Tuesday , May 21 2024
Breaking News

Satna: स्मार्ट सिटी के चेहरे पर दाग लगा रहा बिरला सीमेंट प्रबंधन

  • रास्ते पर लगाये पिलर, न कचरा गाड़ी जा पा रही, न ही शव वाहन
  • वार्ड नंबर पांच का आवागमन अवरुद्ध किया
  • सड़क पर ही कचरा फेंक रहे लोग
  • नाली साफ करने के बाद ननि सफाई कर्मियों ने लोगों के दरवाजे पर लगाया ढेर
  • लोगों का जीना मुहाल, चार दिनों से सड़ांध मार रहा कचरा
  • सीएम हेल्पलाइन में की जा चुकी है शिकायत, निगमकर्मियों ने दबाव बना कर वापस लेने पर किया मजबूर

सतना,भास्कर हिंदी न्यूज़/ स्मार्ट सिटी सतना का वार्ड नंबर-5 बिरला प्रबंधन एवं नगर निगम की हठधर्मिता के चलते स्थानीय रहवासियों के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है। बीते 40 सालों से चल रहे आवागमन के रास्ते को बिरला प्रबंधन ने हादसों का नाम देकर लोहे के दो पिलर खड़े कर पिछले कई महीनों से बंद करवा दिया है। जिन हादसों का जिक्र बिरला प्रबंधन अपने बचाव में करता है सच्चाई यह है कि उक्त हादसे बरदाडीह फाटक में नहीं अपितु मारुति नगर रेलवे क्रासिंग में होते रहते हैं। बावजूद उस स्थान पर न तो कोई बैरिकेड्स लगाये गये और न ही किसी तरह के सुरक्षात्मक उपाय किये गये। बिरला प्रबंधन की इस करतूत का खामियाजा रेलवे ट्रैक के किनारे रहने वाले सैकड़ों रहवासियों को उठाना पड़ रहा है। रहवासियों ने इस संबंध में लिखित शिकायत नगर निगम तथा सीएम हेल्पलाइन में की है बावजूद इसके अभी तक बैरिकेड़्स नहीं हटाये गये हैं। आचार संहिता का बहाना लेकर निगम के जिम्मेदार समाजसेवी भी इस मामले को गंभीरता से नहीं ले रहे जिसके चलते लोगों में आक्रोश की स्थिति निर्मित हो रही है।

न कचरा गाड़ी पहुंच पा रही और न ही शव वाहन व एंबुलेंस

बिरला प्रबंधन की उक्त करतूत से उपरोक्त रास्ते से न तो कचरा गाड़ी लोगों के दरवाजे तक पहुंच पा रही है, और न ही लोगों के यहां बीमार परिजन को अस्पताल ले जाने के लिए एंबुलेंस जा पा रही है। इतना ही नहीं यदि किसी के यहां मृत्यु भी हो जाती है तो उसे पहले शव को मुख्य रास्ते पर लाना पड़ता है तब कहीं जाकर शव वाहन में उसे रखा जाता है। शव वाहन भी लोगों के दरवाजे तक नहीं पहुंच पा रहा है। इस तरह की दुखद स्थितियां कई बार निर्मित हो चुकी हैं, बावजूद इसके नगर निगम के जिम्मेदार और बिरला प्रबंधन हठधर्मिता पर उतारू हैं। इस मामले की शिकायत जब स्थानीय लोगों ने सीएम हेल्पलाइन में की तो निगमकर्मियों ने अपनी नौकरी खतरे में पडऩे की दुहाई देकर शिकायत वापस लेने पर मजबूर कर दिया।

किसकी जमीन, इस मामले में फंसी पेंच

बैरीकेड्स लगा कर रास्ते को बंद करने के संबंध में जब बिरला प्रबंधन के जिम्मेदारों से संपर्क किया गया तो उनका साफ कहना था कि रास्ते पर रेलवे ने बैरिकेडस लगाये हैं। जबकि उक्त भूमि राजस्व महकमें के अंतर्गत आती है। रेलवे ने भी स्पष्ट तौर पर बैरिकेडस लगाने से इंकार किया है। सवाल यह है कि जब रेलवे व बिरला सीमेंट ने बैरिकेड्स नहीं लगवाये तो फिर बैरिकेड्स किसने लगवाये। जिस जमीन पर बिरला का रेलवे ट्रैक संचालित है वह राजस्व की भूमि है। सूत्रों के मुताबिक रिकार्ड निकाले जायें तो संबंधित लीज भी संदेह के दायरे में है। बताया जाता है कि लीज की अवधि समाप्त हो चुकी है इसके बाद भी उक्त भूमि पर अवैध तरीके से रेलवे ट्रैक संचालित किया जा रहा है।

अगर मार्ग सार्वजनिक नहीं है तो फिर नाली निर्माण और पेयजल आपूर्ति लाइन कैसे बिछा दी गई?

