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Satna: सड़क सुरक्षा हेतु नोडल अधिकारियों का जिलास्तरीय वाट्सएप ग्रुप बनाने के निर्देश

सतना, भास्कर हिंदी न्यूज़/सड़क दुर्घटनाओं में जनहानि कम करने एवं सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट कमेटी ऑन रोड सेपटी एवं सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय लगातार दिशा निर्देश जारी किए जा रहे है। जिलों में हो रही सड़क दुर्घटनाओं एवं सड़क दुर्घटनाओं में हो रही मृत्यु की प्रकरणवार समीक्षा करने एवं दुर्घटनाओं के निर्धारित लक्ष्य वर्ष में 10 प्रतिशत कमी को प्राप्त करने हेतु जिले की सभी नोडल एजेंसी के प्रभारी अधिकारियों का वाट्स-एप ग्रुप तत्काल बनाये जाने के दिशा-निर्देश प्रसारित किए गए हैं।

’उद्देश्य’

जन कल्याण हेतु जनहानि को रोकने एवं कम करने के लिये रोड सेफ्टी से संबंधित सभी विभागों के मध्य एक सामंजस्य एवं समन्वय बैठाना है। जिससे दुर्घटनाओं संबंधित जानकारी साझा करना, इससे संबंधित सुझाव, समस्याओं के त्वरित निराकरण आदि के लिये सभी नोडल विभागों के प्रभारी अधिकारियों का एक सक्रिय मंच तैयार करना है। जिससे हम जीरो फैटेलिटी के अपने प्रमुख लक्ष्य की ओर अग्रसर हो सकें। दुर्घटनाओं में घायल व्यक्ति का त्वरित उपचार हेतु जानकारी ग्रुप के माध्यम से साझा कर सके ताकि घायल व्यक्ति का शीघ्र गुणात्मक रूप से उपचार हो सके।

वाट्सअप ग्रुप के सदस्य

जिला स्तर पर गठित होने वाले व्हाट्सएप ग्रुप में विभिन्न विभागों के अधिकारियों के साथ साथ समस्त थाना प्रभारी उपरोक्त व्हाट्सएप ग्रुप में शामिल किए गए हैं। पुलिस अधीक्षक, अतिरिक्त जिला दण्डाधिकारी, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (ग्रुप एडमिन), जिला परिवहन अधिकारी (ग्रुप एडमिन) जिला चिकित्सा अधिकारी, सीएमओ नगर निगम, नगर पालिक, पी.डब्ल्यू.डी के कार्यपालन यंत्री, जिला शिक्षा अधिकारी, एमपीआरडीसी के जिला अधिकारी, एमपीआरआरडी के जिला अधिकारी, शहरी विकास अभिकरण के जिला अधिकारी, जिला जनसंपर्क अधिकारी, आबकारी विभाग का अधिकारी, पी.डबल्यू.डी नेशनल हाईवे एवं एनएचएआई के जिला अधिकारी, यातायात थाना प्रभारी, को (ग्रुप एडमिन) नियुक्त किया गया है। जबकि कि जिले के समस्त थाना प्रभारी एवं आईआरएडी के जिला रोलआउट मैनेजर को शामिल किया गया है।
थाना क्षेत्र में गंभीर दुर्घटना होने पर थाना प्रभारी घटना की जानकारी ग्रुप में साझा कर घटना का कारण एवं चिकित्सीय आवश्यकता के बारे में लेख करें। इस ग्रुप में केवल सड़क दुर्घटना संबंधी विषय ही पोस्ट करे करने के निर्देश ग्रुप के सदस्यों को प्रसारित किए गए हैं।

डिप्लोमा इन एग्रीकल्चर एक्सटेंशन सर्विसेज के लिये आवेदन अंतिम तिथि 9 मई

भारत सरकार द्वारा उर्वरक व कीटनाशक नियमों में संशोधन अनुसार विक्रेताओं को न्यूनतम अर्हता (स्नातक कृषि, विज्ञान अथवा डिप्लोमाधारी) प्राप्त करने की सलाह दी गई है। परियोजना संचालक आत्मा किसान कल्याण एवं कृषि विकास ने बताया कि भारत सरकार द्वारा मैनेज के माध्यम से कृषि आदान विक्रेताओं के लिये एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स एग्रीकल्चर एक्सटेंशन सर्विसेज फॉर इनपुट डीलर (देसी) के प्रशिक्षण की सुविधा प्रदान की गई है। प्रशिक्षण अंतर्गत सप्ताह में एक दिन स्थानीय मार्केट के अवकाश अनुसार जिले के आदान विक्रेताओं को अनुमोदित प्रशिक्षण संस्थान द्वारा प्रशिक्षण दिया जायेगा। प्रत्येक बैच में 40 आदान विक्रेता होगें।

परियोजना संचालक ने बताया कि जिले के इच्छुक ऐसे आदान विक्रेता, जिनकी न्यूनतम शैक्षणिक अर्हता कक्षा 10वीं है एवं वर्तमान में लाइसेंसधारी हैं। स्व-वित्तीय आधार पर एग्रीकल्चर टेक्नालॉजी मैनेजमेंट एजेन्सी ‘‘आत्मा’’ सतना के नाम से 20 हजार रुपये के डिमांड ड्राफ्ट के साथ निर्धारित प्रपत्र में आवेदन कार्यालय परियोजना संचालक आत्मा सतना में जमा कर 9 मई 2022 तक आवेदन कर सकते हैं। प्रशिक्षणार्थियों का चयन प्रथम आवे-प्रथम पावे के आधार पर किया जायेगा।

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