panalty:छिंदवाड़ा/ पूर्व विधायक गंभीर सिंह चौधरी पर शासकीय काम में बाधा पहुंचाने के मामले में प्रकरण दर्ज होने के बाद अधिकारियों को बार-बार अवसर दिए जाने के बाद भी जवाब दाखिल नहीं करने को लेकर जबलपुर हाईकोर्ट ने 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। इस मामले में वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए शुक्रवार को जबलपुर हाईकोर्ट में सुनवाई की गई। जज सुजॉय पॉल की अदालत में शासन की ओर पुष्पेंद्र यादव ने पक्ष रखा, जबकि पूर्व विधायक की ओर से वरुण तन्खा ने अपना पक्ष रखा। बचाव पक्ष की ओर से वरुण तन्खा ने बताया कि राज्य और अधिकारियों को बार-बार अवसर दिए जाने के बावजूद, 23 अक्टूबर के बाद से जवाब दाखिल नहीं किया गया। लिहाजा उत्तर या आपत्ति दर्ज करने के लिए अधिकारियों को एक और मौका दिया जाता है, लेकिन इसके लिए उच्च न्यायालय कानूनी सेवा समिति के पास शासन की ओर 1 दिसंबर तक 50 हजार रुपये जमा करना होगा। साथ ही केस डायरी को उपलब्ध रखने के लिए भी प्रतिवादी को निर्देशित किया गया है।
क्या है मामला
दो महीने पहले किसान नेता बंटी पटेल ने किसान मजदूर संघर्ष यात्रा निकाली थी, जिसका समापन चौरई एसडीएम कार्यालय में हुआ था। इस दौरान बंटी पटेल ने एसडीएम सीपी पटेल के मुंह पर कालिख पोत दी थी, जिसके बाद उन पर रासुका लगाई गई थी। हालांकि शासन की ओर से रासुका हटा दी गई थी। वहीं पूर्व विधायक गंभीर सिंह समेत 21 नेताओं पर सरकारी काम में बाधा डालने समेत 21 प्रकरण दर्ज किए गए थे। इस मामले में ही जबलपुर हाईकोर्ट में सुनवाई चल रही थी, लेकिन शासन की ओर से पक्ष नहीं रखे जाने के कारण ये प्रकरण कमजोर हो गया है।