China Megaconstellation: digi desk/BHN/नई दिल्ली/ क्या चीन दुनिया में अपनी ताकत बढ़ाने के लिए अब जासूस की सहारा ले रहा है? क्या चीन ने अपने सैटेलाइट का इस्तेमाल जासूसी के लिए करने की बड़ी योजना बनाई है? ये सवाल उस मीडिया रिपोर्ट के आने के बाद उठे हैं, जिनमें कहा गया है कि चीन ने Megaconstellation (मेगाकॉन्स्टेलेशन) पर काम शुरू कर दिया है। इसके तहत एक-दो या 10-12 नहीं, पूरे 13 हजार सैलेटाइट अंतरिक्ष में छोड़े जाएंगे। चीनी सरकार ने इसका ठेका एक निजी कंपनी को दिया है। कंपनी कह रही है कि 5G सेवाओं के लिए ये अंतरिक्ष यान छोड़े जाएंगे, लेकिन अमेरिका समेत अन्य पश्चिमी देश इसे जासूसी का हथियार बता रहे हैं।
डेली मेल की रिपोर्ट के अनुसार, चीन के स्टेट एडमिनिस्ट्रेशन ऑफ साइंस, टेक्नोलॉजी एंड इंडस्ट्री फॉर नेशनल डिफेंस (SASTIND) ने छोटे उपग्रहों की लांचिंग की योजना बनाई है। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि इन सैटेलाइट की मदद से चीन पृथ्वी के अधिकांश हिस्से पर निगरानी रखने में सक्षम होगा। हालांकि चीनी सरकार ऊपरी तौर पर इसके पीछे इंटरनेट सुविधाओं को मजबूत करने का मकसद बता रही है। रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि नेटवर्क क्या कवर करेगा और यह कैसे काम करेगा, इसके बारे में अधिक जानकारी उपलब्ध नहीं है। वैसे इसका शुरुआती उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में 5G नेटवर्क सेवाओं को मजबूत करना है।
क्या है चीन की योजना मेगाकॉन्स्टेलेशन
चीन की योजना के अनुसार, 12992 उपग्रह स्पेसएक्स-स्टारलिंक कंपनी के उपग्रहों की तरह पृथ्वी की निचली कक्षा में परिक्रमा करेंगे। इसे ‘मेगाकॉन्स्टेलेशन’ नाम दिया गया है। इनकी रेंज पृथ्वी की सतह से 498.89 किलोमीटर से 1144.24 किलोमीटर के बीच होगी। डेली मेल की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि कुछ फर्मों को चोंगकिंग में विकास कार्य शुरू करने का ठेका दिया गया है। एक ‘मेगाकॉन्स्टेलेशन’ हजारों उपग्रहों का एक नेटवर्क है जो इंटरनेट सेवाएं प्रदान करने के लिए पृथ्वी की लंबाई और चौड़ाई को कवर करता है।