मप्र और उप्र में हत्या, अपहरण सहित अन्य मामलों के 24 से अधिक प्रकरण दर्ज
सतना, भास्कर हिंदी न्यूज़/ चित्रकूट में 24 साल से बाबा बनकर रह रहे 50 हजार के इनामी डकैत को उप्र की औरैया जिले की पुलिस ने रविवार को गिरफ्तार किया है। इस मामले की भनक सतना की चित्रकूट पुलिस को भी नहीं थी। बताया गया कि 24 साल से न्यायालय मफरूरवा जनपद से 50 हजार रुपये का इनामी डकैत लालाराम गैंग का मुख्य सदस्य छेदा सिंह सिंह उर्फ छिददा निवासी ग्राम भसौन थाना आयाना चित्रकूट में बाबा बनकर रह रहा था। वह यूपी के औरैया जिले का रहने वाला अपराधी था और तबीयत खराब होने के बाद चित्रकूट से अपने गांव भासौन पहुंचा था। जहां उप्र पुलिस को उसकी भनक लग गई और आयाना थाना की पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। फरार डकैत साधु का वेश धारण कर आश्रम और घाटों पर रहता था और सेवा कार्य करता था।
फूलन देवी के अपहरण में शामिल था डकैत छेदा
चित्रकूट में रहने वाला साधूवेशी 69 वर्षीय डकैत छेदा सिंह 20 साल की उम्र में चंबल में सक्रिय डकैत लालाराम गिरोह में शामिल हो गया था। यह 1980 में लालाराम गिरोह द्वारा किए गए फूलन देवी के अपहरण कांड में भी शामिल था। ये लालाराम गिरोह के लिए मुख्यतः अपहरण का काम करता था। इस पर मप्र और उप्र में हत्या, अपहरण सहित अन्य मामलों के 24 से अधिक प्रकरण दर्ज हैं। ये 1998 में पुलिस से चंबल के बीहड़ों में हुई मुठभेड़ के बाद से फरार चल रहा था। इसके परिजनों ने इसे दस्तावेजों में मृत घोषित करवा कर इसकी पैतृक संपत्ति का बंटवारा कर लिया था। इसके बावजूद उप्र पुलिस उसे फरार मानती रही। 2015 में औरैया पुलिस ने इस पर 50 हजार रुपये का इनाम घोषित किया था।
सतना के फर्जी दस्तावेज मिले
आयाना थाना प्रभारी जितेंद्र यादव ने बताया कि पकड़े गए आरोपी के पास से बृजमोहन दास पुत्र राम बालक दास निवासी चित्रकूट के नाम से फर्जी आधार कार्ड, पैन कार्ड, वोटर आइडी, तथा राशन कार्ड बरामद हुआ है। वह कई वर्षों से चित्रकूट के टाठी घाट में निवास करता था। इसके बाद आराधना आश्रम जानकी कुंड में सेवादार के रूप में सेवा दे रहा था। वहीं इस मामले में आश्रम के लोग भी जानकारी देने से मना कर दिए।
चित्रकूट के आश्रमों में उठने लगे सवाल
चित्रकूट के आश्रमों में देश भर से बाबा बनकर आकर रहने वाले लोगों पर अब सवाल खड़े होने लगे हैं। स्थानीय पुलिस को इसकी जानकारी नहीं होना भी बड़ी बात है। 24 साल से कोई डकैत सतना जिले में रह रहा था और पुलिस को इसकी भनक नहीं होना पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े कर रहा है। इस मामले में सतना के चित्रकूट थाना प्रभारी सुधांशु तिवारी का कहना है कि स्थानीय पुलिस को इसकी जानकारी नहीं है।