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Satna/Rewa: कमिश्नर ने मछली पालन और पशुपालन विभाग के कार्यों की समीक्षा की

मत्स्य संपदा योजना का प्रचार-प्रसार करें – कमिश्नर

सतना/रीवा, भास्कर हिंदी न्यूज़/ कमिश्नर कार्यालय सभागार रीवा में आयोजित बैठक में कमिश्नर अनिल सुचारी ने मछली पालन तथा पशुपालन विभाग की योजनाओं की समीक्षा की। कमिश्नर ने कहा कि संभाग के मछली पालन योग्य सभी जलाशयों में मछली पालन कराएं। संभाग में ग्रामीण क्षेत्र के तालाबों में प्रति हेक्टेयर 3747 किलोग्राम मछली का औसत उत्पादन है। इसे 5000 किलोग्राम तक बढ़ाने प्रयास करें। प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना की प्रगति संतोषजनक नहीं है। रीवा तथा सतना जिले इसमें लापरवाही बरत रहे हैं। मत्स्य संपदा योजना का व्यापक प्रचार-प्रसार कराएं। इससे नवीन तालाबों का निजी क्षेत्र में निर्माण कराकर मछली पालन कराएं। मत्स्य बीज का उत्पादन इस वर्ष लक्ष्य से कम हुआ है। इसका कारण स्पष्ट करें।

कमिश्नर ने पशुपालन विभाग की समीक्षा करते हुए कहा कि पशुओं के टीकाकरण तथा कृत्रिम गर्भाधान में संभाग में अच्छी उपलब्धि हासिल हुई है। एफएमडी टीकाकरण से सतना प्रदेश में प्रथम स्थान पर है। सभी जिलों में अफ्रीकन स्वाइन फीवर तथा लंपी रोग का प्रकोप पशुओं में न हो इसके उपाय करें। डेयरी तथा मुर्गी पालन के बैंकों में लंबित प्रकरणों का निराकरण कराकर ऋण एवं अनुदान का वितरण कराएं। मछली पालक तथा पशु पालक किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड जारी करने के लिए मुख्यमंत्री जनसेवा अभियान में लगाए जा रहे शिविरों में आवेदन पत्र दर्ज कराएं। केसीसी की प्रगति बहुत कम है। कमिश्नर ने संयुक्त संचालक को सभी कालेजों में युवा संवाद का आयोजन कर विभागीय योजनाओं की जानकारी देने के निर्देश दिए।

बैठक में प्रभारी संयुक्त संचालक पशुपालन डॉ राजेश मिश्रा ने बताया कि लंपी रोग से बचाव के लिए सभी जिलों में तीन-तीन हजार टीके उपलब्ध हैं। इस रोग का प्रकोप संभाग के पशुओं में नहीं हुआ है। पशुओं को रोग से बचाने के लिए टीकाकरण किया जा रहा है। इस वर्ष संभाग में 175772 पशुओं का कृत्रिम गर्भाधान किया गया है। केसीसी बनाने के लिए बैंकों के सहयोग से शिविर लगाए जा रहे हैं। बैठक में विद्यासागर गो संवर्धन योजना, बैकयार्ड मुर्गी पालन तथा दुग्ध संघों के कार्यों की भी समीक्षा की गई।

उद्यानिकी फसलों को बढ़ावा दें- अनिल सुचारी 

कमिश्नर अनिल सुचारी ने संभागीय समीक्षा बैठक में उद्यानिकी, सहकारी बैंक, सहकारिता विभागों की समीक्षा की। कमिश्नर ने कहा कि परंपरागत रूप से धान तथा गेंहू की सर्वाधिक खेती की जा रही है। किसानों को नए फसल चक्र एवं खेती के विविधीकरण के लिए प्रेरित किया जा रहा है। अनाज उत्पादक किसानों को उद्यानिकी फसलों के लिए प्रेरित करें। उद्यानिकी फसलें अपनाकर किसान खेती की लागत घटाकर अधिक उत्पादन तथा लाभ प्राप्त कर सकेंगे। जिले में फल, सब्जी तथा औषधीय एवं मसालों की खेती की अच्छी संभावना है। सब्जी उत्पादन में संभाग प्रदेश में तीसरे स्थान पर है। उद्यानिकी फसलों को लगातार बढ़ावा दें। कमिश्नर ने कहा कि सभी सहकारी बैंक लंबित ऋणों की अभियान चलाकर वसूली करें। रीवा जिले में 14 प्रतिशत, सतना में 45 प्रतिशत, सीधी में 28 प्रतिशत तथा सिंगरौली में 25 प्रतिशत वसूली हुई है। वसूली के लिए नोटिस जारी करें। रीवा, सतना तथा सीधी सहकारी बैंकों की वित्तीय स्थिति अच्छी नहीं है। वसूली से ही इसमें सुधार होगा। विपणन संघ को सहकारी बैंक खाद की राशि का समय पर भुगतान करें। किसानों को केसीसी जारी करने के लिए अभियान चलाएं। कमिश्नर ने सहकारी समितियों के ऑडिट तथा सभी समितियों में खाद की उपलब्धता के संबंध में भी निर्देश दिए।
बैठक में प्रभारी संयुक्त संचालक उद्यानिकी योगेश पाठक ने बताया कि संभाग के सभी जिलों में उद्यानिकी फसलों में क्षेत्र विस्तार तेजी से हो रहा है। बागवानी विकास परियोजना के लक्ष्य शत-प्रतिशत पूरे कर लिए गए हैं। फूलों की खेती का क्षेत्र भी तेजी से बढ़ रहा है। बैठक में उपायुक्त सहकारिता अशोक शुक्ला ने बताया कि रबी फसल के लिए सभी जिलों में खाद पर्याप्त मात्रा में सहकारी समितियों में उपलब्ध है। खाद की रैक नियमित रूप से प्राप्त हो रही है। सहकारी समितियों के ऑडिट का कार्य पूरा हो गया है।

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