छतरपुर, भास्कर हिंदी न्यूज़/ पिछले कई दिनों से अधिकतम तापमान 42 डिग्री के पार था पर गर्मी के इस सीजन का सबसे अधिक तापमान 44 डिग्री दर्ज किया गया है। जबकि न्यूनतम तापमान 18 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है। दिन भर लू चलने से गर्मी का प्रकोप और भी प्रचंड हो गया है।
इस बार मार्च माह में ही जिले के तापमान में तेजी से वृद्धि हुई है। अभी से ऐसा लगने लगा है मानों मार्च में मई वाली तपन का अहसास हो रहा हो। तेज धूप पड़ने से सामान्य जन जीवन भी प्रभावित हुआ है। दिन के समय लोग सड़कों पर केवल मजबूरी में ही निकले। लोगों को मुंह पर कपड़ा बांधकर, कैप लगाकर ही आते-जाते देखा गया। शहर की दिन भर भीड़भाड़ वाली सड़कें शनिवार को सूनी नजर आईं। इस अंचल के लिए शनिवार को मौसम का आरेंज एलर्ट घोषित किया गया है। मौसम विभाग खजुराहो के आरएस परिहार ने बताया कि वर्तमान में एक पश्चिमी विक्षोभ पाकिस्तान और उसके आसपास बना हुआ है। दक्षिण-पूर्वी मध्यप्रदेश पर हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात बना है। इस चक्रवातीय परिसंचरण से विदर्भ, कर्नाटक होते हुए तमिलनाडु तक एक ट्रफ लाइन गुजर रही है। इन तीन मौसम प्रणालियों के कारण अधिकतम तापमान में उतार-चढ़ाव की स्थिति बन रही है।
लू से बचाव के लिए नमक-नीबू पानी पिएं
जिला अस्पताल के डा. लखन तिवारी ने लोगों को सलाह दी है कि धूप और लू से बचने के लिए पर्याप्त सावधानी बरतें। जरूरी होने पर ही फुल आस्तीन के कपड़े पहनकर, मुहं और सिर को ढककर निकलें। पानी में नींबू और नमक मिलाकर पीने से लू लगने का खतरा कम रहता है। गर्मी से बचने के लिए बार-बार पानी पीते रहें, शरीर में पानी की कमी न होने दें। उनका कहना है कि तेज धूप से वापस आते ही तुरंत ठंडा पानी नहीं पीना चाहिए। गर्मी में अचानक से ठंडा पानी पीने से सेहत को नुकसान होता है, गला खराब होने व जुखाम का खतरा बनता है। लू लगने के लक्षणों के बारे में उन्होंने बताया कि लू लगने से बुखार आना, शरीर की त्वचा का लाल व रूखा हो जाना, नाड़ी का तेजी से चलना, चक्कर-सिरदर्द व जी मिचलाना और घबराहट होने जैसे लक्षण होने पर तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें।