सतना, भास्कर हिंदी न्यूज़/ अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण एवं प्रधान जिला न्यायाधीश राजेन्द्र प्रसाद शर्मा के निर्देशन में गुरुवार को एडीआर भवन सतना में जिले की एड्स नियत्रंण समिति के सदस्यों की उपस्थिति में समीक्षा बैठक संपन्न हुई। बैठक में सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण एडीजे अविनाश चन्द्र तिवारी ने समिति के सदस्यों को माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्व़ारा क्रिमिनल अपील 135/2010 में पारित निर्णय के अनुसार पीड़ित व्यक्तियों (सेक्स वर्कर्स) के जीवन पर पड़ने वाले प्रभाव को परिलक्षित करते हुये उन्हें समाज की मुख्य धारा में लाने के प्रयास करें। इसके साथ ही ऐसे व्यक्तियों को जिनके पास राशन कार्ड, आधार कार्ड एवं मतदाता परिचय पत्र उपलब्ध नहीं है। उनको ऐसे दस्तावेज भी उपलब्ध करायें। इस मौके पर जिला विधिक सहायता अधिकारी सुभाष चौधरी, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ अशोक अवधिया, काउन्सलर नीरज सिंह तिवारी, बाल संरक्षण अधिकारी डॉ अमर सिंह चौहान, अरुणेन्द्र मिश्रा एवं विनोद द्विवेदी उपस्थित थे।
सेंपल खराब मिलने पर पूरा लाट रिजेक्ट करें – ऊर्जा मंत्री श्री तोमर, विद्युत वितरण कंपनियों के एम.डी. को निर्देश
ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने विद्युत वितरण कम्पनियों के एम.डी. को निर्देशित किया है कि विद्युत प्रदाय एवं बिल संबंधी शिकायतों के दृष्टिगत जरूरी सुधारात्मक कार्यवाही सुनिश्चित करें। लाईनों में स्थापित हो रहे इन्सुलेटर की गुणवत्ता में सुधार के लिए सेंपल जाँच की संख्या में वृद्धि करें। जाँच में सेंपल खराब पाये जाने पर पूरे लॉट को रिजेक्ट किया जाए। लगातार खराब सेंपल पर सबंधित फर्म पर कार्यवाही की जाए। साथ ही इन्सुलेटर की रेटिंग में भी वृद्धि की जाए, जिससे उनके फेल्योर संख्या में कमी हो सके।
श्री तोमर ने कहा है कि उप केन्द्र, लाइनों और ट्रांसफारमर्स के साधारण कार्यों को पूर्ण कर जिलेवार ट्रिपिंग का तुलनात्मक विवरण तैयार करें। वितरण क्षेत्र में चल रहे कार्य एवं प्राप्त हो रही सामग्री की जाँच सुनिश्चित करें। मुख्य अभियंता एवं अधीक्षण अभियंता स्तर के अधिकारियों द्वारा भी सेंपल जाँच की जाए एवं उसका रिकार्ड व्यवस्थित रूप से संधारित किया जाए। इससे भविष्य में कमी पाए जाने पर उत्तरदायित्व निर्धारण किया जा सकेगा।
ऊर्जा मंत्री ने कहा कि नवीन एवं रिपेयर्ड वितरण ट्रासफार्मरों की शत-प्रतिशत जाँच सुनिश्चित करें। जिन फर्मों के ट्रांसफार्मर की फेल्योर दर अत्याधिक है, उनके विरुद्ध कार्यवाही करने के साथ ही विभागीय अधिकारियों का भी उत्तरदायित्व निर्धारित किया जाए। वितरण ट्रांसफार्मर का संधारण कार्य सुनिश्चित कर बॉक्स में सही क्षमता के फ्यूज एवं अर्थिंग व्यवस्था को सुदृढ़ किया जाए। इसमें लापरवाही बरतने पर संबंधितों के विरुद्ध कार्यवाही करें।
ओवर लोडेड ट्रांसफार्मर की क्षमता वृद्धि करें
श्री तोमर ने कहा कि विद्युत आपूर्ति को बनाये रखने के लिए ओवरलोडेड वितरण ट्रांसफार्मर की क्षमता वृद्धि की जाए। अगर कोई वितरण ट्रांसफार्मर हानि अधिक होने के कारण ओवरलोडेड हैं, तो उन हानियों को कम करने के प्रयास किए जाँए। किन्तु इस आधार पर ओवरलोडेड ट्रांसफार्मर को बदलने की कार्यवाही नहीं रोकी जाए। श्री तोमर ने इन निर्देशों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित कर प्रत्येक माह की 5 तारीख तक जिलेवार तुलनात्मक प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इसी प्रतिवेदन के आधार पर मासिक समीक्षा की जाएगी।