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Satna: बाल विवाह करने पर होगी सजा और जुर्माना

बाल विवाह की सूचना कंट्रोल रुम के दूरभाश 07672-494353 पर दे सकते हैं नागरिक


सतना,भास्कर हिंदी न्यूज़/ बाल विवाह सामाजिक कुरीति के साथ कानूनी रूप से अपराध है। विवाह के लिए कन्या की आयु 18 वर्ष से अधिक तथा वर की आयु 21 वर्ष से अधिक होना आवश्यक है। इस संबंध में जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग सौरभ सिंह ने बताया कि अक्षय तृतीया के अवसर पर बाल विवाह को रोकने की सूचना देने जिला बाल संरक्षण कार्यालय सतना में जिला स्तरीय कंट्रोल रूम बनाया गया है। कंट्रोल रुम के दूरभाष क्रमांक 07672-494353 पर कोई भी नागरिक क्षेत्र में हो रहे बाल विवाह की सूचना दे सकते हैं। इसके अलावा बाल विवाह की शिकायत चाइल्ड लाइन के टोल फ्री नम्बर 1098 पर भी की जा सकती है।
जिला कार्यक्रम अधिकारी सौरभ सिंह ने बताया कि बाल विवाह की घटनाओं को रोकने के लिये सतना जिले के सभी परियोजना अधिकारियों को भी सूचित किया जा सकता हैं। उन्होने बताया कि सतना शहरी-2 परियोजना के परियोजना अधिकारी अरुणेश तिवारी के मोबाइल नंबर 9425194729, सतना शहरी-1 के परियोजना अधिकारी पुनीत शर्मा के मो.नं. 9424316692 पर बाल विवाह होने के सूचना दी जा सकती है। इसी प्रकार चित्रकूट-1 और सोहावल के परियोजना अधिकारी अभय द्विवेदी को मो.नं. 9424315078, नागौद-1 और 2 के परियोजना अधिकारी इंद्रभूषण तिवारी को मो.नं. 9826529407, चित्रकूट-2 की परियोजना अधिकारी रीता द्विवेदी को मो.नं. 8719078796, रामपुर बघेलान-2 के परियोजना अधिकारी सुरेंद्र सिंह को मो.नं. 8839882295, उचेहरा के परियोजना अधिकारी रविकांत शर्मा को मो.नं. 7000232227 एवं रामपुर बघेलान-1 के परियोजना अधिकारी विद्याचरण तिवारी को मो.नं. 9977217939 पर सूचना दी जा सकती है।
जिला कार्यक्रम अधिकारी ने आमजनता से अपील करते हुए कहा है कि समाज में अब बाल विवाह होने की घटनाओं में कमी आई हैं। लेकिन यदि कहीं पर भी बाल विवाह संपन्न कराने का प्रयास किया जा रहा है तो आमजन तत्काल महिला एवं बाल विकास विभाग अथवा पुलिस थाने को इसकी सूचना दें। विवाह संपन्न कराने वाले धर्मगुरू तथा विवाह से संबंधित व्यवस्थाओं जैसे बारातघर, हलवाई, विवाह घर संचालक, बैण्डबाजे वाले आदि बाल विवाह होने पर तत्काल सूचना दें।
बाल विवाह गंभीर सामाजिक कुरीति है। इसे रोकने के लिए बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 लागू किया गया है। इसके तहत बाल विवाह से पीड़ितों को सुरक्षा और राहत प्रदान करने के साथ-साथ बाल विवाह को प्रोत्साहित करने एवं उसे संपन्न कराने वालों पर कठोर दण्ड का प्रावधान है। जिसमें दो वर्ष की जेल तथा एक लाख रुपए तक का जुर्माना हो सकता है।

संभागीय कमिश्नर राजस्व कार्य तथा पेयजल व्यवस्था की करेंगे समीक्षा
कलेक्टर कांफ्रेंस आज

