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Satna: विकासखंड मझगवां के भ्रमण पर निकले प्रेक्षक श्री गंगेले

सतना, भास्कर हिंदी न्यूज़/ राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा सतना जिले में त्रि-स्तरीय पंचायत आम निर्वाचन और नगरीय निकाय निर्वाचन के पर्यवेक्षण कार्य हेतु नियुक्त प्रेक्षक भारत भूषण गंगेले जिले में पंचायत और नगरीय निकाय निर्वाचन प्रक्रिया के दौरान जिले के विभिन्न विकासखंडो का भ्रमण कर क्षेत्रो में निर्वाचन की लिये की गई तैयारियों और सुरक्षा व्यवस्था का जायजा ले रहें हैं। अपने निर्धारित भ्रमण कार्यक्रम के अनुसार प्रेक्षक श्री गंगेले रविवार को विकासखंड मझगवां की विभिन्न ग्राम पंचायतों और सुदूर ग्रामों का भ्रमण कर मतदान केन्द्रों का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होने विकासखंड की ग्राम पंचायतों में सुदूर गांव गोपालपुर, पाथर कछार, बरौंधा, वनशाकर, पहऊवा, कौहारी और नगर परिषद कोठी के मतदान केंद्र का अवलोकन किया। प्रेक्षक श्री गंगेले ने मझगवां विकासखंड के तराई इलाके के मतदान केन्द्रों का भ्रमण कर स्वतंत्र और निष्पक्ष पंचायत चुनाव के लिए की गई व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया। इस मौके पर तहसीलदार नितिन झोंड़, लायजनिंग अधिकारी आत्म प्रकाश चतुर्वेदी साथ रहे।

सेक्टर अधिकारी बदले

कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी अनुराग वर्मा ने त्रि-स्तरीय पंचायत निर्वाचन के लिये विकासखंड सोहावल के सेक्टर क्रमांक 16 अहिरगांव, अमरपाटन के सेक्टर क्रमांक 12 मुकुंदपुर, रामपुर बघेलान के सेक्टर क्रमांक 14 डेंगरहट में नियुक्त सेक्टर अधिकारी प्राचार्य दिनेश कुमार चौरसिया के स्थान पर सहायक प्राध्यापक डॉ विनोद कुमार विश्वकर्मा की नियुक्ति की है। इसके साथ ही विकासखंड मझगवां के सेक्टर क्रमांक 19 कारीगोही, विकासखंड नागौद के सेक्टर क्रमांक 19 गंगवरिया, विकासखंड मैहर के सेक्टर क्रमांक 19 तेंदुहटा में नियुक्त सहायक यंत्री एसपी द्विवेदी के स्थान पर सहायक प्राध्यापक डॉ रावेन्द्र सिंह पटेल एवं रिजर्व दल के सरल क्रमांक 19 में शामिल सेक्टर अधिकारी प्राध्यापक डॉ हरिओम अग्रवाल को ड्यूटी से मुक्त किया गया है।

बैंक खाते के अभाव में निरस्त नहीं किये जायेंगे नाम-निर्देशन पत्र

मध्यप्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा नगरीय निकाय के महापौर और पार्षद पद का निर्वाचन लड़ रहे अभ्यर्थी को व्यय लेखा संधारण के लिये राष्ट्रीयकृत बैंक में पृथक से खाता खोलने के निर्देश दिये गये हैं। इस संबंध में सचिव राज्य निर्वाचन आयोग श्री राकेश सिंह ने स्पष्ट किया है कि नाम-निर्देशन पत्र के साथ प्रस्तुत किये जाने वाले दस्तावेज आयोग द्वारा नियत हैं, जिसमें बैंक खाते का उल्लेख नहीं है। संवीक्षा के दौरान बैंक खाता उपलब्ध नहीं कराने की स्थिति में अभ्यर्थी का नाम-निर्देशन पत्र खारिज नहीं किया जायेगा। उन्होने बताया कि नाम-निर्देशन पत्र को खारित किये जाने के आधार मध्यप्रदेश नगर पालिका निर्वाचन नियम 1994 के नियम 28 ‘नाम-निर्देशन की संवीक्षा’ में स्पष्ट रुप से दिये गये हैं।

अभ्यर्थियों के सार-पत्र राज्य निर्वाचन आयोग की वेबसाइट में

सचिव राज्य निर्वाचन आयोग राकेश सिंह ने बताया है कि त्रि-स्तरीय पंचायत निर्वाचन में जिला पंचायत सदस्य, जनपद पंचायत सदस्य और सरपंच पद के अभ्यर्थियों द्वारा दिये गये शपथ-पत्र के सार-पत्र की जानकारी राज्य निर्वाचन आयोग की वेबसाइट mplocalelection.gov.in में अपलोड किये गए हैं।

अवकाश के दिनों में भी उपस्थित रहने के निर्देश

मध्यप्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा त्रि-स्तरीय पंचायत एवं नगरीय निकाय के लिये घोषित कार्यक्रमानुसार जिले में दोनो स्थानीय निकायों के निर्वाचन की प्रक्रिया प्रचलित है। आयोग के निर्देशानुसार निर्वाचन कार्य के सुचारु संचालन एवं संपादन के लिए विभिन्न प्रकोष्ठों का गठन कर नोडल और सहायक नोडल अधिकारियों की नियुक्ति भी की गई है। लेकिन अवकाश दिवसों एवं कार्यालयीन समय के बाद कार्यालय बंद होने से निर्वाचन कार्य से जुड़ी महत्वपूर्ण डाके समय-सीमा में तामील नहीं होने के कारण चुनाव का कार्य बाधित हो रहा है।

कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी अनुराग वर्मा ने ऐसे सभी विभागों के कार्यालय प्रमुखों को आदेशित किया है कि निर्वाचन कार्य को दृष्टिगत रखते हुये इससे संबंधित आदेश और निर्देश प्राप्त करने के लिये एक लिपिक एवं भृत्य की ड्यूटी अवकाश दिवसों एवं कार्य दिवसों में भी सायं 5ः30 बजे से रात्रि 10 बजे तक लगाना सुनिश्चित करें, ताकि निर्वाचन डाक की नीलामी हो सके। इसके साथ ही आवंटित प्रकोष्ठ में उपस्थित रहकर सौंपा गया कार्य संपादित करें। आदेश जारी होने के बाद यदि कार्यालय या प्रकोष्ठ बंद पाया जाता है, तो संबंधितों के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की जायेगी।

निर्वाचन के लिए अन्य सेवा के अधिकारियों को भी मजिस्ट्रेट की शक्तियाँ

त्रि-स्तरीय पंचायत आम निर्वाचन-2022 का कार्य संपन्न कराने के लिए राजस्व सेवा संवर्ग के अधिकारियों के अतिरिक्त अन्य सेवाओं के अधिकारियों को निर्वाचन में सेक्टर मजिस्ट्रेट के रूप में कार्य करने के लिए विधि और विधायी कार्य विभाग द्वारा विशेष कार्यपालक दण्डाधिकारी (मजिस्ट्रेट) की शक्तियाँ प्रदान की गई हैं। जिलों द्वारा अन्य सेवाओं के अधिकारियों को विशेष कार्यपालक दण्डाधिकारी की शक्तियाँ प्रदान करने का प्रस्ताव भेजा गया था।

 

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