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MP: Corona के बढ़ते मामलों के कारण मध्य प्रदेश में 12 वीं तक के स्कूल 31 जनवरी तक बंद, तो क्या लॉकडाउन की तरफ बढ़ रहा एमपी..!

बड़ी रैली, सभा या अन्य आयोजन पर प्रतिबंध, प्री-बोर्ड की परीक्षा भी अब टेक होम माध्यम से

 

Big meeting on increasing cases of corona in mp cm shivraj interacting with disaster management groups through video conferencing:digi desk/BHN/भोपाल/कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए मध्य प्रदेश में अब पहली से बारहवीं कक्षा तक के सरकारी-निजी सीबीएससी-आइएससी सहित सभी स्कूलों को 31 जनवरी तक बंद कर दिया गया है। 20 जनवरी से होने वाली प्री-बोर्ड की परीक्षा भी अब टेक होम माध्यम से होगी। इसके लिए स्कूल प्रबंधन व्यवस्था बनाएंगे। बड़ी राजनीतिक या सामाजिक रैली-सभाएं प्रतिबंधित रहेंगी। यह निर्णय शुक्रवार को लिया गया। इसकी जानकारी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से आपदा प्रबंधन समूहों को दी।

उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि प्रदेश में सभी तरह की आर्थिक गतिविधियां जारी रहेंगी। प्रदेश में अर्थ व्यवस्था को प्रभावित करने वाले लाकडाउन जैसे कदम अभी नहीं उठाए जाएंगे। कोरोना प्रोटोकाल के पालन के लिए हर स्तर पर सख्ती की जाएगी। बैठक में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया प्रदेश में कोरोना संक्रमण के मामले तेजी के साथ बढ़ रहे हैं और आने वाले दिनों में यह और बढ़ेंगे। इसे देखते हुए संक्रमण की रोकथाम के कदम उठाने होंगे। इसे देखते हुए सरकार ने तय किया है कि पूर्व से जारी प्रतिबंधों का दायरा बढ़ाया जाएगा।

अभी स्कूल विद्यार्थियों की पचास प्रतिशत क्षमता के साथ संचालित हो रहे थे। अब इन्हें पूरी तरह से बंद करने का निर्णय लिया गया है। बड़ी रैली और सभा की अनुमति किसी को नहीं दी जाएगी। मनोरंजन, धार्मिक, सामाजिक और शैक्षणिक कार्यक्रम खुले स्थान पर अधिकतम 250 व्यक्तियों की उपस्थिति के साथ सशर्त हो सकेंगे। स्टेडियम में 50 प्रतिशत खिलाड़ियों की क्षमता के साथ गतिविधियां संचालित रहेंगी पर दर्शक पूरी तरह से प्रतिबंधित रहेंगे। अपर मुख्य सचिव गृह डा.राजेश राजौरा ने सभी कलेक्टरों को निर्देश दिए हैं कि पूर्व से जारी प्रतिबंधों के अतिरिक्त इन दिशानिर्देशों को तत्काल प्रभाव से लागू किया जाए।

अब भीड़-भाड़ एकत्र करने के दिन नहीं

मुख्यमंत्री ने आपदा प्रबंधन समूह के सदस्यों से कहा कि अब भीड़-भाड़ एकत्र करने के दिन नहीं हैं। आर्थिक गतिविधियों पर रोक नहीं लगा सकते हैं क्योंकि इसका व्यापक प्रभाव पड़ता है पर हमें कड़े कदम उठाने होंगे। समूह के सदस्यों को यह सुनिश्चित करना होगा कि कहीं पर भी भीड़ एकत्र न हो। जनता को संकट की इस घड़ी से निकालकर ले जाने की जिम्मेदारी हमारी है। संसाधन की कमी नहीं रहने देंगे। सभी व्यवस्थाएं की जा चुकी हैं। मंत्री, सांसद, विधायक और अधिकारी कमांड कंट्रोल सेंटर में लाकर 15 मिनट मरीजों से बात करें। अब यह जरूरी हो गया है कि सब मास्क अनिवार्य रूप से लगाएं। विधायक इस बात की चिंता करें कि उनके क्षेत्र में कोई भी लापरवाही न हो।

