सतना, भास्कर हिंदी न्यूज़। नेहा स्टोन क्रेशर के प्रोपाइटर रामनिवास उरमलिया के विरूद्व सतना कलेक्टर द्वारा गौण खनिज नियम के मामले में 06 नवम्बर को 1 करोड 11 लाख 42 हजार 200 सौ रूपये का अर्थदण्ड अधिरोपित किया था। इस अर्थदण्ड की अपील नेहा स्टोन क्रेशर के प्रोपाइटर रामनिवास उरमलिया द्वारा भौमिकी एवं खनिकर्म संचालक भोपाल के यहां दायर की गई थी। प्रकरण अनुसार ग्राम जुरवा तहसील मैहर के खसरा क्रमांक 49 में 111422 घनमीटर खनिज बोल्डर का अवैध उत्खनन पाये जाने पर म.प्र.गौण खनिज नियम 1996 के नियम 53(5) के तहत रायल्टी 55,71,100 रूपये का दो गुना रूपये 1,11,42,200 राशि का अर्थदण्ड अधिरोपित किया गया। स्थगन आवेदन पर विचारण हेतु दिनांक 18 नवम्बर 2020 को सुनवाई की गई।
सुनवाई में अपीलार्थी स्वयं एवं उनके अधिवक्ता उपस्थित हुये। अधिवक्ता द्वारा तर्क दिया गया कि ग्राम जुरवा की शासकीय भूमि सर्वे क्रमांक 49 के अंश भाग रकबा 2000 हेक्टयर क्षेत्र पर क्रेशर आधारित पत्थर उत्खनि पट्टा हेतु आवेदन पत्र प्रस्तुत किया गया था,जिसे वर्ष 2006 में स्वीकृत किया गया जिसका नवीनीकरण दिनांक 07 जनवरी 2011 से 06 जनवरी 2016 तक किया गया। उत्खनि पट्टा स्वीकृति के पूर्व सर्वे क्रमांक 49 पर सड़क निर्माण कंपनी द्वारा उत्खनन कार्य किया गया था। अपीलार्थी को कब्जा सौंपने समय हल्का पटवारी तिलौरा द्वारा तहसीलदार मैहर को प्रेषित प्रतिवेदन में यह लेख किया गया था कि उक्त रकबे पर पूर्व उत्खनन के बड़े बड़े गड्ढे मौजूद हैं तथा अवैध उत्खनन हुआ है। तहसीलदार मैहर द्वारा कलेक्टर सतना को प्रेषित प्रतिवेदन में भी इसी तथ्य का समावेश किया गया था। अपीलार्थी द्वारा कभी भी अपने स्वीकृत एवं सीमांकित क्षेत्र से बाहर उत्खनन कार्य नहीं किया गया है एवं उस पर कोई राशि बकाया नहीं है। किंतु कलेक्टर सतना द्वारा अपीलाधीन आदेश पारित करते समय मूल उत्खनि पट्टा स्वीकृति के कब्जे के समय तैयार पटवारी एवं तहसीलदार के प्रतिवेदन को संज्ञान में नहीं लिया जाकर पूर्व से उत्खनित खनिज को अपीलार्थी द्वारा उत्खनन किया जाना मानते हुये अवैध उत्खनन से दण्डित किया गया है। कलेक्टर सतना द्वारा पारित आदेश 6 नवम्बर 2020 में अपीलार्थी को म.प्र.गौण खनिज नियम 1996 के नियम 53(5) के तहत अर्थदण्ड से दण्डित किया गया। जबकि म.प्र. गौण खनिज नियम 1996 का नियम 53(5) जांच अधिकारी के अधिकार तथा षक्तियां संबंधित है। इस नियम में अर्थदण्ड अधिरोपित किये जाने के अधिकार नहीं है। उपरोक्त तर्को के आधार पर अधिवक्ता द्वारा कलेक्टर सतना द्वारा पारित अपीलाधीन आदेश दिनांक 06 नवम्बर को अपील के निराकरण तक स्थगित किये जाने का अनुरोध किया गया।
अपीलार्थी एवं अधिवक्ता द्वारा प्रस्तुत दस्तावेजों एवं तर्को का अवलोकन करने के पश्चात संचालक भोपाल द्वारा 20 नवम्बर 2020 को आदेश पारित करते हुये कहा कि अधिवक्ता का तर्क मान्य योग्य है कि म.प्र. गौण खनिज नियम 1996 का नियम 53(5) जांच अधिकारी के अधिकार तथा शक्तियों से संबंधित है इस नियम में अवैध उत्खनन पर अर्थदण्ड अधिरोपित किये जाने का प्रावधान नहीं है। अतः प्रथम दृष्टया स्थगन की स्थिति निर्मित होने से कलेक्टर सतना के आदेश दिनांक 06 नवम्बर 2020 को अपील के निराकरण तक स्थगित किया जाता है। प्रोपाइटर रामनिवास उरमलिया द्वारा बताया गया है कि सतना कलेक्टर द्वारा अर्थदण्ड जमा करने की समय सीमा 15 दिवस दी गई थी किंतु तहसीलदार मैहर द्वारा मेरे विरूद्व अर्थदण्ड की कार्यवाही राजनैतिक दबाव के चलते निर्धारित समय सीमा के अंदर ही आनन फानन में आराजी खसरा कालम 12 में दर्ज कर दिया गया जो की न्याय संगत नहीं है।