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Satna: नगरीय निकाय निर्वाचन के लिये प्राप्त नाम-निर्देशन पत्रों की संवीक्षा  20 जून को 

सतना, भास्कर हिंदी न्यूज़/ मध्यप्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा नगरीय निकायों के लिये घोषित कार्यक्रमानुसार दोनो चरणों के नगरीय निकाय निर्वाचन के महापौर और पार्षद पदों हेतु नाम-निर्देशन पत्र प्राप्त करने की प्रक्रिया 11 जून से 18 जून के मध्य पूरी कर ली गई है। इस अवधि में प्राप्त नाम-निर्देशन पत्रों की संवीक्षा का कार्य 20 जून को प्रातः 10ः30 बजे से निर्धारित रिटर्निंग अधिकारी कार्यालयों में किया जायेगा। संवीक्षा के दौरान अभ्यर्थी, अभ्यर्थी का निर्वाचन अभिकर्ता (यदि कोई हो), अभ्यर्थी का कोई एक प्रस्तावक और अभ्यर्थी द्वारा लिखित में प्राधिकृत कोई अन्य व्यक्ति उपस्थित रह सकते हैं।

अभ्यर्थिता से नाम वापस लेने की अंतिम तारीख 22 जून अपरान्ह 3 बजे तक होगी और इसके बाद निर्वाचन लड़ने वाले अभ्यर्थियों की सूची तैयार कर इसी दिन प्रतीकों का आवंटन किया जायेगा। अभ्यर्थिता से नाम वापस लेने की अंतिम तारीख 22 जून (अपरान्ह 3 बजे तक) है। इसी दिन अभ्यर्थियों को निर्वाचन प्रतीकों का आवंटन होगा। प्रथम चरण का मतदान 6 जुलाई और दूसरे चरण का मतदान 13 जुलाई को सुबह 7 बजे से शाम 5 बजे तक होगा। प्रथम चरण की मतगणना और परिणाम की घोषणा 17 जुलाई और दूसरे चरण की मतगणना और परिणाम की घोषणा 18 जुलाई को सुबह 9 बजे से होगी।

अन्य राज्यों में मान्यता प्राप्त दलों के अभ्यर्थियों को भी करें वर्गीकृत

सचिव राज्य निर्वाचन आयोग राकेश सिंह ने सभी कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन आधिकारियों को निर्देशित किया है कि नगरीय निकाय निर्वाचन में प्रतीकों के आवंटन में अन्य राज्यों में मान्यता प्राप्त दलों के अभ्यर्थियों को भी वर्गीकृत किया जाये। राज्यीय दल जो अन्य राज्य में मान्यता प्राप्त है, उनकी मान्यता के आधार पर उनके निर्वाचन प्रतीक सुरक्षित रखे गए हैं।
श्री सिंह ने कहा है कि सभी जिलों को निर्वाचन सामग्री के साथ राष्ट्रीय दलों एवं अन्य राज्यों में मान्यता प्राप्त दलों के चुनाव चिन्हों का चार्ट उपलब्ध कराया गया है। प्रतीक आवंटन के लिए आईईएमएस में भी तदनुसार प्रावधान किया गया है।

सिनेमा घर और नगरीय निकाय के वाहनों से होगा जिंगल्स का प्रसारण

मतदाताओं एवं अभ्यर्थियों को जागरूक करने के उद्देश्य से राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा तैयार कराये गए जिंगल्स का प्रसारण नगरीय निकायों के वाहनों में लगे ध्वनि यंत्रों के माध्यम से कराने के निर्देश कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारियों को दिये गए हैं। सचिव राज्य निर्वाचन आयोग श्री राकेश सिंह ने कहा है कि सिनेमा घरों, नगरीय निकाय के फेसबुक पेज और व्हाट्सऐप ग्रुप में भी जिंगल्स प्रसारित किये जा सकते हैं।

पंचायत निर्वाचन के लिए मतदाताओं की पहचान स्थापित करने दस्तावेज निर्धारित

राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा त्रि-स्तरीय पंचायत निर्वाचन के लिए मतदाताओं की पहचान स्थापित करने के लिए दस्तावेजों की सूची जारी कर दी गयी है।
सचिव राज्य निर्वाचन आयोग श्री राकेश सिंह ने जानकारी दी है कि वोटर स्लिप, भारत निर्वाचन आयोग द्वारा दिया गया मतदाता पहचान-पत्र, आधार कार्ड, भू-अधिकार एवं ऋण पुस्तिका, राशन कार्ड (सभी सफेद, नीला, पीला एवं गुलाबी), बैंक/किसान/डाकघर पासबुक, शस्त्र लाइसेंस, सम्पत्ति दस्तावेज़ जैसे पट्टा, रजिस्ट्रीकृत विलेख आदि, विकलांगता प्रमाण-पत्र, निराश्रित प्रमाण-पत्र, तेंदूपत्ता संग्राहक पहचान-पत्र, सहकारी समिति का अंश प्रमाण-पत्र, किसान क्रेडिट कार्ड, पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेन्स, आयकर पहचान-पत्र (पी.एन.एन. कार्ड), राज्य या केन्द्र सरकार, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम, स्थानीय निकाय या अन्य निजी आद्यौगिक घरानों द्वारा उनके कर्मचारियों को जारी किए जाने वाले सेवा पहचान-पत्र, छात्र पहचान-पत्र, सक्षम प्राधिकारियों द्वारा जारी अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति/अन्य पिछड़ा वर्ग/अधिवासी प्रमाण-पत्र, पेंशन दस्तावेज़ जैसे – भूतपूर्व सैनिक पेंशन बुक, पेंशन अदायगी आदेश, भूतपूर्व सैनिक, विधवा या आश्रित प्रमाण-पत्र, रेलवे पहचान-पत्र, स्वतंत्रता सेनानी पहचान-पत्र और रोजगार गांरटी योजना में जारी फोटोयुक्त जॉबकार्ड।
इस सूची में दर्शाए गए अभिलेखों के अतिरिक्त पीठासीन अधिकारी ऐसा कोई अन्य अभिलेख भी स्वीकार कर सकेगा, जिससे वह मतदाता की पहचान के संबंध में संतुष्ट हो सके।

यह स्पष्ट किया गया है कि ऊपर दर्शाए गए कोई दस्तावेज, जो परिवार के मुखिया के पास ही उपलब्ध होता है, उससे परिवार के अन्य सदस्यों की पहचान के लिए अनुमति दी जायेगी। इसी प्रकार से परिवार के किसी दूसरे सदस्य के नाम से कोई दस्तावेज अन्य सदस्यों की पहचान के लिए भी प्रयोग किया जा सकता है, बशर्ते ऐसे दस्तावेज़ के आधार पर दूसरे सदस्यों की पहचान की जा सकती हो।

यदि कोई मतदाता कोई भी दस्तावेज प्रस्तुत करने में असफल रहता है तो पीठासीन अधिकारी स्थानीय कोटवार, पटवारी, शिक्षक, ग्राम पटेल, आँगनवाड़ी कार्यकर्ता, आँगनवाड़ी सहायिका इत्यादि कर्मियों या किसी प्रतिष्ठित स्थानीय निवासी से उसकी पहचान स्थापित कराने के बाद, उसे मतदान की सुविधा दे सकेगा।

 

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