सतना, भास्कर हिंदी न्यूज़/ माननीय न्यायालय विशेष न्यायाधीश पाक्सो एक्ट श्रीमती शिल्पा तिवारी द्वारा विष्णु उर्फ नीलू त्रिपाठी तनय करूणेन्द्र त्रिपाठी उम्र 44 वर्ष निवासी कोटर वार्ड क्र0 7 थाना कोटर जिला सतना, को धारा 06 बालको लैंगिकअपराध का संरक्षण अधिनियम 2012 में 20 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 20000 रू0 का अर्थदण्ड एवं धारा 377 भादवि0 में 10 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 10000 रू0 का अर्थदण्ड में दण्डित किया गया। अर्थदण्ड की राशि अदा ना करने पर 06-06 माह का अतिरिक्त सश्रम कारावास से दंडित किया गया । मामले में राज्य की ओर से पैरवी अति0 जिला अभियेाजन अधिकारी / विशेष लोक अभियोजक श्रीमती ज्योति जैन द्वारा की गई ।
अभियोजन प्रवक्ता हरिकृष्ण त्रिपाठी ने बताया कि नाबालिग पीड़िता की मॉ ने नाबालिग पीड़िता के साथ थाना कोटर जिला सतना में उपस्थित होकर इस आशय से मौखिक रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि वह 24 मई 2020 को अपने घर पर अपने तीनो बच्चों के साथ जमीन पर बिस्तर लगाकर सो रही थी। रात को लगभग 12:00 बजे अचानक उसकी बच्ची की रोने की आवाज सुनकर जागी तो देखी कि नीलू त्रिपाठी उसकी बच्ची को गोद में लिए जा रहा था । तब वह अपनी बच्ची को नीलू त्रिपाठी से छुडाने लगी लेकिन नीलू त्रिपाठी उसकी लडकी को नही छोड रहा था। किसी तरह उसे छुडाया तब नाबालिग पीड़िता ने अपनी मॉ को बताया कि नीलू त्रिपाठी उर्फ विष्णु चाचा ने उसके साथ गलत काम करने की कोशिश की। अभियुक्त ने उसके दोनो गालो पर जोर से काट लिया था नाबालिग पीड़िता की मॉ घटना की बात सुनकर घबरा गई और रात भर जागती रही। घटना के संबंध में सुबह होने पर प्रेमलाल चौधरी तथा अपने लडके , किशन की मम्मी को बताया और 100 नं0 पर फोन लगाया जिससे पुलिस नाबालिग पीड़िता के घर आ गई । नाबालिग पीड़िता की मॉ के रिपोर्ट के आधार पर थाना कोटर में अपराध क्र0 92/2020 अंतर्गत धारा 376 भादवि0 एवं 5/6 पाक्सो् एक्ट तथा 3(2)5 एससीएसटी0 एक्ट आरोपी के विरूद्ध मुकदमा पंजीबद्ध किया गया।
विवेचना के दौरान घटना स्थल का मौका नक्शा , अभियोक्त्री का मेडिकल परीक्षण, नाबालिग पीड़िता तथा उसकी मॉ के धारा 164 दंप्रसं के न्यायालयीन कथन नाबालिग पीड़िता की उम्र से संबंधित उसके स्कूल का स्का्लर रजिस्ट्रर अभियुक्त) का मेडिकल परीक्षण, तथा साक्षियो के धारा 161 दंप्रसं0 के कथन तथा आरोपी को गिरफ्तार कर आरोप पत्र माननीय न्यायालय के समक्ष पेश किया गया।