Angarki Chaturthi 2022: digi desk/BHN/ उज्जैन/ वैशाख मास की अंगारकी चतुर्थी पर मंगलवार को श्रीवत्स योग का महासंयोग रहेगा। इस योग में भगवान गणेश, मंगलनाथ व अंगारेश्वर की पूजा करने से भक्तों को सुख, समृद्धि मनोवांछित फल की प्राप्ति होगी। मांगलिक कार्यों में आ रही बाधा के निवारण के लिए इस दिन शास्त्रों में महामंगल की भातपूजा का विधान बताया गया है।
ज्योतिर्विद पं.आनंदशंकर व्यास के अनुसार मंगलवार के दिन संकष्टी चतुर्थी होने से यह अंगारकी चतुर्थी कहलाएगी। इस बार चतुर्थी पर श्रीवत्स योग का संयोग रहेगा। इस योग में व्रत रखकर भगवान गणेश की आराधना करने से भक्तों के समस्त संकटों का नाश होता है, साथ ही मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। अंगारकी चतुर्थी पर भगवान मंगलनाथ व अंगारेश्वर महादेव का पंचामृत अभिषेक, जलाभिषेक तथा भातपूजा करने से कार्य में प्रगति तथा मांगलिक कार्य में आ रही बाधा दूर होती है। चतुर्थी पर बड़े गणेश मंदिर में सुबह भगवान बड़े गणेश का पंचामृत अभिषेक पूजन होगा।
पंचांगीय गणना के अनुसार अंगारकी चतुर्थी पर मंगलवार रात 9 बजकर 45 मिनट पर चंद्रोदय होगा। पं.व्यास के अनुसार व्रती महिलाएं चंद्र दर्शन कर चंद्रमा को अर्घ्य प्रदान कर पूजा अर्चना करना करें। इसके बाद व्रत का पारणा करना चाहिए।
तृतीया युक्त चतुर्थी विशेष
ज्योतिषाचार्य पं.अमर डब्बवाला के अनुसार वैशाख मास की संकष्टी चतुर्थी आमतौर पर मंगलवार के दिन आती है। इस बार भी मंगलवार को तृतीया के युक्त चतुर्थी धर्म आराधना की दृष्टि से विशेष है। इस दिन व्रत रखकर भगवान गणेश की पूजा अर्चना करने से अखंड सौभाग्य व सुख समृद्धि की प्राप्ति होती है। मंगलनाथ व अंगारेश्वर महादेव की पूजा के लिए भी यह दिन खास है।