कमिश्नर ने की संभाग के राजस्व कार्यों की समीक्षा
सतना, भास्कर हिंदी न्यूज़/ रीवा संभाग के कमिश्नर अनिल सुचारी ने वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से संभाग के सभी जिलों से जुड़कर राजस्व कार्यों की समीक्षा की। कमिश्नर ने कहा कि राजस्व अधिकारी प्रशासन का आधार स्तंभ है। अपने क्षेत्र में भ्रमण कर कानून और व्यवस्था की सतत निगरानी करें। राजस्व न्यायालयों के कार्यों से ही अधिकारी की छवि बनती है। न्यायालय में नियमित रूप से बैठकर राजस्व प्रकरणों का निराकरण करें। सीमांकन, बंटवारा, नामांतरण तथा अन्य राजस्व प्रकरण बड़ी संख्या में लंबित हैं। तमाम व्यस्तताओं के बावजूद न्यायालय के समय में कटौती न करें। प्रकरणों का लंबित रहना किसी भी तरह से उचित नहीं है।
कमिश्नर ने कहा कि एसडीएम कोर्ट में प्रकरणों के निराकरण के अनुसार नागौद, उचेहरा, सिरमौर, हनुमना और रघुराजनगर के निराकरण का प्रतिशत अच्छा है। एसडीएम सिहावल ने केवल 7.57 प्रतिशत तथा सरई ने 13.7 प्रतिशत निराकरण किया। एसडीएम रायपुर कर्चुलियान, गुढ़ और चुरहट का निराकरण भी 20 प्रतिशत से कम है। ऐसी स्थिति सहन नहीं की जाएगी। प्रकरणों का निराकरण हरहाल में 60 प्रतिशत से अधिक होना चाहिए। इसी तरह तहसीलदार और नायब तहसीलदार न्यायालयों में तहसील उचेहरा, नायब तहसीलदार नादन, तहसीलदार मझौली, नायब तहसीलदार सरई और नायब तहसीलदार लगरगवां ने 75 प्रतिशत से अधिक प्रकरणों का निराकरण किया है। इन सभी राजस्व अधिकारियों को अच्छे कार्य के लिए बधाई दी जा रही है। नायब तहसीलदार सीतापुर, नायब तहसीलदार हनुमना, नायब तहसीलदार रायपुर सानौरी तथा नायब तहसीलदार सिहावल का निराकरण बहुत कम है। संबंधित तहसीलदार प्रकरणों के निराकरण पर ध्यान दें। राजस्व प्रकरणों के निराकरण के आधार पर ही आपकी सीआर लिखी जाएगी।
कमिश्नर ने कहा कि सभी कलेक्टर अधीनस्थ राजस्व न्यायालयों को नियमित रूप से निरीक्षण करें। स्वयं के न्यायालय के प्रकरणों की भी नियमित सुनवाई करें। कमिश्नर ने राजस्व अधिकारियों को धारणाधिकार, मुख्यमंत्री आवासीय भू-अधिकार योजना तथा सीएम हेल्पलाइन के प्रकरणों के निराकरण के संबंध में भी निर्देश दिए। वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से कलेक्टर सतना अनुराग वर्मा, कलेक्टर सिंगरौली राजीव रंजन मीणा, कलेक्टर सीधी मुजीबुर्ररहमान खान, एडीएम रीवा शैलेन्द्र सिंह तथा सभी एसडीएम, तहसीलदार एवं नायब तहसीलदार शामिल रहे।
जिला विधिक कार्यालय में कार्यशाला संपन्न
प्रधान जिला न्यायाधीश एवं अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण रमेश कुमार श्रीवास्तव की अध्यक्षता में शनिवार को एडीआर सेंटर सतना में यौनकर्मियों को उनके अधिकारों के साथ-साथ यौन कार्य की वैधता के बारे में शिक्षित करने के लिए कार्यशाला का आयोजन किया गया। प्रधान न्यायाधीश ने बताया कि कैसे वे अपने अधिकारों के लिए न्यायिक प्रणाली तक पहुंच सकते है और अनावश्यक उत्पीड़न से बच सकते हैं। उन्होने बताया कि वे बैंक से लोन लेकर अपना छोटा-मोटा व्यवसाय कर सकते हैं। उन्हें किसी भी प्रकार की समस्या या दिक्कत होने पर वे जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यालय में अपना आवेदन प्रस्तुत कर सकते हैं। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा तत्काल नियमानुसार उन शिकायतों का निराकरण संबंधित विभागों के माध्यम से कराया जाएगा। प्रधान जिला न्यायाधीश ने कहा कि संविधान में सभी को बराबर का अधिकार है। सर्वोच्च न्यायालय ने यौन कार्य में लिप्त महिलाओं को वैधता प्रदान की है और पुलिस द्वारा यौनकर्मियों को गिरफ्तार करने पर रोक लगा दी गई है। जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग सौरभ सिंह द्वारा जानकारी दी गई कि शासन द्वारा निःशुल्क वोकेशनल ट्रेनिंग प्रोग्राम चलाये जा रहे हैं। जिसमें महिलायें समूह में ब्यूटी पार्लर, सिलाई-कढ़ाई आदि प्रकार के कोर्सेस कर सकते हैं। इस मौके पर जिला विधिक सहायता अधिकारी सुभाष चौधरी, जिला कार्यक्रम अधिकारी सौरभ सिंह, चिकित्सक डॉ प्रवीण श्रीवास्तव, श्याम किशोर द्विवेदी, डी.एस.पी. अजय कुमार उपस्थित रहे।