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Satna: जीवन के कठिन संघर्ष से विचलित हुए बिना सिविल जज बने शिवाकांत

सतना, भास्कर हिंदी न्यूज़/ सतना जिले के अमरपाटन कस्बे में रहने वाले शिवाकांत कुशवाहा के जीवन के कठिन संघर्षों से बिना विचलित हुए सिविल जज बनने का प्रयास आज की युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणादायी उदाहरण बन चुका है। हिंदी मीडियम से अपने गांव और कस्बे में स्कूली शिक्षा पूरी करने वाले शिवाकांत कुशवाहा ने परिवार को हर दिन दो वक्त की रोटी जुटाने का संघर्ष और कई बार जज की परीक्षा में मिली असफलताएं, बढ़ती उम्र सीमा का ख्याल जैसी चुनौतियों से हार नहीं मानी। उन्होंने उम्र सीमा के आखिरी पड़ाव पर आखिर मध्यप्रदेश व्यवहारिक न्यायाधीश वर्ग-2 की परीक्षा में सफलता हासिल की।

सिविल जज की परीक्षा में सफल होने के बाद बुधवार को वह जिला कलेक्टर अनुराग वर्मा से सौजन्य भेंट करने पहुंचे। कलेक्टर श्री वर्मा ने बुके भेंट कर शिवाकांत कुशवाहा को सिविल जज बनने पर बधाई दी और उनके संघर्षमय जीवन में सफलता हासिल करने पर उत्साहवर्धन किया। शिवाकांत कुशवाहा अप्रैल माह में सिविल जज की परीक्षा में चयनित हुए हैं। अभी उन्हें पोस्टिंग ऑर्डर का इंतजार है। व्यवहार न्यायाधीश वर्ग-2 के पद के लिए चयनित शिवाकांत कुशवाहा की प्रारंभिक शिक्षा शिशु मंदिर अमरपाटन में हुई। इसके बाद हायर सेकेंडरी सरदार पटेल उच्चतर माध्यमिक विद्यालय अमरपाटन से करने के बाद टीआरएस कॉलेज रीवा से एलएलबी, एलएलएम किया। कमजोर घरेलू परिस्थितियों के मद्देनजर अमरपाटन कचहरी में वकालत का पेशा भी अपनाया, लेकिन परिवार के खर्च का गुजारा नहीं हो पाया। लिहाजा उन्होंने अमरपाटन-सतना रोड पर पिता के पुस्तैनी व्यवसाय सब्जी बेचने वाला ठेला और जूस का ठेला भी जीविकोपार्जन के लिए लगाया।

सब्जी बेचने के व्यवसाय के दौरान अमरपाटन के जज साहब के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी ने उन्हें जज साहब से मिलने की सलाह दी। जज साहब ने उन्हें व्यवहारिक न्यायाधीश की परीक्षा में बैठने के लिए प्रोत्साहित किया। इस दौरान शिवाकांत ने बताया कि वर्ष 2013 में उनकी मां का देहांत हो गया। मां का सपना था कि बेटा जज बने, इसलिए उन्होने लगातार जज बनने का सपना पूरा करने लगातार 8 बार परीक्षा दी। जज साहब की प्रेरणा और मां का सपना पूरा करने के संकल्प के साथ अंतिम प्रयास में उन्होंने सफलता का मुकाम हासिल किया।

शिवाकांत कुशवाहा का कहना है कि कड़ी मेहनत और लक्ष्य के प्रति ईमानदारी से किए गए प्रयास सफलता पाने से नहीं रोक सकते। इसके लिए छोटी जगह में रहकर शिक्षा-दीक्षा कोई मायने नहीं रखता। आपके प्रयासों में जोर होना चाहिए। मध्यप्रदेश व्यवहारिक न्यायाधीश वर्ग-2 में चयनित शिवाकांत कुशवाहा के बहनोई श्री प्रेमलाल कुशवाहा कलेक्टर सतना के न्यायालय में रीडर पद पर कार्यरत हैं। शिवाकांत कुशवाहा अपनी सफलता का श्रेय उन्हें भी देते हैं।

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