World Heart Day 2022: digi desk/BHN/ नई दिल्ली/ बीते कुछ सालों में दिल के रोगियों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हुई है और हार्ट अटैक के मामलों में भी बढ़ोतरी हुई है। हार्ट से संबंधित बीमारियों के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए ही हर साल 29 सितंबर को World Heart Day मनाया जाता है। बीते कुछ समय से हम देख रहे हैं कि कम उम्र के लोगों में हार्ट अटैक के मामलों में बढ़ोतरी हुई है। जवान लोगों में भी कार्डियक अरेस्ट जैसी समस्या देखने को मिल रही है। दुनिया में कम उम्र में हो रही युवाओं की मौतें एक गंभीर विषय बन गया है।
कार्डियक अरेस्ट के पहले नहीं दिखते संकेत
हाल के कुछ दिनों में हमने देखा है कि कई जवान सेलिब्रिटी की भी कार्डियक अरेस्ट के कारण मौत हो गई। इसमें कॉमेडियन राजू श्रीवास्तव, मशहूर सिंगर केके, अभिनेता सिद्धार्थ शुक्ला सहित कई नामी हस्तियां शामिल हैं। कई ऐसे लोग हैं, जिनकी एक्सरसाइज के दौरान, खेलकूद के समय अचानक मौत हो गई।
क्या कहते हैं एक्सपर्ट
मुंबई के एशियन हार्ट इंस्टीट्यूट के कार्डियक सर्जन पद्मश्री डॉक्टर रमाकांत पांडा का कहना है कि कार्डियक अरेस्ट के कारण युवाओं में अचानक मौत इन दिनों आम समस्या है क्योंकि जिन लोगों की मौत हो रही है, उनमें अल्टरनेटिव सर्कुलेशन विकसित नहीं होता है, जबकि बुजुर्गों में ऐसा नहीं है, वह समय के साथ ब्लॉक के डेवलप करते हैं और बुजुर्गों के शरीर को तमाम बदलावों के प्रति अभ्यस्त होने के लिए पर्याप्त समय मिलता है।
दिल की बीमारी से बचने के लिए करें ये काम
– बहुत ज्यादा एक्सरसाइज करने से पहले शरीर को अच्छी तरह से हाइड्रेट करना चाहिए। पानी बहुत ज्यादा पीना चाहिए। डॉ पांडा का कहना है कि जब आप कम पानी पीते है और बहुत ज्यादा एक्सरसाइज करके पसीना बहाते हैं तो खून गाढ़ा हो जाता है, जिससे खून का थक्का बनने की आशंका बढ़ जाती है।
– छाती में बेचैनी, काम करने पर सांस फूलना आदि दिल की बीमारी के संकेत है। तत्काल डॉक्टर से इसकी जांच कराना चाहिए।
– सामान्य व्यक्ति को 40 वर्ष की आयु के बाद हार्ट चेकअप जरूर कराना चाहिए।
– रोज कम से कम 40 मिनट के लिए नियमित व्यायाम जरूर करें। ज्यादा कठोर व्यायाम न करें। इससे दिल का दौरा या कार्डियक अरेस्ट तक हो सकता है।
– खानपान का ध्यान रखें। ज्यादा वसायुक्त व तला हुआ भोजन न खाएं। इसके अलावा जीवन शैली की समस्याएं जैसे धूम्रपान, मोटापा, तनाव, व्यायाम की कमी और पर्यावरण प्रदूषण ही हार्ट अटैक के लिए जिम्मेदार होते हैं।