आवागमन के सुगम मार्ग को बाधित करने के संदर्भ में बिरला प्रबंधन की रहस्यमयी चुप्पी संदिग्ध है। उक्त मार्ग के किनारे नगर निगम द्वारा ही तकरीबन 25 वर्ष पूर्व नाली का निर्माण करा गया था जो आज भी है और बारिश के समय पूरे मोहल्ले का पानी निकास इसी नाली से होता है। इतना ही नहीं क्षेत्रीय रहवासियों के लिए सुगम पेयजल आपूर्ति के लिए उपरोक्त मार्ग के किनारे अमृत मिशन के तहत पाइप लाइन भी बिछाई गई। अब जब इस मार्ग को बिरला प्रबंधन द्वारा बंद करने की साजिश के तहत बैरीकेड्स लगा दिये गये हैं तो लोगों का आक्रोश बढ़ता जा रहा है। यदि इस पर जिम्मेदारों ने गंभीरता से ध्यान हीं दिया तो कभी भी यह आक्रोश सड़क पर आ सकता है।

90 के दशक में तत्कालीन कलेक्टर ने रेलवे ट्रैक हटाने के दिये थे निर्देश

उल्लेखनीय है कि 90 के दशक में एक बड़ा हादसा हुआ था जिसमेें बिरला सीमेंट फैक्ट्री से क्लिंकर लोड तकरीबन 30 वैगन शंटिग के दौरान इंजन से अलग होकर तेज रफ्तार से रेलवे स्टेशन की ओर रन कर गये थे। तब कैबिन मैन ने बिना इंजन के पटरी पर दौड़ रहे वैगन को गुडशेड की तरफ डायवर्ट कर दिया था। इन वैगनों की रफ्तार का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पांच वैगन गुडशेड के ट्रैक पर लगे स्टापर को तोड़ते हुए तब की सरग नशेनी व पार्सल आफिस क्रास कर स्टेशन के मेन गेट में जाकर खड़े हो गये थे। इस हादसे में तीन लोगों की मौत हो गई थी। कैबिन मैन यदि वैगन डायवर्ट नहीं करता तो मालगाड़ी सीधे प्लेटफार्म नंबर एक पर खड़ी मुंबई हावड़ा मेल से टकरा जाती और हादसे की भयावहता का अंदाजा लगाया जा सकता है। इस घटना के बाद तत्कालीन कलेक्टर सतना एस.आर.मोहंती ने बिरला प्रबंधन को सख्त आदेश देते हुए उक्त रेलवे ट्रैक को बंद करने तथा ट्रैक के लिए दूसरे विकल्प तैयार करने के निर्देश दिये थे, परंतु बाद में उक्त फाइल सिर्फ कार्यालयों में ही धूल फांकती रह गई।

अतिशीघ्र हटवाये जायें बैरीकेड्स

स्थानीय रहवासियों ने इस संबंध में बीते 16 फरवरी 24 को नगर निगम में लिखित तौर पर आवेदन आवेदन देकर उक्त बैरीकेड्स को हटवाने की मांग की थी, इस मामले में कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया और हालात ज्यों के त्यों हैं। अब नाली से निकलने वाला कचरा और घरों से निकलने वाला सड़ांध मारता कचरा लोगों का सांस लेना भी दूभर किये हुए है। देखना यह होगा कि इन कई समस्याओं का निदान संबंधित विभाग कब तक करेगा?

इनका कहना है

शिकायत गंभीर है। यदि कंपनी की किसी भी कृत्य से सामान्य लोगों को परेशानी होती है तो उसे गंभीरता से लिया जाना चाहिए। इस मामले को दिखवाते हैं, जनता के हित में जो भी उचित होगा वह कार्रवाई की जायेगी।


-शेर सिंह मीणा, कमिश्नर, नगर निगम सतना

About rishi pandit

Check Also

Shahdol: आकाशीय बिजली की चपेट में आने से नानी और नाती की मौत, सोहगपुर थाना क्षेत्र की घटना

शहडोल, भास्कर हिंदी न्यूज़/ आकाशीय बिजली गिरने से दो लोगों की मौत हो गई। जानकारी …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *