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Satna: हारमोनियम और तबले की जुगलबंदी के बीच मैथिली ठाकुर ने शरदोत्सव को किया भक्तिमय


सांस्कृतिक संध्या में भरतनाट्यम शैली में राम कथा की हुई प्रस्तुति


सतना, भास्कर हिंदी न्यूज़/ ग्रामोदय मेला के दौरान आयोजित शरदोत्सव की प्रथम सांस्कृतिक संध्या में भोपाल से आईं नृत्यांगना डॉ. लता सिंह मुंशी व समूह ने भरतनाट्यम शैली में राम कथा प्रस्तुत की। एक घंटा 15 मिनट की इस प्रस्तुति की शुरुआत परांपरा अनुसार ‘पुष्पांजलि’ के साथ हुई। इसमें राम स्तुति से श्रीराम के चरित्र का वर्णन किया गया। इस क्रम में महाकवि तुलसीदाल रचित ‘जाके प्रिय ना राम वैदेही…’ पर खूबसूरत प्रस्तुति दी गई। नृत्य के जरिए समझाया कि जिन्हें राम प्रिय नहीं हैं, उन्हें तज देने में ही आपकी भलाई है। नृत्यांगनाओं ने रामकथा की प्रस्तुति में राम जन्म और बाल्यावस्था का वर्णन किया। इसमें ‘ठुमक चलत रामचंद्र बाजे पैजनियां….’ पर नृत्य पेश किया। इसके बाद अगली प्रस्तुति में गुरु वशिष्ठ के आश्रम का वर्णन किया।

रामकथा के बाद मशहूर भजन गायिका सुश्री मैथिली ठाकुर एवं साथी मधुबनी, बिहार द्वारा भजनों की प्रस्तुति की गई। उनके कंठ से निकले भजनों को सुन श्रोता झूम उठे। रामा रामा रटते रटते,बीती रे उमरिया। रघुकुल नंदन कब आओगे, भिलनी की डगरिया, गाया तो श्रोता भक्ति में लीन हो उठे। अपने स्थान से खड़े होकर मैथिली का उत्साहवर्द्धन किया।

मैथिली ठाकुर के ओ मईया तैने का ठानी मन में, भजन ने बांधा समां

राम सिया भेज दियो री बन में, दीवानी तैने का ठानी मन में, राम सिया भेज दये री बन में उसके बाद सजा दो घर को गुलशन सा, मेरे सरकार आये है, लगे कुटिया भी दुल्हन सी, मेरे सरकार आये है….आदि भजनों के साथ हारमोनियम और तबले की जुगलबंदी के बीच भक्ति रस की कुछ ऐसी छठा बिखरी की पूरा माहौल धर्ममय हो गया।
भजन संध्या के बाद मैथिली ठाकुर ने बताया कि सुर और संगीत का क्षेत्र जीवन भर सीखने का है। शास्त्रीय संगीत उन्हें विरासत में मिला। कहा कि उन्हें पिता रमेश ठाकुर ने ही शास्त्रीय संगीत की शिक्षा दी, वही उनके असली गुरु हैं।
चित्रकूट ग्रामोदय मेलाः तृतीय दिवस के कार्यक्रम

दीनदयाल परिसर उद्यमिता विद्यापीठ चित्रकूट में आयोजित ग्रामोदय मेला एवं शरदोत्सव में 12 अक्टूबर तक लगातार सिलसिलेवार आयोजन होंगे। निर्धारित कार्यक्रमानुसार ग्रामोदय मेला एवं शरदोत्सव में तीसरे दिन 11 अक्टूबर को प्रातः 10 बजे से शाम 7 बजे तक मेला भ्रमण, प्रातः 10ः30 से 12ः30 बजे तक विवेकानंद सभागार में क्रेता-विक्रेता सम्मेलन, मेला पंडाल में दोपहर 12 बजे से भाषण प्रतियोगिता एवं मुख्य पंडाल में तीसरे दिवस शरद पूर्णिमा को सायं 7 बजे से 10 बजे तक सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे, जिसमें प्रसिद्ध कवि कुमार विश्वास शामिल होंगे।

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