सतना, भास्कर हिंदी न्यूज़/ श्रमायुक्त मध्यप्रदेश वीरेन्द्र सिंह रावत ने सहायक श्रमायुक्त कार्यालय सतना में पदस्थ श्रम निरीक्षक रमाकांत लोधी को वरिष्ठ अधिकारियों के आदेशों की अवहेलना, कर्तव्य के प्रति लापरवाही और प्रधानमंत्री मानधन श्रम योगी पेंशन योजना में उदासीनता बरतने पर तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। उल्लेखनीय है कि सोमवार को कलेक्टर अनुराग वर्मा की अध्यक्षता में संपन्न समय-सीमा प्रकरणों की बैठक में श्रम निरीक्षक के पहाड़ी और जसो में प्रधानमंत्री मानधन श्रम योगी पेंशन योजना के पंजीयन हेतु लगाये गये शिविर में अनुपस्थित रहने पर कलेक्टर ने संबंधित श्रम निरीक्षक रमाकांत लोधी को निलंबित करने के निर्देश दिये थे। निलंबित कर्मचारी का मुख्यालय निलंबन अवधि में श्रम पदाधिकारी कार्यालय सीधी नियत किया गया है।
आधार डाटा संग्रहण करने संबंधी बैठक आज
उप जिला निर्वाचन अधिकारी राजेश शाही ने बताया कि भारत निर्वाचन आयोग द्वारा मतदाता रजिस्ट्रीकरण अधिनियम 1960 के नियम 26‘बी’ में संशोधन किया जाकर मतदाताओं के आधार नंबर, मतदाताओं से स्वैच्छिक आधार पर लिये जाने का प्रावधान किया गया है। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी भोपाल के निर्देशानुसार इस संबंध में मतदाताओं के बीच प्रचार-प्रसार किये जाने 3 अगस्त को संयुक्त कलेक्ट्रेट भवन सतना के सभाकक्ष में मान्यता प्राप्त राजनैतिक दलों के अध्यक्ष एवं सचिव के साथ सायं 4 बजे बैठक आयोजित की गई है।
जिले में अब तक 324 मि.मी. औसत वर्षा दर्ज
जिले में इस वर्ष 1 जून से 2 अगस्त 2022 तक 324 मि.मी. औसत वर्षा दर्ज की गई है। अधीक्षक भू-अभिलेख सतना से प्राप्त जानकारी के अनुसार जिले की सतना (रघुराजनगर) तहसील में 365.5 मि.मी., सोहावल (रघुराजनगर) में 242.6 मि.मी., बरौंधा (मझगवां) में 145.7 मि.मी., बिरसिंहपुर में 503 मि.मी., रामपुर बघेलान में 251 मि.मी., नागौद में 507 मि.मी., जसो (नागौद) में 209 मि.मी., उचेहरा में 370 मि.मी., मैहर में 234.9 मि.मी., अमरपाटन में 329 मि.मी. तथा रामनगर तहसील में 406.9 मि.मी. औसत वर्षा अब तक दर्ज की जा चुकी है। जिले की औसत सामान्य वर्षा 1039.7 मि.मी. है। गत वर्ष इस अवधि तक जिले में 501.7 मि.मी. वर्षा दर्ज की जा चुकी थी।
भू-अधिकार ऋण पुस्तिका अब ऑनलाईन
किसानों और आम जनता को भू-अधिकार ऋण पुस्तिका प्राप्त करने के लिए अब पटवारी के पास जाने की जरूरत नहीं है। आम जनता की सुविधा के लिये भू-अधिकार ऋण पुस्तिका को ऑनलाइन कर दिया गया है। कोई भी व्यक्ति अपनी भू-अधिकार ऋण पुस्तिका को नजदीकी कियोस्क सेंटर अथवा कॉमन सर्विस सेंटर या स्वयं के एन्ड्रायड मोबाइल से निर्धारित शुल्क 10 रूपये अदा कर ले सकता है।
कृषकों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए राजस्व विभाग ई-तकनीक को बढ़ावा दे रहा है, ताकि किसानों एवं आमजन को तहसील एवं पटवारी के चक्कर न लगाने पड़े। वर्षों पूर्व आमजन और किसानों को अपने खाते की नकल पाना कठिन कार्य था। जन-मानस की परेशानी को ध्यान में रखते हुए राजस्व विभाग के नियमों में बदलाव कर जन-सुविधा से जुड़े अभिनव प्रयोग किए जा रहे हैं। राजस्व विभाग द्वारा कृषकों से अपील की गई है कि सुविधाजनक रूप से किए गए बदलाव का ई-तकनीक के माध्यम से लाभ उठाएँ और परेशानी से बचें। सरकार द्वारा किसानों या आमजन को उनके खाते की खसरा, वी-1 एवं ऋण-पुस्तिका की प्रति वाट्सएप पर उपलब्ध कराने का निर्णय लिया गया है।