More than one crore students will become technically proficient: digi desk /नई दिल्ली/ रोजगार का मूलमंत्र कौशल है और इस लिहाज से सरकार ने देश के एक करोड़ से ज्यादा छात्रों को तकनीकी रूप से दक्ष बनाने की योजना बनाई है। छात्रों को यह प्रशिक्षण नि: शुल्क दिया जाएगा। इसमें स्कूल से लेकर उच्च शिक्षा की पढ़ाई कर रहे छात्रों के साथ स्नातक कर चुके छात्र शामिल हो सकेंगे। इन सभी को ड्रोन, रोबोट तकनीक सहित उभरती हुई ऐसी सभी तकनीक में प्रशिक्षित किया जाएगा, जिसकी वैश्विक स्तर पर भारी मांग है।
केंद्रीय शिक्षा एवं कौशल विकास मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने सोमवार को छात्रों को तकनीकी तौर पर दक्ष बनाने से जुड़ी इस पहल को लांच किया। साथ ही कहा कि स्कूली और उच्च शिक्षा में मौजूदा समय में 30 करोड़ छात्र जुड़े है। ऐसे में सभी को लक्ष्य कर प्रशिक्षण कार्यक्रम तैयार किए जाए। देश में तकनीकी शिक्षा की नियामक एजेंसी अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (AICTE) की देखरेख में निजी कंपनियों की मदद से यह मुहिम संचालित होगी। हालांकि इस योजना के तहत प्रस्तावित 1.10 करोड़ छात्रों को कब तक यह प्रशिक्षण दे दिया जाएगा, इसकी कोई समयसीमा नहीं तय की गई है।
देश को ग्लोबल डिजिटल टैलेंट हब है बनाना
एआईसीटीई के मुताबिक इस योजना के तहत देश को ग्लोबल डिजिटल टैलेंट हब बनाना है। छात्रों में वैसे भी तकनीक से जुड़ने को लेकर ज्यादा ललक रहती है। इसके साथ ही प्रशिक्षण से जुड़े जो कोर्स डिजाइन किए गए है, उनमें उद्योगों की मांग को ध्यान में रखा गया है। ताकि छात्रों को इन प्रशिक्षण के बाद तुरंत किसी निजी कंपनी में नौकरी मिल सके। या फिर वह अपना रोजगार शुरू कर सके। यह कोर्स तीन से छह महीने तक की अवधि के होंगे। इस दौरान छात्रों को प्रशिक्षण के साथ उन्हें इंटर्नशिप भी कराया जाएगा।
गौरतलब है कि इस पहल के साथ ही सरकार स्कूल स्तर से ही छात्रों को डाटा साइंस व आर्टीफिशियल इंटेलीजेंस ( एआई) सहित व्यवसायिक शिक्षा से जुड़े नियमित कोर्सों को शुरू करने की तैयारी में है। छठवीं से आठवीं तक के छात्रों को यह उनके कौशल को निखारने के लिए के दी जाएगी, जबकि नौवीं से बारहवीं कक्षा में इसे एक विषय के रूप में पढ़ाया जाएगा। छात्रों अपनी रुचि के मुताबिक किसी भी क्षेत्र का चुनाव कर सकेंगे।
लाखों छात्रों को सरकारी विभाग कराएंगे इंटर्नशिप
तकनीकी प्रशिक्षण के बाद छात्रों को इंटर्नशिप कराया जाएगा। इसके तहत अगले दस लाख छात्रों को ग्रामीण विकास विभाग में इंटर्नशिप का मौका मिलेगा। वहीं रेलवे में करीब पांच लाख छात्रों को व सहकारिता मंत्रालय में एक लाख छात्रों को, शिक्षा व कौशल विकास विभाग में करीब एक लाख छात्रों को, शहरी विकास मंत्रालय से जुड़े सरोवर मिशन में दस हजार छात्रों को, सड़क एवं परिवहन मंत्रालय आदि में भी हजारों छात्रों को इंटर्नशिप की सुविधा मुहैया कराई जाएगी।