगा। इसके उपरांत यह मशाल रीवा जिले के लिये रवाना होगी।

ई-कुबेर प्रणाली से भुगतान की प्रक्रिया और अधिक तेज होगी

वित्त विभाग के आई.एफ.एम.आई.एस. सॉफ्टवेयर में ई-कुबेर प्रणाली विकसित की गई है। इस प्रणाली से कोषालय अधिकारियों द्वारा लाभांवितों के बैंक खातों में सीधे आर.बी.आई के माध्यम से राशि हस्तांतरित की जा सकेगी। पूर्व में कोषालय अधिकारी ई-फाईल भारतीय स्टेट बैंक की वेबसाईट पर अपलोड करते थे। इसके बाद भारतीय स्टेट बैंक द्वारा लाभांवितों को भुगतान किया जाता था, जिससे कई बार एक-दो दिन का समय भी लग जाता था। अब ई-कुबेर प्रणाली से तत्काल भुगतान हो सकेगा और समय भी कम लगेगा।
अपर मुख्य सचिव वित्त ने बताया कि प्रदेश में आधार आधारित भुगतान के साथ बैंक खाता आधारित ई-भुगतान को सीधे भारतीय रिजर्व बैंक की ई-कुबेर प्रणाली से समस्त कोषालयों में 16 जनवरी 2023 से प्रारंभ कर दिया गया है। ई-कुबेर प्रणाली लागू होने से प्रदेश के समस्त ई-भुगतान तेजी से संबंधित हितग्राही के बैंक खाते में प्राप्त होंगे। यह प्रणाली सभी कार्य दिवस पर 24 घंटे उपलब्ध रहेगी। नई प्रणाली को लागू करने से आंकड़ों का मिलान आसान हो जायेगा। पूर्व में बैंकों द्वारा प्राप्ति एवं भुगतान की जानकारी भौतिक रूप से कोषालय को दी जाती थी, जो भारतीय रिजर्व बैंक और महालेखाकार को भेजी जाती थी, जिसमें आंकड़ों की भिन्नता की कई समस्याएँ थीं। ई-कुबेर के आने से भारतीय रिजर्व बैंक से सीधे व्यवहार होंगे और वित्तीय लेन-देन के आकड़ों के मिलान की समस्या समाप्त होगी। गत दिसंबर माह में आधार आधारित भुगतान प्रणाली से भुगतान प्रारंभ करने वाला मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य है।

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