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Satna: प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना में शहरी क्षेत्र के श्रमिकों को मिलेगी वृद्धावस्था पेंशन

सतना, भास्कर हिंदी न्यूज़/ नगरीय विकास एवं आवास मंत्री  भूपेन्द्र सिंह ने बताया है कि शहरी क्षेत्रों के असंगठित श्रमिकों को प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना का लाभ दिया जायेगा। योजना में पंजीयन का कार्य शुरू कर दिया गया है।
उन्होंने कहा है कि “आजादी के अमृत महोत्सव“ में सभी पात्र श्रमिकों का पंजीयन अभियान चलाकर किया जाये। इस योजना में असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को वृद्धावस्था में पेंशन एवं सामाजिक सुरक्षा का लाभ मिल सकेगा। प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना का लाभ स्ट्रीट वेन्डर, मिड-डे-मील वर्कर, बोझा ढोने वाले, ईट भठ्ठा मजदूर, मोची, कूड़ा बीनने वाले, घरेलू कामगार, धोबी, रिक्शा चालक, भूमिहीन मजदूर, कृषि श्रमिक, निर्माण श्रमिक, बीड़ी श्रमिक, हथकरघा श्रमिक, चमड़ा श्रमिक, दृश्य-श्रव्य बाधित श्रमिक, दैनिक वेतन भोगी, सफाई कर्मचारी, ऑउटसोर्स संस्था द्वारा नियोजित कर्मचारी/सफाई कर्मचारी या इसी तरह के अन्य व्यवसाय में काम करने वाले श्रमिकों को दिया जा सकता है।

 म.प्र. के अति सघन वन क्षेत्र में हुई 63 प्रतिशत की वृद्धि : वन मंत्री डॉ. शाह

वन मंत्री डॉ. कुँवर विजय शाह ने कहा है कि मध्यप्रदेश में अति सघन वन क्षेत्रफल में 63 फीसदी की बढ़ोत्तरी हुई है। वर्ष 2005 में 4239 वर्ग किलोमीटर अति सघन वन क्षेत्रफल था, जो अब बढ़कर 6665 वर्ग किलोमीटर तक हो चुका है। भारतीय वन सर्वेक्षण संस्थान देहरादून द्वारा वर्ष 2021 में प्रकाशित रिपोर्ट में इसका उल्लेख किया गया है।

15 हजार 608 वन समितियाँ

वन मंत्री डॉ. शाह ने बताया कि प्रदेश के 79 लाख 70 हजार हेक्टेयर वन क्षेत्र के वन प्रबंधन में जन-भागीदारी हेतु प्रदेश के 15 हजार 608 ग्रामों में वन समिति गठित है। वनों के प्रबंधन में आश्रित समुदायों की भागीदारी से सकारात्मक परिणाम आए हैं। जहाँ एक ओर दुनिया में प्राकृतिक वनों के ऊपर खतरा मंडरा रहा है। ऐसी स्थिति में भी प्रदेश में हजारों ग्राम समुदायों ने वन विभाग के साथ मिलकर बिगड़े वन क्षेत्रों को अच्छे वनावरणों वाले वन-क्षेत्रों में परिवर्तन का कार्य किया है। वन क्षेत्रों में हुई वृद्धि में प्रदेशवासियों खास तौर पर वन क्षेत्रों के आस-पास रहने वाले जनजातीय समुदायों की अहम भूमिका रही है।

वन समितियों को अब राजस्व का मिलेगा 20 प्रतिशत हिस्सा

वन मंत्री डॉ. शाह ने बताया कि प्रदेश में गठित वन समितियों को राजस्व का 20 फीसदी हिस्सा दिए जाने का निर्णय लिया गया है। इस व्यवस्था के कायम होने से वन समितियाँ आर्थिक रूप से मजबूत होगी। खास तौर पर जनजातीय वर्ग को इसका लाभ मिलेगा। उन्होंने बताया कि वन ग्राम को राजस्व ग्राम में परिवर्तन करने की माँग के दृष्टिगत मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देश पर राजस्व विभाग के साथ सैद्धान्तिक सहमति प्राप्त हो चुकी है। अब यथाशीघ्र इसकी प्रक्रिया प्रारंभ की जाएगी।

वन्य-प्राणी और वनस्पति संरक्षण में अग्रणी राज्य

मध्यप्रदेश के वन सागौन, साल जैसी बे-शकीमती इमारती लकड़ी और बाँस उत्पादन के मामले में देशभर में विख्यात हैं। साथ ही वन्य-प्राणियों के संरक्षण के मामले में भी अग्रणी राज्य बन गया है। सर्वाधिक 526 बाघों की उपस्थिति से प्रदेश को “बाघ राज्य“ का गौरव हासिल है। देश में सर्वाधिक 3421 तेन्दुए, 2 हजार घड़ियाल और 772 भेडियों की मौजूदगी पर्यटकों के लिए आकर्षण का केन्द्र है।

30 अप्रैल तक किसान कर सकेंगे स्लॉट बुकिंग

जिला आपूर्ति अधिकारी ने बताया कि रबी विपणन वर्ष 2022-23 में समर्थन मूल्य पर गेहूं उपार्जन के लिये किसानों को गेहूं विक्रय हेतु www.mpeuparjan.nic.in पर स्लॉट बुकिंग की सुविधा दी गई है। कृषक को स्लॉट बुकिंग हेतु उपार्जन केन्द्र एवं दिनांक का चयन करने की सुविधा दी गई है, साथ ही कृषक द्वारा विक्रय हेतु लाई जाने वाली गेहूं की मात्रा भी दर्ज करने की सुविधा दी गई है। शासन द्वारा स्लॉट बुकिंग की अवधि में वृद्धि करते हुए यह सुविधा 30 अप्रैल तक कर दी गई है। ऐसे कृषक जो समर्थन मूल्य पर गेहूं का विक्रय करना चाहते हैं, वे ई-उपार्जन पोर्टल पर 30 अप्रैल 2022 तक स्लॉट बुकिंग कर सकेंगे। इसके उपरांत स्लॉट बुकिंग की सुविधा बंद कर दी जाएगी।

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