यह भी दिए निर्देश

  • – बंद हाल में हाल की क्षमता के पचास प्रतिशत से कम उपस्थिति के ही कार्यक्रम होंगे।
  • – कोविड उपयुक्त व्यवहार का पालन अनिवार्य ।
  • – मास्क नहीं लगाने वाले व्यक्तियों पर नियमानुसार जुर्माना लगाकर वसूली की जाए ।
  • – धार्मिक और व्यावसायिक मेल प्रतिबंधित ।
  • – सभी तरह के जुलूस पर रोक।

बैठक में अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य मोहम्मद सुलेमान प्रस्तुतिकरण दिया। उन्होंने बताया कि तीसरी लहर में कोरोना संक्रमण के प्रकरण बढ़ने की दर दूसरी लहर की तुलना में तीन गुना से अधिक है। दुनिया में एक दिन में 34 लाख केस आ रहे हैं। देश में गुरुवार को दो लाख 64 हजार प्रकरण और मध्य प्रदेश में आज चार हजार 755 केस है। साप्ताहिक औसत दर में छह गुना की वृद्धि हुई है। सक्रिय मामले 21 हजार 394 हो गए हैं। जांच अब 80 हजार प्रतिदिन तक हो रही है।

कुछ जिलों में संक्रमण की दर दस प्रतिशत से ज्यादा है। 96.07 संक्रमित घर पर रहकर उपचार ले रहे हैं।3.3 प्रतिशत मरीज को ही अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत पड़ रही है। हालांकि, केंद्र सरकार ने कहा है कि इस स्थिति में कभी भी परिवर्तन हो सकता है। 236 लोग आइसीयू में हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि सक्रिय प्रकरणों की संख्या भी बढ़ेगी। सचेत और सावधान रहना चाहिए। निश्चिंतता का भाव न रहे। होम आइसोलेशन में रह रहे संक्रमितों की निगरानी की व्यवस्था अच्छी होनी चाहिए।

इंदौर कलेक्टर मनीष सिंह ने बताया कि 101 मरीज अस्पताल में हैं। भोपाल कलेक्टर अविनाश लवानिया ने बताया कि जिले में तीन हजार 852 मरीज होम आइसोलेशन में हैं। कमांड सेंटर से प्रतिदिन उनसे बात हो रही है। मुख्यमंत्री ने कलेक्टरों को निर्देश दिए कि जो व्यक्ति गलत पता या मोबाइल नंबर लिखा रहे हैं, उनके खिलाफ प्रकरण दर्ज करें क्योंकि ये संक्रमण फैलाने वाले बनेंगे। मुख्यमंत्री ने ग्वालियर, जबलपुर, सागर और उज्जैन के कलेक्टरों से भी होम आइसोलेशन संबंधी व्यवस्था के बारे में जानकारी ली।

इंदौर कलेक्टर मनीष सिंह ने सीएम के सामने रखा सुझाव कि हमने सख्ती बढ़ाई तो संक्रमण की दर कम हो सकती है। अगर सख्ती नही बढ़ाई तो रोज के आंकड़े 10 हजार के पास आएंगे।

मुख्यमंत्री ने प्रदेश में टीकाकरण की स्थिति की जानकारी ली। सीएम ने कहा कि वैक्सीनेशन के कार्य में लापरवाही बिल्कुल बर्दाश्त नहीं की जाएगी। घर-घर दस्तक दें, टीकाकरण का कार्य पूर्ण हो। वैक्सीन ही कोविड से सुरक्षा का मजबूत कवच है। बैठक में मुख्यमंत्री ने इंदौर में निजी तौर पर अधिक टेस्ट की जानकारी मिलने पर निर्देश देते हुए कहा कि यदि प्रायवेट रूप से टेस्ट हों तो उन्हें भी रिकॉर्ड में लिया जाए।

सीएम ने कहा कि टीकाकरण के लिए शत-प्रतिशत लोगों को कवर करें। कार्य के लिए बाहर जाने वाले लोगों की संख्या की पुष्टि करें। माइग्रेटेड लोगों की सूची बनाएं। टीकाकरण सबसे बड़ी सुरक्षा है। इसकी ग्राम स्तर तक समीक्षा हो। सभी जन प्रतिनिधि इस अभियान से जुडें। सभी के प्रयत्नों और सामूहिक सहयोग से अच्छे परिणाम मिलेंगे।

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