sucide:शहडोल/ जैतपुर थाना क्षेत्र के ग्राम में एक 16 वर्षीय किशोरी ने खुदकुशी कर ली। उसने अपनी मौत का जिम्मेदार जैतपुर थाने का आरक्षक गुड्डू यादव को बताया। पुलिस के मुताबिक आरक्षक के नाबालिग से संबंध थे। कहीं और शादी होने के कारण वह तनाव में आ गई और खुदकुशी कर ली।
देर रात कलेक्टर डॉ.सतेंद्र सिंह व एसपी अवधेश गोस्वामी गांव पहुंचे और स्वजनों से बात की उनको आश्वासन दिया कि इस मामले में दोषी बचेगा नहीं। घटना के बाद गांव में तनाव की स्थिति पैदा हो गई थी। एसपी के समझाने पर लोग शांत हुए। सोमवार को पोस्टमार्टम कराने के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया।
मृतका के परिजनों से मुलाकात कर उन्हें न्याय दिलाने का आश्वासन कलेक्टर ने दिया। रविवार की शाम तकरीबन पांच बजे 16 वर्षीय किशोरी फांसी लगाकर अपने ही घर में खुदकुशी कर ली थी। उसके पास से एक सुसाइड नोट मिला था जिसमें किशोरी ने पुलिस आरक्षक गुड्डू यादव का नाम लिखा था। साथ ही यह भी लिखा है कि मेरी मौत को जिम्मेदार कोई और नहीं गुड्डू यादव है। साथ ही यह भी लिखा था कि मेरे और गुड्डू के बारे में विपिन, शिवकुमार और पुष्पेंद्र जानते हैं। सुसाइड नोट में आरक्षक गुड्डू का जिक्र आने के बाद उसे एसपी ने तत्काल निलंबित कर दिया। कलेक्टर ने मृतका के परिजनों से मुलाकात कर आर्थिक सहायता के रूप में 10 हजार मुहैया कराए हैं। पुलिस अधीक्षक ने आरोपितों पर सख्त से सख्त कार्रवाई का आश्वासन स्वजनों को दिया है।
चेक पोस्ट पर ड्यूटी के दौरान हो गए थे मृतका से आरक्षक के संबंध
जैतपुर थानान्तर्गत नाबालिग ने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली थी। इस मामले में जांच के बाद जो तथ्य सामने आया है उसके मुताबिक मृतका के संबंध आरक्षक गुड्डू यादव से तब हो गए थे जब कोविड 19 के दौरान वह छत्तीग़सढ बार्डर पर तैनात था जो कि उसके गांव और घर के नजदीक था। आरोपित आरक्षक को अभिरक्षा में लिया गया है। सुसाइड नोट में मृतका द्वारा लिखा गया है कि मेरे मरने के पीछे किसी और का हाथ नहीं बल्कि जैतपुर का पुलिस गुड्ड यादव का हाथ है। इसलिये अगर कोई कानूनी कार्यवाही हो रही हो तो किसी और पर नहीं बल्कि गुड्डू यादव पर हो। मृतका द्वारा सुसाइड नोट में यह भी लेख किया गया है कि इस बात की जानकारी थाने में पदस्थ महिला आरक्षक अन्नपूर्णा उईके का भाई विपिन, आरक्षक शिवकुमार, आरक्षक पुष्पेन्द्र सिंह को भी है। सुसाइड नोट के विवरण और वारिसानों के कथन से पाया गया कि आरोपित आरक्षक की ड्यूटी कोविड-19 के दौरान छग बार्डर चेक पोस्ट में लगी थी जो मृतका के गांव के पास में थी। आरक्षक का ड्यूटी के लिए आने जाने के दौरान मृतका से जान पहचान हुई थी और आरक्षक मृतका के घर मां, बाप के अनुपस्थिति में आना-जाना व मिलना जुलना करने लगा। गुड्डू यादव यह जानता था कि मृतका नाबालिग एवं आदिवासी समाज की बालिका है। इसके बाद भी उससे लगातार संबंध बनाये हुये था। इसकी जानकारी गांव में लोगों को हो गई थी। परंतु अब गुड्डु यादव मृतका से संबंध विच्छेद कर कहीं अन्य शादी कर रहा था। मृतका ने गुड्डू यादव के साथ संबंध के कारण हुई बदनामी की मानसिक प्रताड़ना के कारण आत्महत्या करने को मजबूर होकर 8 नवंबर की शाम करीब पांच बजे स्वयं के घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली । आरोपित के विरुद्ध अपराध पंजीबद्ध किया गया है। जैतपुर थाने के आरक्षक शिवकुमार मरकाम एवं महिला आरक्षक अन्नपूर्णा उईके को तत्काल प्रभाव से लाइन अटैच किया गया।