सतना, भास्कर हिंदी न्यूज़/ उच्च शिक्षा विभाग द्वारा प्रदेश के शासकीय, अशासकीय विश्वविद्यालय तथा महाविद्यालयों से रोजगार, स्व-रोजगार, उद्यमिता और प्लेसमेंट प्राप्त विद्यार्थियों की जानकारी चाही गई है। यह जानकारी अभी तक केवल शासकीय महाविद्यालयों और कुछ विश्वविद्यालयों से ही प्राप्त होती थी। राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 तथा आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश को ध्यान में रखते हुए उच्च शिक्षा विभाग ने प्रदेश के सभी शैक्षणिक संस्थाओं से प्रतिमाह उक्त जानकारियाँ चाही हैं। अब प्रदेश के सभी 56 विश्वविद्यालयों और 1360 महाविद्यालयों द्वारा प्लेसमेंट एवं रोजगार, स्व-रोजगार की जानकारी प्रतिमाह स्वामी विवेकानंद करियर मार्गदर्शन योजना के अधिकारिक मेल आईडी पर उपलब्ध कराई जाएगी। यह जानकारी प्रत्येक माह समेकित कर शासन को प्रेषित की जाएगी, जिससे उच्च शिक्षा संस्थानों में अध्ययनरत विद्यार्थियों के रोजगार के बारे में नियमित रूप से जानकारी प्राप्त हो सके। उच्च शिक्षा विभाग का यह संकल्प निश्चित रूप से मध्यप्रदेश को आत्म-निर्भरता की ओर ले जाने में एक महत्वपूर्ण कदम होगा।
इस साल लक्ष्य से 110 प्रतिशत ज्यादा तेंदूपत्ता संग्रहीत
वन मंत्री डॉ. कुंवर विजय शाह ने प्रबंधन अमले को दी बधाई
प्रदेश में इस साल लक्ष्य के विरुद्ध 110 प्रतिशत ज्यादा तेंदूपत्ता संग्रहण किया गया है। लक्ष्य 16 लाख 29 हजार मानक बोरा था, जिसके विरुद्ध 18 लाख 2 हजार मानक बोरा तेंदूपत्ता का संग्रहण किया गया। वर्ष 2021 में 16 लाख 60 हजार मानक बोरा तेंदूपत्ता का संग्रहण हुआ था।
इस उपलब्धि पर वन मंत्री डॉ. कुंवर विजय शाह ने संग्राहकों, प्राथमिक वनोपज सहकारी समितियों के सदस्यों और तेंदूपत्ता संग्रहण एवं प्रबंधन से जुड़े अमले को बधाई दी है। उल्लेखनीय है कि प्रदेश में तेंदूपत्ता संग्रहण जनजातीय बहुल क्षेत्रों में आजीविका का बड़ा स्रोत है।
प्रदेश में राज्य लघु वनोपज संघ 80 जिला यूनियन और 1071 प्राथमिक वनोपज सहकारी समितियों से तेंदूपत्ता संग्रहण का कार्य कर रहा है। इससे 35 लाख संग्राहक जुड़े हैं। इनमें से 50 प्रतिशत संग्राहक अनुसूचित जनजाति परिवारों के हैं और 40 प्रतिशत संग्राहक महिलाएँ हैं।
540 करोड़ की राशि का पारिश्रमिक संग्राहकों के खाते में होगा अंतरित
मध्यप्रदेश राज्य लघु वनोपज संघ के प्रबंध संचालक पुष्कर सिंह ने जानकारी दी है कि वन समितियों और तेन्दुपत्ता संग्राहकों के गत 22 अप्रैल को हुए सम्मेलन में मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने तेन्दुपत्ता संग्रहण दर में 500 रूपये की बढ़ोत्तरी किए जाने की घोषणा की थी, जिसके फलस्वरूप 3 हजार रूपये प्रति मानक बोरा दर निर्धारित कर दी गई है। इस वृद्धि से संग्राहकों के पारिश्रमिक में भी वृद्धि हुई है। इस वर्ष तेन्दूपत्ता संग्राहकों को लगभग 540 करोड़ की राशि पारिश्रमिक के रूप में सीधे उनके खाते में वितरित कराना प्रारंभ हो गया है, जो गत वर्ष की तुलना में 100 करोड़ रूपये से ज्यादा है। तेन्दूपत्ता संग्रहण से वर्ष 2020 में 600 करोड़ और वर्ष 2021 में 843 करोड़ रूपये का विक्रय मूल्य प्राप्त किया गया।