सतना, भास्कर हिंदी न्यूज़/ खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के निर्देशानुसार रबी उपार्जन वर्ष 2022-23 में जिले के निर्धारित उपार्जन केन्द्रों में समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदी की प्रक्रिया निरंतर प्रारंभ है। गेहूं की खरीदी 16 मई तक की जायेगी। इस वर्ष गेहूँ का समर्थन मूल्य 2015 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है, जो विगत वर्ष से 40 रुपये प्रति क्विंटल अधिक है।
समस्त कृषक शासन द्वारा निर्धारित मानक स्तर का एफएक्यू गुणवत्ता का गेंहू ही उपार्जन केन्द्र पर विक्रय के लिए लेकर आएं। कृषको का गेंहू एफ.ए.क्यू गुणवत्ता का नहीं होने की स्थिति में उपार्जन केन्द्र स्तर पर ही गेंहू की ग्रेडिंग की व्यवस्था उपलब्ध करवाई गई है। जिसमें शासन द्वारा निर्धारित दर से शुल्क जमा कर किसान अपने गेंहू की ग्रेडिंग करवा सकते हैं। उपार्जन केन्द्र पर एफ.ए.क्यू गुणवत्ता का ही गेंहू विक्रय किया जा सकता है।
किसानों को खाते की नकल और अक्स देखने की निःशुल्क सुविधा
राष्ट्रीय भू-अभिलेख आधुनिकीकरण कार्यक्रम के अन्तर्गत आयुक्त भू-अभिलेख एवं बन्दोबस्त ने ई-खसरा परियोजना को लागू किया है। जिसके तहत अधीक्षक भू-अभिलेख, तहसीलदार नायब तहसीलदार एवं समस्त पटवारियों की आई.डी. मोडीफिकेशन अपडेशन कार्य के लिए बनाई गई है।
परियोजना के अन्तर्गत अनुबंधित फर्म द्वारा सभी तहसीलों में आई.टी. सेन्टर स्थापित किये गये है। जिनसे कृषकों को उनकी मांग अनुरुप प्रमाणित खसरा बी-1, नक्शा की प्रतिलिपियाँ नियत शुल्क प्रति पृष्ठ 30 रुपये लेकर उपलब्ध कराई जा रही है। कृषक अपने खाते की नकल, खेत का अक्श एमपी भू-अभिलेख पोर्टल पर निःशुल्क देख सकते है।
किसान अपने खाते के साथ आधार लिंक अवश्य कराएं
चना व गेहूँ का उपार्जन का कार्य निरन्तर जारी है। किसानों से उपार्जित फसल का भुगतान किसान द्वारा उपलब्ध कराए गये खाते में किया जाता है। किसान द्वारा उपलब्ध खाता यदि आधार से लिंक नही है तो भुगतान में समस्या होती है।
जिला आपूर्ति अधिकारी ने बताया कि किसानों द्वारा पंजीयन के समय जो खाते नंबर भुगतान के लिए उपलब्ध कराए है उन खातो का आधार से लिंक होना अनिवार्य है, खाता आधार से लिंक न होने के कारण भुगतान में समस्या है। सभी किसान भाईयों से कहा गया है कि वे चना, गेहूँ उपार्जन पंजीयन के समय राशि प्राप्त करने के लिए जो खाता नंबर दिए है, उनका आधार से लिंक अनिवार्य रूप से करा लें। ताकि उन्हें समय पर अपनी उपज विक्रय की राशि का खाते में भुगतान हो सके।