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Satna: पंचायत चुनाव के लिए नामांकन पत्र दाखिल करने की अंतिम तिथि 6 जून

सतना, भास्कर हिंदी न्यूज़/ मध्यप्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार जिले में त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव के लिए नामांकन पत्र दाखिल करने का कार्य जारी है। जिला पंचायत सदस्य, जनपद सदस्य, ग्राम पंचायत सरपंच तथा पंच पदों के लिए नामांकन पत्र निर्धारित स्थलों पर प्राप्त किये जा रहे हैं। आयोग द्वारा नाम निर्देशन-पत्र प्राप्त करने की अंतिम तारीख प्रथम, द्वितीय और तृतीय चरण के लिये 6 जून 2022 की अपरान्ह 3 बजे तक है। सभी चरणों के लिये नाम निर्देशन-पत्रों की संवीक्षा 7 जून 2022 को प्रातः 10ः30 बजे से होगी। अभ्यर्थिता से नाम वापस लेने की अंतिम तारीख 10 जून अपरान्ह 3 बजे तक होगी और इसके बाद निर्वाचन लड़ने वाले अभ्यर्थियों की सूची तैयार कर प्रतीकों का आवंटन किया जायेगा। आयोग द्वारा निर्धारित नाम निर्देशन-पत्र के साथ जिला पंचायत सदस्य के लिये 8 हजार, जनपद पंचायत सदस्य के लिये 4 हजार, सरपंच के लिये 2 हजार और पंच के लिये 400 रूपये की निक्षेप राशि जमा करनी होगी। अनुसूचित-जाति, अनुसूचित-जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग और महिला अभ्यर्थी को इस निक्षेप राशि की आधी राशि जमा करना होगी।

इस संबंध कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी अनुराग वर्मा ने बताया कि जिला पंचायत के 26 वार्डों, जनपद पंचायत के 191 वार्डों तथा 695 ग्राम पंचायतों के 11826 वार्डों के पंचायत प्रतिनिधियों के लिए नामांकन पत्र प्राप्त किये जा रहे हैं। उम्मीदार अपने नामांकन पत्र के साथ राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा निर्धारित समस्त अभिलेख अवश्य संलग्न करें। सभी रिटर्निंग आफीसर तथा सहायक रिटर्निंग आफीसर नामांकन पत्र प्राप्त करते समय तथा प्राप्त करने के बाद उसकी प्रारंभिक जांच कर लें यदि कोई आवश्यक अभिलेख नहीं संलग्न है अथवा नामांकन पत्र में कमी रह गयी है तो उम्मीदार को अवगत करा दें।
निर्वाचन आयोग द्वारा जारी कार्यक्रमानुसार सतना जिले में तीन चरणों में निर्वाचन होगा। प्रथम चरण में 25 जून को विकासखण्ड मझगवां, सोहावल, उचेहरा, द्वितीय चरण में 1 जुलाई को विकासखण्ड नागौद, अमरपाटन, रामनगर एवं तृतीय चरण में 8 जुलाई को विकासखण्ड मैहर और रामपुर बघेलान में निर्वाचन होगा।

नगर पालिक संस्थाओं में नई योजना कार्य की स्वीकृति नहीं होगी

नगरीय निकाय के पदाधिकारियों एवं कर्मियों के लिये आदर्श आचरण संहिता

राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा नगरीय निकाय निर्वाचन 2022 की घोषणा के साथ ही नगरीय निकाय क्षेत्र में आदर्श आचरण संहिता प्रभावशील हो गई है। इस दौरान नगर पालिका के अधीन कोई नियुक्ति नहीं की जा सकेगी और ना ही स्थानांतरण किया जा सकेगा। नगर पालिका के पदाधिकारियों एवं कर्मियों के लिये जारी आदर्श आचरण संहिता के अनुसार नगर पालिका क्षेत्र में किसी भी प्रकार की वृत्ति या व्यवसाय के लिये नवीन अनुज्ञप्ति भी जारी नहीं की जायेगी।

नगरीय निकायों के लिये लागू आदर्श आचरण संहिता के दौरान नगर पालिका क्षेत्र में किसी नई योजना या कार्य के लिए स्वीकृति नहीं दी जानी चाहिए। वर्तमान सुविधाओं के विस्तार या उन्नयन का कोई कार्य (जैसे कि किसी सड़क को चौड़ा करना या डामरीकृत करना या नालियों को पक्का करना, नल-जल योजना का विस्तार करना, नये हैंडपंप लगाना या नयी स्ट्रीट लाईट लगाना आदि) स्वीकृत या प्रारंभ नहीं किया जाना चाहिए। पहले से स्वीकृत किसी योजना का कार्य, जिसमें निर्वाचन की घोषणा होने तक कार्य प्रारंभ नहीं हुआ हो, प्रारंभ नहीं किया जाना चाहिए और किसी योजना का शिलान्यास या उद्घाटन नहीं किया जाना चाहिए।

