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MP: विधानसभा में अविश्वास प्रस्ताव लाने में सफल नहीं हो पाई कांग्रेस, अब बजट सत्र में लाने की तैयारी

MP, congress could not succeed in bringing no confidence motion in the assembly: digi desk/BHN/भोपाल/ शिवराज सरकार को घेरने के लिए कांग्रेस विधानसभा में अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी कर रही थी पर वह इसमें सफल नहीं हो पाई। अब यह 19 दिसंबर से प्रारंभ होने वाले शीतकालीन सत्र में प्रस्तुत नहीं होगा। पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में विधायकों के व्यस्त होेने के कारण पूरे तथ्य एकत्रित नहीं हो पाए हैं।

यही कारण है कि अब इसे अगले साल फरवरी-मार्च में होने वाले विधानसभा के बजट सत्र में प्रस्तुत किया जाएगा। नेता प्रतिपक्ष डा.गोविंद सिंह का कहना है कि हमने पहले ही अविश्वास प्रस्ताव लानेे की घोषणा कर दी थी। इसके बाद भी शीतकालीन सत्र पांच दिन का बुलाया गया है। सरकार चाहती ही नहीं है कि उसकी असफलताओं पर चर्चा हो। विधायकों के साथ बैठक करके रणनीति को अंतिम रूप दिया जाएगा।

कांग्रेस ने अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए सरकार को घेरने के लिए अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी की थी। इसकी तैयारियों के लिए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ ने पहले पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह और फिर विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष डा.गोविंद सिंह को जिम्मेदारी सौंपी थी।

डा.सिंह ने पूर्व विधायक पारस सकलेचा को सहयोगी बनाया और विभिन्न विभागों से जुड़े 180 बिंदू छांटे गए। विधायकों से भी इसके लिए तथ्य मांगे गए थे लेकिन राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में व्यस्त होने के कारण न तो बैठक हो पाई और न ही विधायकों ने प्रमाणिक तथ्य उपलब्ध कराए। कमल नाथ के साथ इसको लेकर बैठक भी अभी नहीं हुई है। इसे देखते हुए अब अविश्वास प्रस्ताव शीतकालीन सत्र की जगह अगले साल होने वाले बजट सत्र में प्रस्तुत किया जाएगा। पूर्व विधायक सकलेचा का कहना है कि हमने विभिन्न् माध्यमों से निर्माण कार्यों से लेकर अन्य अनियमितता के दस्तावेज जुटा लिए हैं। इन पर प्रारंभिक चर्चा हो चुकी है। वरिष्ठ नेताओं के साथ अंतिम दौर की चर्चा के बाद प्रस्ताव को अंतिम रूप दे दिया जाएगा।

उधर, विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष डा.गोविंद सिंह का कहना है कि सरकार मोर्चे पर असफल रही है। इसके विरुद्ध एक नहीं अनेक मामले हैं। निर्माण कार्यों में अनियमितता से लेकर कर्मचारियों के साथ अन्याय हो रहा है। अन्य पिछड़ा वर्ग को अभी तक 27 प्रतिशत आरक्षण का लाभ नहीं मिला है तो अनुसूचित जाति-जनजाति के व्यक्तियों पर अत्याचार की घटनाएं बढ़ी हैं। प्रदेश में कानून व्यवस्था लचर है।

ई-टेंडरिंग मामला हो या फिर पूरक पोषण आहार की गड़बड़ी सबके सामने है। सरकार सदन में जवाब देने से बचना चाहती है, इसलिए सत्र की अवधि लगातार कम करती जा रही है। जितनी अवधि के लिए सत्र बुलाया जाता है, उतना भी नहीं चल रहा है। अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के लिए समय चाहिए। सूत्रों का कहना हैै कि अविश्वास प्रस्ताव को लेकर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष विधायकों के साथ बैठक करेंगे और फिर इसमें बजट सत्र में प्रस्तुत किया जाएगा ताकि सभी मुद्दों को उठाने के लिए पर्याप्त समय मिले।

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