अनूपपुर, भास्कर हिंदी न्यूज़/ ग्राम पंचायतों के परिसीमन के बाद जिले में अब 179 ग्राम पंचायत रह गई हैं। ऐसा दो जनपद क्षेत्र के 5 ग्राम पंचायत के नगर परिषद के रूप में परिवर्तन होने से हुआ है। इसी तरह दो जनपद सदस्य की सीटें भी कम हो गई हैं। कांग्रेस शासनकाल में दो नई ग्राम पंचायतों के गठन को मंजूरी मिली थी लेकिन वर्तमान भाजपा सरकार द्वारा कराए गए दोबारा परिसीमन में उपरोक्त नए पंचायत को मंजूरी नहीं दी गई है। ना तो नए पंचायत बनाए गए और ना ही समाप्त किए गए अंतर यही है कि जो ग्राम पंचायत नगर परिषद बन गई हैं वही पंचायतों की संख्या को कम कर दिया है।
अनूपपुर जिले में जिला पंचायत के माध्यम से जनपद पंचायत जैतहरी, कोतमा, पुष्प राजगढ़ और अनूपपुर जनपद क्षेत्र में सरपंच, जनपद सदस्य, जिला पंचायत सदस्य क्षेत्र के लिए परिसीमन की प्रक्रिया फरवरी माह में की गई। जिसमें अनूपपुर जिले के कुल 282 ग्राम पंचायतों में परसीमन उपरांत 179 पंचायत रह गई हैं। इसके तहत कोतमा में 31, अनूपपुर में 49, जैतहरी में 78 और पुष्पराजगढ़ में 119 पंचायत रहेंगी। अनूपपुर जनपद में पहले 52 पंचायतें थी यहां की डोला, डूमर कछार और बनगवां पंचायत को नगर पंचायत का दर्जा दिए जाने से तीन पंचायत कम हो गई इसी तरह पिछले माह जैतहरी जनपद पंचायत के 2 ग्राम पंचायत बरगवां और देवहरा को ग्राम पंचायत से नगर पंचायत में परिवर्तित कर दिया गया है जिससे यहां की भी दो पंचायत कम हो गई हैं।
बताया गया वर्ष 2019 में कांग्रेस शासनकाल में परिसीमन जो किया गया था उसमें जैतहरी जनपद पंचायत के ग्राम पंचायत परसवार से खोली और मेडियारास से अलग चचाई आबाद को नया ग्राम पंचायत का दर्जा दिया जाना प्रस्तावित कर लिया गया था लेकिन भाजपा की सरकार आते ही इन्हें निरस्त कर दी। नए परिसीमन के बाद ग्राम पंचायतों के वार्ड पंच की संख्या भी घटी है।अब कोतमा में 478, अनूपपुर में 826, जैतहरी में 1323 और पुष्पराजगढ़ में 1827 वार्ड रह गए हैं।