इसी प्रकार किसी भी संगठन या संस्था को किसी कार्यक्रम के आयोजन के लिए कोई सहायता या अनुदान स्वीकृत नहीं किया जाना चाहिए। महापौर, अध्यक्ष या पार्षदों द्वारा स्वेच्छानुदान राशि में से भी किसी कार्य या गतिविधि के लिए कोई सहायता राशि स्वीकृत नहीं की जानी चाहिए। समाचार-पत्रों या प्रचार के अन्य माध्यमों से नगर पालिका के खर्च पर ऐसा कोई विज्ञापन या पैम्पलेट जारी नहीं किया जाना चाहिए, जिसमें नगर पालिका की उपलब्धियों को प्रचारित या रेखांकित किया गया हो या जिससे किसी उम्मीदवार के पक्ष में मतदाताओं को प्रभावित करने में सहायता मिलती हो। नगरीय निकायों के माध्यम से क्रियान्वित किये जाने वाले, परिवार मूलक या व्यक्तिमूलक आर्थिक एवं सामाजिक सुरक्षा कार्यक्रमों (जैसे कि रोजगार या व्यवसाय के लिए सहायता, आवास निर्माण के लिए सहायता, निराश्रित पेंशन, वृद्धावस्था पेंशन आदि) के अन्तर्गत नये हितग्राहियों का चयन नहीं किया जाना चाहिए।

इस दौरान किसी प्राकृतिक प्रकोप या दुर्घटना को छोड़कर, जिसमें कि प्रभावित लोगों को तत्काल राहत पहुंचाना आवश्यक हो, निर्वाचन की घोषणा से लेकर निर्वाचन समाप्त होने तक की अवधि के दौरान नगरपालिका के किसी पदधारी (जैसे कि महापौर, अध्यक्ष या पार्षद) के क्षेत्रीय भ्रमण को चुनावी दौरा माना जाना चाहिए और ऐसे दौरे में नगरपालिका के किसी कर्मचारी को उनके साथ नहीं रहना चाहिए।

शासन और संस्थाओं के वाहनों आदि के उपयोग पर प्रतिबन्ध

शासकीय, सार्वजनिक उपक्रमों या प्राधिकरणों, स्थानीय निकायों, सहकारी संस्थाओं, कृषि उपज मंडियों या शासन से अनुदान अथवा अन्य सहायता प्राप्त करने वाली संस्थाओं के स्वयं के अथवा उनके द्वारा किराए पर अनुबंधित वाहनों, विमानों एवं अन्य संसाधनों (जैसे कि टेलीफोन, फैक्स) अथवा कर्मचारियों का उपयोग किसी राजनैतिक दल या अभ्यर्थी के हित को आगे बढ़ाने के लिए नहीं किया जाना चाहिए। ऐसे वाहनों आदि को उनके नियंत्रक अधिकारियों द्वारा निर्वाचन की घोषणा की तारीख से निर्वाचन समाप्त होने की तारीख तक, मंत्रिगण, सांसदों विधायकों नगरीय निकायों के पदाधिकारियों अथवा अभ्यर्थियों एवं उनके समर्थकों को उपलब्ध नहीं कराया जाना चाहिए।

प्रेक्षक राज्य निर्वाचन आयोग के आँख और कान हैं : आयुक्त बसंत प्रताप सिंह

राज्य निर्वाचन आयुक्त बसंत प्रताप सिंह ने कहा कि निर्वाचन प्रेक्षक राज्य निर्वाचन आयोग के ऑंख और कान की भूमिका का निर्वहन करते हैं। प्रेक्षकों से आयोग को वस्तु स्थिति की जानकारी मिलती है। श्री सिंह निर्वाचन प्रेक्षकों के प्रशिक्षण कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। श्री सिंह ने प्रेक्षकों से कहा कि निर्वाचन प्रक्रिया के हर स्तर पर नजर रखें। यह सुनिश्चित करें कि आयोग के निर्देशानुसर कार्यवाही हो। उन्होंने कहा कि मतगणना स्थल और स्ट्रांग रूम की आवश्यक व्यवस्थाओं की समीक्षा कर लें। कहीं कोई सामस्या हो तो आयोग को अवगत करावें। उन्होंने कहा कि प्रेक्षकों का दायित्व है कि निर्वाचन शांतिपूर्ण और भय, दबाव एवं प्रलोभन से मुक्त वातावरण में हो। यह देखें कि जिले में आदर्श आचरण संहिता का पालन समुचित रूप से सुनिश्चित हो। मतदाताओं को बेहचक अपने मताधिकार का प्रयोग करने के लिए सभी आवश्यक प्रबंध करायें। मतदान केन्द्रों का आकस्मिक भ्रमण करें। निर्वाचन कार्य में लगने वाले प्रपत्रों एवं अन्य निर्वाचन सामग्री की उपलब्धता की समीक्षा कर लें।

राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा पंचायत एवं नगरीय निकाय निर्वाचन के पर्यवेक्षण के लिए प्रत्येक जिले में निर्वाचन प्रेक्षक नियुक्त किये गए है। सेवानिवृत्त आईएएस/राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों को प्रेक्षक नियुक्त किया गया है। जिला सतना में सेवानिवृत्त राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी श्री भारत भूषण गंगेले को निर्वाचन प्रेक्षक बनाया गया है। प्रेक्षक श्री गंगेले 6 जून को सतना प्रवास पर आयेगे और यहां 10 जून तक रहेगे।

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