निर्बल के बल राम-श्रीमद जगतगुरु
सतना, भास्कर हिंदी न्यूज़/ चित्रकूट-वैकुंठ उत्सव में पुरानीलंका आश्रम चित्रकूट में प्रवाहित हो रही श्रीमद भागवत कथा में श्री स्वामी जी ने पावन धाम चित्रकूट का वर्णन करते हुए कहा कि चित्रकूट में जिसका कोई नही उसके राम हैं। यहां के कण-कण में निर्बल के बल राम हैं।यह धरा हमेसा से साधकों,योगियों,मनस्वी और तपस्वियों की शाधना स्थली रही है। अयोध्या के दशरथ नंदन राम जब चित्रकूट की चौरासी कोश धाम में विचरण करते हैं तब वह मर्यादा पुरुषोत्तम हो जातें है। यह इस धरा का ही मर्म है। यहां के प्राकृतिक वातावरण को देखकर यह आभाष होता है कि यहां तपस्वियों के तप की रहस्य-मय पवित्रता,प्राकृतिक छटा और वन्य दुर्गमता कितनी अछूती एवम अभूत-पूर्व रही होगी।
तपस्वियों से पवित्र चित्रकूट चौरासी कोष परिक्रमा क्षेत्र
श्री स्वामी जी ने कहा कि आज भी सनातन धर्म संष्कृति का संदेश देते अनेक तपस्वियों के पवित्र तप-स्थल इस चौरासी कोष चित्रकूट परिक्रमा क्षेत्र में विधमान हैं।राष्ट्र के कोने-कोने से आने वाले श्रद्धालु उन श्री चरणों की ओर बरबस ही खिंचे चले आते हैं जिससे मां गंगा प्रकट हुईं।उनके मुख से आनंद का उदगार स्वतः सहज ही फुट पड़ता है।अतः आज जरूरत है अति प्राचीन मंदिरों एवम दर्शनीय स्थलों के लिए प्रसिद्ध चौरासी कोशीय चित्रकूट तपोभूमि को राम वन गमन पथ से जोड़कर प्रभु श्रीराम के आदर्शों को संरच्छित करने की जहां आने वाला हर रामभक्त श्रीसीताराम नाम का जप करता अपने आप को उस दैवीय शौन्दर्य में खो देता है। सीमाओं के बीच छुपे असीम को देखना है तो चित्रकूट के वनवासी राम को देखिए जहां रामराज्य की पटकथा लिखी गई और साकार हुई।
रुक्मिणी कृष्ण विवाह की जीवंत झांकी
व्यासपीठ से आचार्य धीरेंद्र महाराज ने कथा प्रसंगों से जनसमुदाय को भावविभोर किया।रुक्मिणी कृष्ण विवाह उत्सव में आश्रम के विद्यार्थी,आचार्य जहां बारात में नृत्य कर आनंद उठाया वहीं मातृशक्ति के साथ उपस्थित रामनुरागियों ने बारात का पुष्प वर्षा एवं पटाखे फोड़कर जीवंत झांकी का करतल ध्वनि से स्वागत किया। अलौकिक छटा में विवाहोत्सव सम्पन्न हुआ।
आज के विवाह उत्सव में प्रमुख रूप से संत भगवतदास,द्वारिका व्योहर,सुरेश तिवारी,राजगुरु मनोज अग्निहोत्री,प्रेमचन्द्र गुप्ता,उत्तम पांडेय,अफसर सकरिया,नेता मोहनियां,मोहन आहूजा,वैकुंठ चतुर्वेदी,आशीष पालदेव,प्रकाश परौहा,गोरेलाल चतुर्वेदी,उग्रसेन पयासी,कृष्ण चतुर्वेदी,राजलालन पयासी,बुद्ध विलास पांडेय,बुद्धसेन शुक्ला,भाईलाल झोंटा,श्रीमती पुष्पा,वैकुंठ चतुर्वेदी,दिनेश शुक्ला, रमेश शुक्ला,हरिशंकर शुक्ला, मोलेराम पांडेय,बबलू समदरिया,कृष्ण कुमार पांडेय,ओमकार शुक्ला,रामेस्वर झोंटा,राजू ताम्रकार,परमानंद पाठक अयोध्या,आचार्य केसव द्विवेदी,अनिल द्विवेदी,प्रिंस पांडेय,मोले तिवारी,श्रीकांत पटेल,रजनीश तिवारी,आचार्य राजेन्द्र प्रसाद तिवारी आदि के साथ सैकड़ों मातृशक्ति भक्त परिवार उपस्थित रहा ।