रीवा संभाग के कमिश्नर गोपालचन्द्र डाड की अध्यक्षता में 8 मई को प्रातः 11 बजे से कमिश्नर कार्यालय सभागार रीवा में कलेक्टर कांफ्रेंस आयोजित की जा रही है। इस बैठक में कमिश्नर राजस्व कार्यों तथा पेयजल व्यवस्था की जिलेवार समीक्षा करेंगे। बैठक में प्रातः 11 बजे से प्रातः 11.30 बजे तक अनुसूचित जाति जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम की संभागीय सलाहकार समिति की बैठक आयोजित की जाएगी। इसके बाद प्रातः 11.30 बजे से दोपहर 12.30 बजे तक संवेदनशील विषयों पर कार्यवाही की समीक्षा की जाएगी। कमिश्नर दोपहर 12.30 बजे से दोपहर 1.30 बजे तक राजस्व कार्यों की समीक्षा करेंगे। इसके बाद दोपहर 2.30 बजे से आयोजित विकास कार्यों की समीक्षा बैठक में पेयजल व्यवस्था, समर्थन मूल्य पर गेंहू उपार्जन, प्रधानमंत्री आवास योजना, स्वच्छ भारत मिशन, बिजली की आपूर्ति, मनरेगा योजना, गौशाला निर्माण, खनिज राजस्व वसूली तथा छात्रवृत्ति वितरण की समीक्षा की जाएगी। संभाग के सभी जिलों के कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी तथा संभागीय अधिकारी बैठक में उपस्थित रहेंगे।

नेशनल लोक अदालत में आपसी समझौतों से विवादों का किया जायेगा निराकरण
बीमा कंपनी के अधिकारियों एवं अधिवक्ताओं के साथ तैयारी बैठक संपन्न

राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशानुसार एवं अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सतना अजय श्रीवास्तव के मार्गदर्शन में नेशनल लोक अदालत 11 मई 2024 को जिला एवं तहसील स्तर पर आयोजित की जायेगी। नेशनल लोक अदालत के आयोजन को सफल बनाने मंगलवार को एडीआर भवन में बीमा कंपनी के अधिकारियों एवं अधिवक्ताओं के मध्य पूर्व तैयारी बैठक संपन्न हुई।
बैठक में विशेष न्यायाधीश प्रशांत कुमार निगम ने कहा कि आगामी नेशनल लोक अदालत में सभी तरह के कम्पाउण्डेवल मामलों के निराकरण का प्रयास किया जायेगा। लोक अदालत में मुख्य रूप से आपराधिक समझौता योग्य प्रकरण, धन वसूली संबंधित प्रकरण, मोटर दुर्घटना दावे से संबंधित मामले, श्रम एवं रोजगार विवादों से संबंधित मामले, बिजली, पानी और अन्य बिल भुगतान से संबंधित मामले, वैवाहिक विवादों से संबंधित मामले (तलाक को छोड़कर), भूमि अधिग्रहण से संबंधित मामले, वेतन-भत्ते और सेवानिवृत्ति लाभ के सेवा मामलों से संबंधित प्रकरणों के साथ राजस्व से संबंधित मामलों के निराकरण के प्रयास भी किये जायेंगे। उन्होने अधिकारियों से चर्चा करते हुये कहा कि लोक अदालत में दोनों पक्षकारों की संतुष्टि के साथ लंबित मामलों का निराकरण किया जायेगा। बीमा कंपनी के अधिकारी अपने-अपने क्षेत्र से संबंधित समझौता योग्य प्रकरणों में पक्षकारों को आपसी सहमति से नेशनल लोक अदालत में प्रकरण का निराकरण कराने के लिये प्रेरित करें। ताकि पक्षकार नेशनल लोक अदालत का लाभ उठा सकें। इस मौके पर सचिव विधिक सेवा प्राधिकरण पावस श्रीवास्तव, विधिक सहायता अधिकारी मुहम्मद जिलानी सहित बीमा कंपनी के अधिकारी एवं क्लेमेंट के अधिवक्तागण उपस्थित रहे।

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