Bhupendra Patel 2.0 in Gujarat: digi desk/BHN/अहमदाबाद/ गुजरात में ऐतिहासिक विजय हासिल करने के बाद भाजपा अगली सरकार के गठन में जुट गई है। सोमवार को गांधीनगर में हुए शपथ ग्रहण समारोह में मुख्यमंत्री भूपेंद्र भाई पटेल के अलावा 16 मंत्रियों ने शपथ ली। इनमें केवल एक महिला मंत्री भानुबेन बावरिया (bhanuben bavria) शामिल हैं। पहले चर्चा थी कि भाजपा 3 महिला मंत्री रख सकती है। नीचे देखिए मंत्रियों की पूरी लिस्ट। इससे पहले शनिवार को भाजपा विधायक दल की बैठक हुई, जिसमें भूपेंद्र पटेल को नेता चुना गया। इसके बाद भूपेंद्र पटेल राजभवन गए, राज्यपाल आचार्य अद्वैत से मिले और सरकार बनाने का दावा किया।
विधायक दल का नेता चुने जाने बाद जब मीडिया ने भूपेंद्र पटेल से कॉमन सिविल कोड (UCC) के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि कमेटी का गठन किया जा चुका है। कमेटी की सिफारिश के अनुकूल सरकार काम करेगी।
इससे पहले मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल और प्रदेश अध्यक्ष समेत अन्य बड़े नेताओं ने शुक्रवार को गांधीनगर में राज्यपाल आचार्य अद्वैत से मुलाकात की और उन्हें अपना इस्तीफा सौंपा। शपथ ग्रहण के लिए 12 दिसंबर को दिन तय हुआ है। अब अटकलें लगाई जा रही हैं कि भूपेंद्र पटेल के साथ मंत्रिमंडल (Bhu
pendra Patel Cabinet) में कौन-कौन शामिल होगा? कहा जा रहा है कि 12 दिसंबर को करीब 25 विधायक मंत्री पद की शपथ (Bhupendra Patel Cabinet 2.0) सकते हैं। इनमें से 10-11 मंत्री होंगे जबकि 12-14 विधायक राज्य मंत्री बनाए जाएंगे। रमणभाई वोरा को स्पीकर बनाया जा सकता है।
Gujarat Cabinet List
- कनुभाई देसाई
- ऋषिकेश पटेल
- राघवजी पटेल
- बलवंतसिंह राजपूत
- कुंवरजी बावलिया
- मूलोभाई बेरा
- कुबेर डिंडोर
- भानुबेन बाबरिया
- हर्ष संघवी
- जगदीश विश्वकर्मा
- पुरुषोत्तम सोलंकी
- बच्चूभाई खाबाद
- मुकेश पटेल
- प्रफुल्ल पंसेरिया
- भीखूसिंह परमार
- कुंवरजी हलपति
गुजरात में ऐसे चला मोदी का जादूइस बार से गुजरात चुनाव में भी पीएम मोदी का जादू चला। पीएम मोदी ने अपने गृह राज्य में 31 चुनावी रैलियों को संबोधित किया था और इसका ऐतिहासिक फायदा भाजपा को मिला। भाजपा ने 182 में से 156 सीटों पर जीत हासिल कर विपक्षी कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (आप) को धूल चटा दी। भाजपा को कुल 53 प्रतिशत वोट मिले जो गुजरात में रिकॉर्ड है। इस तरह भाजपा भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के अलावा एकमात्र ऐसी पार्टी बन गई जिसने लगातार सात विधानसभा चुनाव जीते। सीपीएम ने 1977 से 2011 तक, यानी 34 वर्षों तक पश्चिम बंगाल पर शासन किया था।