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Prayer, hands pouring sacred water to Mandakini river during the daily worship, Chitrakoot, India

Satna: आषाढ़ अमावस्या में उमड़ा चित्रकूट में श्रद्धालुओं का सैलाब, किया मंदाकिनी स्नान और कामतानाथ भगवान की परिक्रमा 

सतना, भास्कर हिंदी न्यूज़/ चित्रकूट में मंगलवार को आषाढ़ी अमावस्या के मौके पर देश भर से श्रद्धालु मंदाकिनी स्नान और कामदगिरी पर्वत की परिक्रमा करने पहुंचे। इस दौरान चित्रकूट के कामतानाथ मंदिर, राघवघाट, रामघाट, भरतघाट, भरतकूप, गुप्त गोदावरी, मत्यगजेंद्रनाथ मंदिर, सतिअनुसूइया, जानकी कुंड, हनुमानधारा, भरत पहाड़ी, स्फटिक शिला, रामदर्शन में श्रद्धालुओं की जमकर भीड़ रही। चित्रकूट में सोमवार रात्रि से ही श्रद्धालुओं का जुटना शुरू हो गया था। जिसके बाद सुबह ब्रम्हमुहूर्त से ही श्रद्धालुओं ने मंदाकिनी तटों पर स्थित घाटों में स्नान किया और भगवान कामतानाथ के दर्शन कर कामदगिरी पर्वत की परिक्रमा की। यह सिलसिला लगातार जारी है और तीन दिनों तक जारी रहेगा। चित्रकूट में मौसम में परिवर्तन की वजह से मौसम ठंडा रहा जिसके कारण 24 घंटे में 80 हजार से अधिक श्रद्धालु देश भर से पहुंचे।

सुरक्षा बल तैनात

चित्रकूट में आषाढ़ी अमावस्या का मुहूर्त मंगलवार और आज बुधवार को भी है। इसे देखते हुए मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश पुलिस व प्रशासन ने तगड़ी व्यवस्था की है। लगातार तीन दिनों तक यहां अमावस मेला है जिसे देखते हुए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। प्रशासनिक अधिकारियों और पुलिस अधिकारियों की ड्यूटी लगाई गई है। इसके साथ ही बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए पार्किंग की व्यवस्था, पीने के पानी की व्यवस्था भी की गई है।

अमावस्या में लगता है मेला

चित्रकूट में प्रति माह अमावस्या में मेला लगता है। इस मेले का अत्यधिक महत्व है। यहां अमावस्या मेला में हिस्सा लेने देश भर से हजारों श्रद्धालु पहुंचते हैं। मध्य प्रदेश का सतना जिला, उप्र का कर्वी, बांदा और आसपास के जिलों के हजारों श्रद्धालु ऐसे हैं जो प्रति माह अमावस्या मेला में चित्रकूट पहुंचते हैं और स्नान दान कर कामदगिरी की परिक्रमा लगाते हैं। प्रमुख अमावस्या में चित्रकूट में दो से तीन लाख तक श्रद्धालुओं की संख्या हो जाती है।

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