उमरिया,भास्कर हिंदी न्यूज़/ नौ दिनो की कठोर उपासना के बाद 10 अप्रेल को रामनवमी पर बिरसिंहपुर पाली में विशाल जवारा जुलूस निकाला गया। मां विरासिनी दरबार से ऐतिहासिक जवारा जुलूस शुरू हुआ, जो विभिन्न मार्गों से होते हुए सगरा तालाब पहुंचा। जहां विधि-विधानपूर्वक जवारा कलशों का विसर्जन किया गया। दो साल बाद निकाले गए विशाल जवारा जुलूस में हजारों लोग शामिल हुए। नवमी को पट खुलते ही मंदिर परिसर मे माता रानी का जयघोष प्रतिध्वनित होने लगा। नवमी मां विरासिनी मंदिन में दर्शनार्थियों की जबरदस्त भीड़ उमड़ी। इस दौरान हजारों की संख्या मे लोग पाली पहुंचे, जिनके द्वारा परिसर में मुंडन, कंछेदन, कन्या भोज आदि कार्यक्रम आयोजित किए गए। इनमें अधिकांश लोग बाहर क्षेत्र के थे। श्रद्धालुओं के आने का क्रम देर रात तक चलता रहा।
इस मार्ग से गुजरा जुलूस
शक्तिपीठ मां बिरासनी मंदिर का विशाल चल जवारा जुलूस भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच सायं चार बजे निकाला गया। इससे पहले दोपहर तीन बजे सभी कलश गृह के बाहर निकाल लिए गए। इस दौरान परंपरा अनुसार कलेक्टर एवं मंदिर प्रबंध समिति के अध्यक्ष संजीव श्रीवास्तव ने माता महाकाली की पूजा अर्चना की। जवारा जुलूस मंदिर के उत्तरी द्वार से निकल कर प्रकाश चौराहा पहुंचे और फिर मुख्य बाजार होते हुए बस स्टैंड राष्ट्रीय राजमार्ग, जनपद पंचायत कार्यालय तथा अस्पताल तिराहा पहुंचकर बाबूलाइन कालोनी में प्रवेश कर गया। यहां से जुलूस वापस लौटकर पुराने अस्पताल तिराहे से थाना रोड, नगर पंचायत होता हुआ विरासिनी मंदिर के शक्ति द्वार पहुंचकर सगरा तालाब के लिए रवाना हो गया जहां जवारों का विसर्जन किया गया। प्रशासन द्वारा विसर्जन स्थल पर प्रकाश एवं सुरक्षा के तमाम इंतजाम किए गए थे।
दान मे मिले हैं आभूषण
गत दिवस अष्टमी पर माता विरासिनी को 11 तोले का स्वर्ण मुकुट पहनाया गया। यह मुकुट पाली के प्रतिष्ठित नागरिक ठाकुर ओमकार सिंह द्वारा मां के चरणों मे भेंट किया गया था। मां को पहनाए जाने वाले प्रत्येक आभूषण दान मे प्राप्त हुए है। मंदिर प्रबंध समिति द्वारा इन आभूषणों को अष्टमी के बाद बैंक के लाकर में सुरक्षित रखवा दिया जाता है। नवरात्रि में प्रत्येक वर्ष श्रृद्धालु अपनी मनौतियों के मुताबिक मां को अंखियां, बेंदी, पायल, चूडिय़ां, नथुनी इत्यिादि आभूषण अर्पित करते है। प्रबंध समिति श्रृद्धालुओं को इन आभूषणों की विधिवत रसीद भी देती है।
12 हजार कलश स्थापित
विरासिनी मंदिर के कलश गृह मे इस वर्ष बैठकी से लेकर अभी तक 12 हजार जवारा एवं ज्योति कलशों की स्थापना की गई है। कलश गृह मे जवारों की हरियाली और ज्योति की जगमगाहट सहज ही मन मोह लेती है।