रीवा, भास्कर हिंदी न्यूज़/ कोर्ट और कलेक्ट्रेट को उड़ाने का धमकी भरा पत्र मामले को लेकर जांच में जुटी पुलिस ने मामले का खुलासा कर दिया है पुलिस ने उक्त मामले में मोहम्मद अब्दुल हाफिज अंसारी 38 वर्ष निवासी घोघर को गिरफ्तार कर लिया है जिसने अपना गुनाह भी कबूल कर लिया है। मामले का खुलासा करते अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शिव कुमार वर्मा ने बताया कि मोहम्मद अब्दुल हाफिज अंसारी अपनी निजी दुश्मनी निभाने के लिए एक अखबार के दफ्तर में पत्र भेजकर दो लोगों का संबंध सिमी व नक्सली से होना बताया था उक्त पत्र की गंभीरता को देखते हुए मामले की जांच की गई और युवक को गिरफ्तार कर लिया गया है। उन्होंने बताया कि युवक पहले तो खुद को बेगुनाह बता रहा था लेकिन डाकघर से मिले सीसीटीवी फुटेज को जब उसे दिखाया गया तो उसने अपना जुर्म स्वीकार कर लिया।
क्या था पत्र
दरअसल एक धमकी भरा पत्र वयारल हुआ था। जिसमें रीवा के कोर्ट और कलेक्ट्रेट को उड़ाने की धमकी दी गई थी। इतना ही नहीं पत्र में शहर के कबाड़ व्यापारी को सिमी और नक्सलियों से सबंध बताया गया था। इस पत्र के वायरल होते ही पुलिस हरकत में में आ गई। आनन-फानन में इस पत्र मामले की जांच में जुटी पुलिस ने संदेही को गिरफ्तार कर लिया।वह शहर के कपड़ा सिलाई करने वाले बड़े कारोबारी युवराज अंसारी का पुत्र है।
चिट्ठी से हड़कंप
ज्ञात हो कि इन दिनों रीवा जिला लगातार धमकियों के साए में है। एक पखवाड़े से बम नुमा लाल डिब्बा सिलसिलेबार मिलने के कारण जंहा हर कोई दहशत में था तो वही पुलिस रात दिन एक करके अंततः आरोपित तक पहुच कर 3 लोगों को गिरफ्तार किया था। पुलिस बम मामले में अभी राहत की सांस भी नही ली थी कि कोर्ट और कलेक्ट्रेट को उड़ाने की चिट्रठी सामने आ जाने से पुलिस की नींद उड़ गई थी। उक्त मामले को गंभीरता से लेते हुए पुलिस अधीक्षक ने तीन अलग-अलग टीमों का गठन किया था जो कि पोस्ट आफिस में स्पीड पोस्ट के समय सीसीटीवी वीडियो की जांच की उक्त जांच के बाद पुलिस आरोपित तक पहुंच गई है।
कबाड़ व्यापारी पहुंचा एसपी कार्यालय
कोर्ट और कलेक्ट्रेट को उड़ाने वाली वायरल चिट्रठी में मुस्ताक कबाड़ी का नाम लिखा हुआ था। जिसमें बताया गया था कि उसके संबंध सिमी और नक्सलियों से है। यह जानकारी लगने के बाद कबाड़ व्यापारी मुस्ताक एसपी कार्यालय पहुंचा और बताया कि उससे रंजिश रखने वालों की यह करतूत है और उसे फंसाने की साजिश रची गई थी। उन्होने पुलिस से मामले की जांच कराए जाने और दोषी को सजा दिलाए जाने की मांग की थी।