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PM Modi: सोमवार को PM मोदी से बात करेंगे US राष्ट्रपति, वर्चुअल बैठक में यूक्रेन समेत कई मुद्दों पर होगी चर्चा

PM Modi- Biden Meeting: digi desk/BHN/नई दिल्ली/ यूक्रेन के मुद्दे पर रुस के समर्थन और अमेरिका की धमकी के बाद भारत अमेरिकी संबंधों में तनाव देखा जा रहा है। सोमवार को इन सभी मुद्दों पर दोनों देशों की बीच खुलकर बातचीत होने की संभावना है। दरअसल 11 अप्रैल को भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति सोमवार के बीच वर्चुअल बैठक होनी है। रूस के बीच जारी युद्ध के बीच, भारत और अमेरिका के शीर्ष नेताओं की द्विपक्षीय मुद्दों पर होनेवाली इस वार्ता को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। अमेरिका और भारत के बीच अगले हफ्ते 2 प्लस 2 वार्ता भी शुरू होने वाली है, इसमें भारत की ओर से रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री एस. जयशंकर शिरकत करेंगे। वहीं अमेरिका के रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन और विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन हिस्सा लेंगे।

दोनों देशों के नेताओं के बीच यह कूटनीतिक बातचीत ऐसे वक्त में हो रही है, जब भारत पर रूस से तेल ना खरीदने का दबाव डाला जा रहा है। उधर अमेरिका रूस के मुद्दे पर भारत का पूरा समर्थन चाहता है। ऐसे में पीएम मोदी के सामने कई तरह के दबाव होंगे। वहीं भारत इन मामलों में तटस्थ रहने के अपने स्टैंड पर कायम है।

राजधानी दिल्ली पिछले एक-डेढ़ महीनों से अंतरराष्ट्रीय गतिविधियों का केन्द्र बन गया है। रुसी विदेश मंत्री समेत ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, चीन और अन्य यूरोपीय देशों के तमाम नेता भारत का दौरा कर चुके हैं। अमेरिका के उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार दलीप सिंह भी हाल ही में नई दिल्ली यात्रा पर आए थे और उन्होंने रूस से तेल खरीद को लेकर कड़ी प्रतिक्रिया दी थी। संभावना जताई जा रही है कि बाइडन कुछ विशेष सुविधाएं देकर भारत को रुस के मामले से दूर करने की कोशिश करेंगे।

अमेरिका को यूक्रेन के अलावा ताइवान की भी चिंता सता रही है। आशंका है कि रूस की तरह चीन भी कहीं ताइवान पर कब्जा करने का कोशिश ना करे। अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया के साथ भारत भी क्वॉड संगठन में शामिल है। ऐसे में हिन्द महासागर व प्रशांत महासागर में चीन की बढ़ती गतिविधियों के बीच भारत का सहयोग मायने रखता है। वैसे, बयान में कहा गया है कि दोनों नेता द्विपक्षीय गहन वैश्विक रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करेंगे, नियमित और उच्चस्तरीय संपर्क को बढ़ाएंगे और दक्षिण एशिया और एशिया-प्रशांत क्षेत्र में मौजूदा गतिविधियों पर विचारों का आदान-प्रदान करेंगे।

 

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