सतना, भास्कर हिंदी न्यूज़/ राज्य शासन के आयुष संचालनालय द्वारा सतना जिले के विकासखंड अमरपाटन के रामगढ़ और नागौद के ग्राम पहाड़ी को आयुष ग्राम के रूप में स्वीकृति दी गई है। जीवनशैली में सुधार हेतु जागरूकता, स्थानीय औषधीय पौधों के संरक्षण एवं कृषि के क्षेत्र में प्रोत्साहन कार्य के लिए प्रति आयुष ग्राम 3 लाख 73 हजार रुपए व्यय किए जा सकेंगे। इस आशय की जानकारी सोमवार को कलेक्टर अनुराग वर्मा की अध्यक्षता में आयुष विभाग की रोगी कल्याण समिति की संपन्न हुई बैठक में दी गई। इस मौके पर आयुक्त नगर निगम तन्वी हुड्डा, सीईओ जिला पंचायत डॉ परीक्षित राव, अपर कलेक्टर राजेश शाही, जिला आयुष अधिकारी डॉ रितु द्विवेदी उपस्थित थे।
जिला आयुष अधिकारी और सचिव डॉ रितु द्विवेदी ने रोगी कल्याण समिति के आय-व्यय की जानकारी में बताया कि मरीजों को बेहतर आयुर्वेद उपचार उपलब्ध कराने जिला आयुर्वेद चिकित्सालय में रोगी कल्याण समिति का गठन जनवरी 2002 में किया गया था। उन्होंने बताया कि दिसंबर 2020 की स्थिति में 2 लाख 60 हजार 594 रुपये की आय जमा थी। दिसंबर 2020 से 11 मार्च 2022 तक 63 हजार 630 रुपये की आय हुई है। इस अवधि में 1 लाख 14 हजार 440 रुपये का व्यय हुआ है। वर्तमान में रोगी कल्याण समिति में 2 लाख 15 हजार 784 रुपये शेष राशि जमा है।
समिति की बैठक में जिला आयुर्वेद चिकित्सालय सतना में आयुष सेवाओं की दरें भी निर्धारित की गई। इसके अनुसार एचबी कार्ड टेस्ट 10 रुपये, ब्लड शुगर स्ट्रिप टेस्ट 40 रुपये, स्वर्ण प्राशन 5 वर्ष तक के बच्चो के लिए 25 रुपये, स्वर्ण प्राशन 5 से 16 आयु वर्ग के बच्चों के लिए 50 रुपये और यूरिन प्रेगनेंसी टेस्ट (कार्ड) के लिए 30 रुपये प्रति जांच की दरें निर्धारित की गई है। समिति ने जिला आयुर्वेद चिकित्सालय में औषधि, उपकरण, सामग्री क्रय एवं संधारण के लिए एक लाख 66 हजार 480 रुपये की स्वीकृति प्रदान की। जिला आयुष अधिकारी ने बताया कि जिले के चयनित 2 आयुष ग्राम पहाड़ी और रामगढ़ के लिए प्रति ग्राम 3 लाख 73 हजार रुपये की स्वीकृति दी गई है। जिसमें आयुष गतिविधियों का प्रचार-प्रसार, जागरूकता, स्वास्थ्य सर्वे एवं स्वास्थ्य पत्रक की तैयारी, स्थानीय आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, ऊषा कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण जागरूकता के कार्य एवं आयुष ग्राम में प्रतिमाह 2 मेगा शिविर भी आयोजित करने संबंधी गतिविधियां की जाएंगी। रोगी कल्याण समिति की बैठक में अध्यक्ष एवं सदस्यों को औषधि पौधे के गमले भी भेंट किए गए।