Good news: अनूपपुर/ कोरोना की वजह से जब लाकडाउन पूरे देश में लागू हुआ तो जिले के पवित्र नगरी अमरकंटक स्थित नर्मदा मंदिर और नर्मदा उद्गम स्थल कोटि तीर्थ पर श्रद्धालुओं के जाने पर प्रतिबंध कर दिया गया था। मंदिर के खोले जाने के बाद अब नर्मदा कुंड जहां श्रद्धालु दर्शन के पूर्व डुबकी लगाया करते थे अब इस स्थान को भी नगर परिषद ने प्रशासनिक अनुमति मिलने के बाद खोल दिया है जिससे श्रद्धालुओं को बड़ी राहत मिली है।
अमरकंटक नर्मदा माता मंदिर के समीप कोटि तीर्थ नर्मदा कुंड स्थल है जहां उद्गम स्थल से पवित्र नर्मदा की धार पहुंचकर एकत्र होती है और इस स्थान पर नर्मदा जल का भराव बना रहता है यहीं पर अमरकंटक मां नर्मदा के दर्शन करने आने वाले श्रद्धालु दर्शन के पूर्व नर्मदा कुंड में स्नान करते डुबकी लगाते हैं। मार्च के अंतिम सप्ताह जब कोरोना महामारी का प्रकोप बढ़ रहा था तो जिला प्रशासन ने नर्मदा मंदिर में श्रद्धालुओं के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया था और संक्रमण को बढ़ने से रोकने के लिए नर्मदा कुंड में स्नान हेतु रोक लगा दी थी। लॉकडाउन समाप्त होने के बाद मंदिर खोले जाने के निर्देश उपरांत कोविड नियमों के तहत नर्मदा मंदिर श्रद्धालुओं के लिए खोल तो दिया गया किंतु कुंड पर स्नान की अनुमति नहीं दी गई अब सात माह बाद प्रशासनिक अनुमति के बाद नगर परिषद अमरकंटक ने इस स्थान पर लगे ताले को खोल दिया है। अब अमरकंटक आने वाले श्रद्धालु परंपरा अनुसार कुंड में डुबकी लगाने का सौभाग्य प्राप्त कर रहे हैं।
रोक से श्रद्धालुओं को दो किलोमीटर दूर जाना पड़ता था
नर्मदा उद्गम स्थल के बाद कोटितीर्थ नर्मदा कुंड, पुष्कर डैम, लक्ष्मी सरोवर, मीनाक्षी सरोवर में नर्मदा जल से भराव की सुंदरता अमरकंटक की रौनक बढ़ाते हैं और यहां का निर्मल चमचमाता जल आने वाले पर्यटकों और श्रद्धालुओं के आकर्षण का केंद्र भी है किंतु इस वर्ष अमरकंटक आने वाले श्रद्धालुओं को इन शहरों में पानी न होने के कारण और नर्मदा कुंड में प्रवेश वर्जित हो जाने से बड़ी कठिनाइयों का सामना स्नान हेतु करना पड़ा। बारिश के समय पुष्कर डैम फूट गया जिसका मरम्मत कार्य 4 माह बाद भी जल संसाधन विभाग नहीं करा सका है। इस डैम के बाद लक्ष्मी सरोवर, मीनाक्षी सरोवर का बांध भी क्षतिग्रस्त होने से पूरा पानी बाहर निकल गया इनका भी सुधार अभी तक नहीं किया जा सका है। इन सरोवरों में पानी ना होने के कारण और कुंड में स्नान पर प्रतिबंध लगने के कारण यहां लोगों को स्नान के लिए बड़ी परेशानी उठानी पड़ी, उन्हें काफी दूर जाकर स्नान करना पड़ता फिर मंदिर आकर दर्शन करते। श्रावण मास, पूर्णिमा, कार्तिक जैसे अन्य अवसर पर दूर-दूर से लोग यहां नर्मदा में डुबकी लगाने पूजा-अर्चना करने पहुंचे तो उन्हें नर्मदा जल में स्नान के लिए दूर जाने से मंदिर तक आने -जाने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। अभी भी इन सरोवरों का मरम्मत कार्य नहीं हो सका है जिससे लोग पवित्र नर्मदा की धार पर स्नान और पूजा- अर्चना घाटों के किनारे नहीं कर पा रहे हैं। प्रशासन भी इस दिशा में ध्यान नहीं दे रहा है विभाग की लापरवाही लगातार बनी हुई है जल्द से जल्द इस काम को पूरा नहीं किया जा रहा है। नगर पंचायत अध्यक्ष प्रभा पनारिया ने कहा कि परिषद खुद प्रयास कर रही है कि इन सरोवरों का जो भी काम शेष है वह जल्द पूरा किया जाए पर विभाग ध्यान नहीं दे रहा है