छतरपुर, भास्कर हिंदी न्यूज़/ जिले के ग्राम किशनगढ़ में एक घर का निर्माण कार्य कर रहा 35 वर्षीय श्रमिक उस समय हादसे का शिकार हो गया जब अचानक मकान का छज्जा गिर जाने से श्रमिक के पेट में एक सरिया आर-पार निकलकर फंस गया। जिला अस्पताल में आपरेशन के बाद पेट से सरिया को निकालकर श्रमिक की जान बचा ली है।
जानकारी के अनुसार किशनगढ़ में 35 वर्षीय श्रमिक बाबूलाल पुत्र जुग्गा अहिरवार पेशे से मिस्त्री है। गुरुवार को वह गांव में एक मकान के निर्माण का काम कर रहा था। काम करते समय शाम को अचानक छत का छज्जा टूट जाने से वह नीचे लोहे के सरियों के बीच जा गिरा। इस हादसे में नीचे पड़ा एक सरिया बाबूलाल पेट के आर-पार हो गया। यह हादसा देखकर सभी घबरा गए। मकान मालिक सहित अन्य लोग उसे स्थानीय अस्पताल लेकर पहुंचे। यहां प्राथमिक इलाज के बाद उसे जिला अस्पताल के लिए रेफर कर दिया गया। सरिया बड़ा होने से मरीज को एंबुलेंस की बजाय एक लोडिंग वाहन में लिटाकर 100 किमी लंबा सफर करके देर रात जिला अस्पताल छतरपुर तक लेकर आना पड़ा। परेशानी तब और बढ़ गई जब सरिया बड़ा होने के कारण बाबूलाल को अस्पताल के कक्ष में ले जाने का प्रयास किया तो दरवाजे भी छोटे पड़ गए। इससे घायल का तुरंत न सिटी स्कैन हो सका और न एक्सरे हो पाया। ऐसे में सोनोग्राफी मशीन को बाहर लाकर आंतों को चेक किया और उसे ओटी के अंदर ले जाया गया।
दो घंटे के चला आपरेशन
जिला अस्पताल के डॉ. मनोज चौधरी ने बताया कि लोहे का सरिया श्रमिक के पेट के आर-पार होने से उसकी घायल हालत के बारे में किशनगढ़ अस्पताल ने पहले ही सूचना दे दी थी। ऐसे में हमने पहले से सारी तैयारी कर रखी थी। मरीज जैसे ही यहां आया, वैसे ही उसका इलाज शुरू कर दिया गया। उन्होंने बताया कि सरिया 5 फीट लंबा होने से बाबूलाल को हिलाना-डुलाना संभव नहीं था। डा. सुरेंद्र कुमार से सोनोग्राफी मशीन बाहर लाकर परीक्षण करके बताया कि सरिया आंतों में घुसा है। बाबूलाल को आपरेशन थियेटर में ले जाकर ब्लड चढ़ाया इसके 6 सदस्यों की टीम ने 2 घंटे चले आपरेशन के जरिये आंतों को रिपेयर करते हुए सरिये को पेट से बाहर निकाल दिया गया है। उन्होंने बताया कि मरीज की हालत अब ठीक है, उसे ऑब्जर्वेशन में रखा गया है।