सतना, भास्कर हिंदी न्यूज़/ सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत शासकीय उचित मूल्य दुकानों में प्रदाय केंद्रों से उठाव कर सामग्री भेजने का कार्य नागरिक आपूर्ति निगम द्वारा नियुक्त परिवहनकर्ता मेसर्स विशाल रोड कैरियर द्वारा किया जा रहा है।
कलेक्टर अनुराग वर्मा ने गत 6 महीनों की उठाव समीक्षा के दौरान पाया कि नियुक्त परिवहनकर्ता द्वारा समय से खाद्यान्न का उठाव उचित मूल्य दुकानों में नहीं पहुंचाने पर उपभोक्ताओं को सुचारू रूप से खाद्यान्न वितरण नहीं हो पा रहा है। जिसकी शिकायतें लगातार सीएम हेल्पलाइन में बढ़ती जा रही हैं। जिला प्रबंधक एमपी स्टेट सिविल सप्लाईज सतना दिलीप सक्सेना को बार-बार निर्देश करने के बावजूद परिवहनकर्ता द्वारा कोई सुधार नहीं किया जा रहा।
कलेक्टर अनुराग वर्मा ने शासन की मंशा अनुसार उपभोक्ताओं को समय पर खाद्यान्न वितरण और उपलब्धता के लिए सतना नगरीय क्षेत्र में संचालित राशन दुकानों के संचालकों को अधिकृत किया है कि वह आवंटित मात्रा का उठाव प्रदाय केंद्रों से सीधे कर सकते हैं। इसके लिए नागरिक आपूर्ति निगम द्वारा परिवहन व्यय भी दिया जाएगा। कलेक्टर ने नगरीय क्षेत्र में इस व्यवस्था को सुचारू रूप से संचालित करने और उपभोक्ताओं को समय पर खाद्यान्न वितरण कराने के निर्देश सहायक आपूर्ति अधिकारी एवं विभाग के कार्यपालिक अमले को दिए हैं।
बाल देखरेख संस्थानों में निवासरतों की पहचान सार्वजनिक करना अपराध
छः माह की कैद और 2 लाख रूपये तक जुर्माना का दंड
बाल देखरेख संस्थानों में निवासरत बच्चों की पहचान सार्वजनिक करने वाले व्यक्ति या व्यक्तियों को 6 माह की जेल और 2 लाख रूपये तक के जुर्माने का अधिनियम में प्रावधान है। किशोर न्याय (बालकों के देखरेख एवं संरक्षण) अधिनियम 2015 की धारा 41 (2) के तहत बाल देखरेख संप्रेक्षण गृह संचालित किये जा रहे है। किशोर न्याय (बालकों के देखरेख एवं संरक्षण) अधिनियम 2015 की धारा 74 के अन्तर्गत बाल देखरेख संस्थानों में निवासरत बालकों की पहचान सार्वजनिक नहीं की जाये। धारा 74 के अनुसार किसी जांच या अन्वेषण या न्यायिक प्रक्रिया के संबंध में किसी समाचार पत्र, पत्रिका, न्यू-सीट या श्रव्य-दृश्य माध्यम या संचार के किसी अन्य रूप में किसी रिपोर्ट में ऐसा नाम, पते या विद्यालय या किसी अन्य विशिष्ट को प्रकट न करें। जिससे कि विधि के विरोध में किसी बालक या देखरेख और संरक्षण की आवश्यकता में किसी बालक या बाल पीड़ित व्यक्ति या किसी साक्षी, जो तत्समय प्रवृत्त किसी अन्य विधि के अधीन ऐसे मामले में शामिल है न ही पहचान प्रकट हो सकती है और न ही ऐसे बालक का कोई चित्र प्रकाशित किया जाये। किशोर न्याय अधिनियम उपधारा (1) के उपबन्धों का उल्लंघन करने वाले व्यक्ति को छः मास तक का कारावास हो सकेगा एवं दो लाख रूपये तक का जुर्माना या दोनों से, दण्डित किया जायेगा।
एनएफएसए के शेष रहे पात्र परिवार भी होंगे शामिल
