उमरिया, भास्कर हिंदी न्यूज़/ बोर में फंसे मासूम गौरव की मौत के बाद ग्राम बड़छड़ में सन्नााटा पसर गया है। शुक्रवार की सुबह बोर से मासूम का शव निकलने के बाद भी लोगों को यह उम्मीद थी कि वह जीवित है और बरही के अस्पताल से उपचार के बाद वह लौट आएगा लेकिन कुछ ही घंटों बाद जब उसका शव गांव पहुंचा तो लोग शोक में डूब गए। गांव के लोगों ने मिलकर मासूम का अंतिम संस्कार करवाया और धीरे-धीरे अपने घर वापस लौट गए। इसके बाद पूरा दिन गांव में सन्नााटा पसरा रहा। गौरव के घर में उसके माता-पिता का रो-रोकर बुरा हाल था और परिवार के लोग उन्हें शांत करा रहे थे।
बाल-हठ ने ले ली जान
मृतक के चाचा चाचा संदीपन द्विवेदी ने बताया कि मासूम गौरव घर भर का दुलारा था और उससे सभी को लगाव था। यही कारण है कि कोई उसकी बात को नहीं टालता था। बताया गया है कि गुरूवार की सुबह जब गौरव की दादी घर से खेत जा रही थी तो गौरव भी उनके साथ हो लिया। पहले तो दादी ने उसे मना किया लेकिन जब वह नहीं माना तो दादी उसे अपने साथ खेत ले गई। खेत में दादी तो अपने काम में जुट गई और गौरव खेलने लगा। इसी दौरान वह असफल बोर के पास पहुंच गया और उसके अंदर झांकने लगा। इसी दौरान उसका संतुलन बिगड़ गया और वह बोर में जा गिरा।