सतना, भास्कर हिंदी न्यूज़/ कलेक्टर अनुराग वर्मा के निर्देशन में ‘‘आयुष्मान कार्ड-आपके द्वार’’ के तहत जिले के ग्रामीण और नगरीय क्षेत्रों में कैंप आयोजित कर आयुष्मान भारत निरामय योजना के पात्र हितग्राहियों के आयुष्मान कार्ड बनाए जा रहे हैं। जिले की सभी ग्राम पंचायतों में जीआरएस की आईडी एक्टिव कर ग्राम स्तर पर पटवारी, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, एएनएम, आशा एवं मैदानी कर्मचारियों के सहयोग से ग्रामीण क्षेत्रों में कुल 676 यूजर में से 529 डिवाइस पर आयुष्मान कार्ड बनाने का कार्य तेजी से चल रहा है।
कलेक्टर अनुराग वर्मा द्वारा प्रत्येक टीएल की बैठक के अलावा प्रतिदिन के आयुष्मान कार्ड निर्माण की प्रगति की समीक्षा की जा रही है। सभी एसडीएम के नेतृत्व में जनपद पंचायत और शहरी क्षेत्रों में नगरीय निकाय की टीम ग्राम स्तर और वार्ड स्तर पर आयुष्मान कार्ड बनाने का कार्य कर रही है। प्रत्येक जनपद पंचायत को 2 हजार कार्ड प्रतिदिन और नगरीय निकायों को लक्ष्य के अनुसार 200 से 500 आयुष्मान कार्ड बनाने का लक्ष्य प्रतिदिन दिया गया है।
सीईओ जिला पंचायत डॉ परीक्षित झाड़े ने बताया कि सभी ग्रामीण क्षेत्र और शहरी क्षेत्रों में मुनादी कर शिविरों का प्रचार-प्रसार किया गया है। पात्र व्यक्तियों से भी अपील की गई है कि निर्धारित दस्तावेजों के साथ उपस्थित होकर अपने आयुष्मान कार्ड बनवाएं। उन्होंने बताया कि प्रातः के समय आयुष्मान कार्ड बनाने में सर्वर की ज्यादा समस्या नहीं होती और तेजी से कार्ड बनाए जा सकते हैं। सीईओ जिला पंचायत ने बताया कि सभी जीआरएस की आईडी से ग्राम स्तर पर आयुष्मान कार्ड बनाए जा रहे हैं। सतना जिले में जीआरएस द्वारा बनाए जा रहे कार्डों की संख्या के आधार पर 72 हजार 538 आयुष्मान कार्ड बनाकर पूरे प्रदेश में चौथे स्थान पर है। इस माह 9 सितंबर की स्थिति में सतना जिला 7 लाख 89 हजार 289 कार्ड बनाकर 52.41 प्रतिशत की उपलब्धि पर प्रदेश में 51वें स्थान पर था। इसके बाद आयुष्मान कार्ड बनाने के कार्य में तेजी आई है।
14 सितंबर की स्थिति में 8 लाख 8 हजार 156 आयुष्मान कार्ड बनाकर सतना जिला 5 दिनों में 5 रैंक ऊपर अर्थात 46वें स्थान पर आ गया है। आयुष्मान कार्ड बनाने की दैनिक गति 5 से 6 हजार कार्ड बनाए जाने की है और कुल औसत दैनिक प्रगति 1.19 प्रतिशत की वृद्धि हो रही है। सतना जिले में 15 लाख 5 हजार 972 पात्र व्यक्तियों के आयुष्मान कार्ड बनाने का लक्ष्य है। अब तक 54.01 प्रतिशत लोगों अर्थात 8 लाख 13 हजार 306 हितग्राहियों के कार्ड बनाए जा चुके हैं।