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत मध्यप्रदेश में कुल 5.46 करोड़ लोगों को पात्रता की सीमा रखी गई है। जिसमें वर्तमान में 5.08 करोड़ हितग्राही लाभान्वित हो रहे हैं। इस प्रकार राज्य में वर्तमान में 38 लाख नवीन हितग्राहियों को और जोड़ा जाकर लाभान्वित किया जा सकता है।
आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर राज्य शासन ने निर्णय लिया है कि खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत छूट गये पात्र परिवारों को स्थानीय निकायों के माध्यम से विशेष अभियान चलाकर चिन्हित कर प्राथमिकता परिवार श्रेणी में जोड़ने की कार्यवाही की जाये।
कलेक्टर अनुराग वर्मा ने बताया कि आजादी के अमृत महोत्सव पर पात्रता सूची में छूटे हुए पात्र परिवारों के हितग्राहियों को स्थानीय निकाय के माध्यम से 16 अगस्त से 15 अक्टूबर तक विभिन्न स्तर पर कार्रवाई कर विशेष अभियान चलाकर 27 प्राथमिकता परिवार की श्रेणी में शामिल करने चिन्हित किया जाएगा। इस दौरान निकाय कर्मियों द्वारा एम राशन मित्र पोर्टल पर नएहितग्राहियों के निर्धारित प्रारूप में आवेदन, आधार नंबर, मोबाईल नंबर, पात्रता श्रेणी, वर्तमान पता सहित पात्रता संबंधी दस्तावेज अपलोड किए जाएंगे। पंजीयन के बाद आवेदन राशन मित्र पोर्टल पर संबंधित स्थानीय निकाय अधिकारी को अग्रेषित किया जाएगा, जो आवेदन खाद्य अधिकारी को अग्रेषित करेंगे। एनआईसी भोपाल द्वारा प्राप्त डाटा को एनआईसी हैदराबाद के साथ शेयर कर पात्रता पर्ची जारी की जाएगी। पात्रता पर्चियों को स्थानीय जन-प्रतिनिधियों के माध्यम से वितरित कराया जाएगा। प्रत्येक बुधवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग से प्रगति की समीक्षा की जाएगी। निर्धारित समय-सीमा में संपूर्ण प्रक्रिया पूरी कर 15 अक्टूबर तक नवीन जुड़े परिवारों को राशन वितरण सुनिश्चित कराया जायेगा।
व्यवस्थित रुप में करें जनसुनवाई- कलेक्टर
एसडीएम के नेतृत्व में तहसील, ब्लाक स्तर के अधिकारी रहेंगे उपस्थित
कलेक्टर अनुराग वर्मा ने कहा कि जनपद और तहसील स्तर पर प्रॉपर तरीके से जनसुनवाई संचालित नहीं होने से दूर-दराज के ग्रामीणों एवं आवेदकों को जिला मुख्यालय तक अनावश्यक भटकना पड़ता है। उन्होंने सभी एसडीएम को निर्देशित किया है कि तहसील मुख्यालय पर एसडीएम अपने नेतृत्व में मंगलवार को प्रातः 11 बजे से दोपहर 1 बजे तक बैठकर व्यवस्थित रूप से जनसुनवाई करेंगे। इन तहसील स्तरीय जनसुनवाई में तहसील और विकासखंड स्तर के विभागीय अधिकारी अनिवार्य रूप से उपस्थित रहेंगे। तहसील और ब्लॉक लेवल के अधिकारियों की उपस्थिति जिला विभाग प्रमुख सुनिश्चित कराएंगे। किसी अधिकारी को अन्य कार्य से मुख्यालय छोड़ना पड़े तो वह अपने क्षेत्र के एसडीएम से अनुमति प्राप्त कर ही जाएंगे।
इसी प्रकार जिला कलेक्ट्रेट के सभाकक्ष में भी मंगलवार को प्रातः 11 बजे से 1 बजे तक जन सुनवाई होगी। जिसमें सभी संबंधित विभाग प्रमुख उपस्थित रहेंगे। नगर निगम की जनसुनवाई पृथक से नगर निगम कार्यालय में होगी। कलेक्ट्रेट की जनसुनवाई में एक वरिष्ठ और जिम्मेदार अधिकारी नगर निगम की ओर से उपस्थित रहेंगे।