रूट चेकिंग की आडिट के बाद हुआ खुलासा
एटीएम में पैसे डालने वाली कंपनी सी.एम.एस इन्फोसिस के थे कर्मचारी
तीन दिन पहले वारदात को दिया अंजाम
सोमवार को कंपनी ने दर्ज कराई रिपोर्ट
आरोपियों की तलाश में जुटी पुलिस
सतना/चित्रकूट/ भास्कर हिंदी न्यूज/ आप लोगों ने यह कहावत तो सुनी ही होगी कि जब बाड़ ही खेत खाने लगे तो खेत का क्या होगा? कुछ ऐसा ही वाकया एम.पी, यूपी के सीमाई इलाके चित्रकूट में हुआ। दो शातिर बदमाशों ने पहले एटीएम में नोट भरने वाली कंपनी सी.एम.एस इन्फोसिस में कस्टोडियन के तौर पर नौकरी ज्वाइन की तथा जैसे ही 78 लाख 20 हजार की रकम उन्हें एटीएम में डालने की लिए दी गई उसे लेकर फरार हो गये। इस वारदात की जानकारी भी सीएमएस इन्फोसिस कंपनी को तीन बाद लगी। शातिर बदमाशों के पास एटीएम में पैसे डालने के लिए चेस्ट पासवर्ड दिये गये थे। जिसका उन्होंने पूरा फायदा उठाया और 78 लाख रुपये उड़ा कर चलते बने। इस मामले की रिपोर्ट सीएमएस इन्फोसिस कंपनी के मैनेजर मनीष दीक्षित ने सोमवार को कर्वी में दर्ज कराई है। इसके अलावा ब्रांच मैनेजर ने कर्वी के एसपी को लिखित आवेदन देकर शातिर बदमाशों को पकड़ने का अनुरोध किया है।
क्या है मामला
इस संबंध में हासिल जानकारी के अनुसार कानपुर के विष्णुपुरी नवाबगंज में संचालित सी.एम.एस इन्फोसिस कंपनी यू.पी के कई बैंको के एटीएम में कैश फिलिंग का कार्य करती है। चित्रकूट के कई एटीएम में भी पैसा डालने की जिम्मेदारी इसी कंपनी को दी गई थी। कंपनी ने इस कार्य के लिए कस्टोडियन के तौर पर कानपुर निवासी विकास तथा अयोध्या निवासी प्रदीप पांडेय को नियुक्त कर रखा था। दोनों चित्रकूट तथा कर्वी के आसपास कई एटीएम में पैसा डालने का काम करते थे। एटीएम में पैसा भरने के लिए कंपनी कस्टोडियन को चेस्ट पासवर्ड उपलब्ध कराती है जिसको डालने के बाद ही एटीएम का कैश फिलिंग बाक्स खुलता है। शातिर बदमाशों ने एटीएम में कैश फिलिंग की पूरी रैकी की, और जैसे ही उन्हें बड़ी रकम कैश बाक्स में भरने की जिम्मेदारी दी गई दोनों ने अलग-अलग एटीएम में डाली जाने वाली 78 लाख 20 हजार की रकम पार कर दी। वारदात को अंजाम देने के बाद दोनों बदमाशों ने एटीएम की चाभी सिक्योरिटी गार्ड को सौंपी और रकम लेकर भाग खड़े हुए।
ऐसे हुआ खुलासा
कंपनी से किस हद तक लापरवाही हुई इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि एटीएम से 78 लाख की भारी-भरकम रकम गायब हो जाने के बाद भी वह गंभीर नहीं हुई और शातिर बदमाश नगदी लेकर फरार हो गये। बताया जाता है कि रकम गायब होने का खुलासा तब हुआ जब सी.एम.एस इन्फोसिस कंपनी के कुछ कर्मचारी आडिट में जुटे। आडिट के दौरान यह जानकारी हुई कि कुछ एटीएम में पैसे कम डाले गये हैं जबकि बैंको ने ज्यादा रकम भरने के लिए दी थी। यह जानकारी जब कंपनी के अधिकारियों को लगी तो उनके होश उड़ गये। कंपनी ने आनन-फानन में कंपनी के तीन लोगों को अलग-अलग ठिकानों पर रुट चेकिंग के लिए भेजा। तब जाकर खुलासा हुआ कि शातिर बदमाशों ने अलग-अलग एटीएम से कुल 78लाख 20 हजार की भारी-भरकम नगदी उड़ाई और सिक्युरिटी गार्ड को चाभी सौंप कर फरार हो गये।
…और मोबाइल हो गये स्विच आफ
जैसे ही रकम गायब होने की जानकारी सी.एम.एस कंपनी को लगी तो कंपनी के अफसरों ने दोनों बदमाशों के मोबाइल नंबर पर काल किया। कई बार काल करने के बाद भी दोनों के मोबाइल नंबर स्विच आफ आ रहे थे। इस बीच रुट चेकिंग पर आये सीएमस कंपनी के एक कर्मचारी ने जब एचडीएफसी बैंक के एटीएम में तैनात गार्ड से पूछताछ की तो उसने बताया कि 17 नवंबर की रात प्रदीप अपनी पत्नी अर्चना पांडेय के साथ कार में आया था तथा बताया कि मेरे पिता जी की तबियत बहुत खराब है इसलिए रूट की चाभियां विकास को दे देना। इतना बोल कर वह चलता बना।
पुलिस जुटी तलाश में
एटीएम में कैश भरने वाली कंपनी सी.एम.एस इन्फोसिस के प्रबंधक की रिपोर्ट पर पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर नामजद बदमाशों की तलाश शुरू कर दी है। बदमाश कितने शातिर थे इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उन्होंने एक ही एटीएम से फीलिंग के दौरान कैश गायब करने की जगह अलग-अलग स्थानों पर लगे एटीएम को अपना निशाना बनाया जिससे गड़बड़ी का जल्दी पता न चल सके, और यही हुआ। शातिर बदमाशों द्वारा 78 लाख की नगदी पार करने की खबर कंपनी को तीन दिन बाद लगी। कंपनी की शिकायत पर कर्वी पुलिस दोनों की सरगर्मी से तलाश में जुटी है।