छतरपुर/खजुराहो, भास्कर हिंदी न्यूज़/ विश्व पर्यटन नगरी खजुराहो के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में बड़ी लापरवाही सामने आई है। यहां स्वजन एक युवक को गंभीर रूप से बीमार होने पर इलाज के लिए लेकर आए थे। मरीज को आक्सीजन मिल जाती तो शायद उसकी जिंदगी बच जाती, लेकिन ड्यूटी पर तैनात डाक्टर ने लापरवाही दिखाई। इससे मरीज की मौत हो गई। घटनाक्रम सोमवार का है। स्वजन ने डाक्टर पर आरोप लगाए हैं। वहीं बीएमओ डा. यशवंत बामौरिया ने जांच कर कार्रवाई की बात कही है।
सोमवार को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र खजुराहो में 40 वर्षीय प्रभुदयाल अहिरवार को गंभीर हालत में इलाज के लिए स्वजन लेकर पहुंचे थे। स्वजन और चश्मदीदों के अनुसार प्रभुदयाल को आक्सीजन के साथ इलाज की जरूरत थी, लेकिन अस्पताल में मौजूद डा. अजीत जादौन ने मरीज को देखा नहीं। ऐसे में प्रभुदयाल स्ट्रेचर पर ही तड़पते रहे। सुबह करीब 11ः30 बजे डा. उमराव छतरपुर से आए तो उन्होंने आनन-फानन में प्रभुदयाल को जिला अस्पताल रेफर कर दिया। इस दौरान स्वजन ने कहा कि उनके पास एंबुलेंस के लिए रुपये नहीं हैं तो काफी देर बाद अस्पताल की एम्बुलेंस ड्राइवर को डीजल के लिए रोगी कल्याण समिति से 11 सौ रुपये दिए तब एम्बुलेंस अस्पताल के गेट पर आई। इस दौरान मरीज की मौत हो गई थी। स्वास्थ्य कर्मचारी प्रभुदयाल को एंबुलेंस में ले जाने लगे तो वार्ड क्रमांक तीन के पूर्व पार्षद दुर्गा पटेल ने डाक्टरों से कहा एक बार मरीज को देख लो। डाक्टर ने दोबारा चेकअप किया तो प्रभुदयाल को मृत घोषित कर दिया। इस दौरान भी स्वजन से कहा गया कि एंबुलेंस तो आ गई है। अब प्रभुदयाल को जिला अस्पताल ले जाओ, लेकिन स्वजन और मौके पर मौजूद लोगों ने इनकार कर दिया। मृतक के भाई कमल अहिरवार ने बताया एक घंटे तक भाई इलाज के लिए तड़पता रहा, लेकिन इलाज नहीं किया गया। डाक्टर सिर्फ रेफर करने की कहते रहे। वहीं डा. अजीत जादौन और डा. उमराव ने लापरवाही की बात से इनकार किया है।