संक्रमण से बचाव के लिए सावधानियाँ बरतने का किया आग्रह
सतना/भोपाल. भास्कर हिंदी न्यूज़/मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि राज्य मंत्रि-परिषद के सदस्य जिलों में भ्रमण कर स्वास्थ्य एवं उपचार की सुविधाओं का जायजा लें। कोरोना के नये स्वरूप ओमिक्रान वेरिएंट से जनता को बचाने के लिए मिलजुल कर प्रयास करना है। जन-प्रतिनिधि स्वयं के स्वास्थ्य का भी ध्यान रखें।
विद्यार्थियों के लिए वैक्सीनेशन के अभियान को प्रदान की जाए गति
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश 15 से 18 वर्ष के किशोरों को वैक्सीन का डोज लगाकर सभी राज्यों से आगे है। यह वातावरण बनाये रखा जाए। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने 3 जनवरी को प्रदेश में विद्यार्थियों के हुए वैक्सीनेशन में सागर में सर्वाधिक वैक्सीनेशन पर प्रसन्नता व्यक्त की। प्रदेश में 3 जनवरी को 10 लाख 32 हजार 996 डोज लगाए गए। यह उपलब्धि लक्ष्य के मुकाबले 86 प्रतिशत है।
आर्थिक गतिविधियों पर कोई अंकुश नहीं
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में आर्थिक गतिविधियों पर कोई अंकुश नहीं रहेगा। संक्रमण से बचाव के लिए सभी सावधानियों का पालन हमें करना है। गरीब व्यक्ति को रोजी-रोटी के लिए परेशान नहीं होना पड़े, साथ ही सभी वर्गों की जीविका के काम में कोई संकट खड़ा न हो, इसका भी ध्यान रखा जाए। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि विद्यालयों में 50 प्रतिशत क्षमता से उपस्थिति की व्यवस्था कायम रहेगी।
जिलों में देखें ये व्यवस्थाएँ
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मंत्रि-परिषद के सदस्य अपने जिलों में अस्पतालों में बैड, ऑक्सीजन प्लांट, सिटी स्केन और अन्य उपकरणों की उपलब्धता का जायजा लें। होम आइसोलेशन के लिए आवश्यकता पड़ने पर कोविड केयर सेंटर्स के संचालन की तैयारी भी देखें। जिन लोगों की टेस्ट रिपोर्ट पॉजीटिव आती है उनके घर में यदि स्थान का अभाव है, तो उन्हें कोविड केयर सेंटर में आइसोलेट रखने की व्यवस्था की जाए।
अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य श्री मोहम्मद सुलेमान ने कोविड-19 की स्थिति और प्रबंधन पर चार बिन्दुओं पर आधारित प्रेजेंटेशन दिया। इनमें कोविड-19 की प्रदेश में वर्तमान स्थिति, नये वेरियेंट ओमिक्रान की स्थिति, कोविड वैक्सीनेशन की स्थिति और किशोर वर्ग के कोविड वैक्शीनेशन की स्थिति पर जानकारी दी गई। प्रेजेंटेशन में बताया गया कि आज देश में 26 हजार 248 और प्रदेश में 256 प्रकरण सामने आए। कोविड संक्रमण की स्थिति में राज्यों में मध्यप्रदेश 20वें क्रम पर है। प्रदेश में प्रतिदिन लगभग 60 हजार टेस्ट किए जा रहे हैं। यदि साप्ताहिक रूझान देखें तो गत सप्ताह से करीब तीन गुना प्रकरण बढ़े हैं। प्रदेश में 52 प्रतिशत प्रकरण इन्दौर में देखे गए हैं। भोपाल में कुल प्रकरणों में से 22 प्रतिशत, जबलपुर में 5 प्रतिशत, ग्वालियर में 4 प्रतिशत और उज्जैन में 3 प्रतिशत प्रकरण देखने में आए हैं। प्रदेश में 892 मरीज होम आइसोलेशन में है। ओमिक्रान के नौ प्रकरण सामने आए जिनमें सात रिकवर्ड हो गए हैं।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि पड़ोसी प्रदेश महाराष्ट्र में नए वेरिएंट के सबसे ज्यादा 568 मामले आने से मध्यप्रदेश में पूरी सावधानियों का पालन आवश्यक है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने संक्रमण के ग्लोबल ट्रेंड की जानकारी भी प्राप्त की। इसके अनुसार जहाँ यूएस और यूके में प्रकरण बढ़े हैं वहीं दक्षिण अफ्रीका में प्रकरण कम होने लगे हैं।
वैक्शीनेशन में आगे मध्यप्रदेश
प्रेजेंटेशन में बताया गया कि मध्यप्रदेश में कोविड वैक्सीनेशन का कार्य काफी अच्छा हुआ है। वैक्सीन की प्रथम डोज 95.3 प्रतिशत और द्वितीय डोज 91.7 प्रतिशत लोगों को लग चुके है। किशोरों के वैक्सीनेशन में मध्यप्रदेश सभी प्रदेशों से आगे है।
15 से 18 वर्ष के विद्यार्थियों और बच्चों के, वैक्सीनेशन में अग्रणी रहने के लिए दी बधाई
मुख्यमंत्री ने मध्यप्रदेश में बच्चों के वैक्सीनेशन में सभी प्रांतों से आगे रहने की उपलब्धि पर स्वास्थ्य विभाग सहित सभी सहयोगी विभागों, स्थानीय प्रशासन, जन-प्रतिनिधियों, शिक्षक संगठनों और नागरिकों को बधाई दी है। मंत्रि-परिषद के सदस्यों ने मुख्यमंत्री श्री चौहान को इस उपलब्धि के लिए मेज थपथपा कर बधाई दी। मुख्यमंत्री ने मंत्रि-परिषद के सदस्यों से अनुरोध किया कि वे अपने प्रभार के जिलों में बच्चों के वैक्सीनेशन कार्य का निरंतर जायजा लें। इस कार्य को गति देने के लिए अपने नेतृत्व में प्रयास करें। मुख्यमंत्री श्री चौहान मंगलवार को मंत्रालय में मंत्रि-परिषद बैठक प्रारंभ होने के पहले मंत्रियों को संबोधित कर रहे थे।
उल्लेखनीय है कि मध्यप्रदेश में 15 से 18 वर्ष आयु के बच्चों के वैक्सीनेशन कार्य के पहले दिन ही बड़ी संख्या में वैक्सीनेशन हुआ है। स्वास्थ्य और शिक्षा विभाग के संयुक्त प्रयासों से निर्मित अनुकूल वातावरण का लाभ मिला है। बच्चों को वैक्सीनेशन से सुरक्षा चक्र उपलब्ध कराया गया है। यह कार्य शीघ्र पूर्ण किया जाएगा। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि जिलों में किए गए संवाद, क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप से हुई चर्चा और प्रशासन एवं जनता की भागीदारी से अच्छे परिणाम मिल रहे हैं। आशा है मध्यप्रदेश सामान्य वैक्सीनेशन के साथ 15 से 18 वर्ष की आयु के बच्चों के वैक्सीनेशन में भी नंबर एक पर बना रहेगा।
वर्ष 2022-23 के बजट के लिए प्रदेशवासियों से मांगें सुझाव, सुझाव mp.mygov पर जनवरी अंत तक आमंत्रित
मुख्यमंत्री ने कहा है कि बजट केवल आय-व्यय का ब्यौरा नहीं है। जन-आकांक्षाओं की पूर्ति का माध्यम है। समृद्ध और विकसित मध्यप्रदेश का निर्माण बजट के माध्यम से ही होता है। आत्म-निर्भर भारत के लिए आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश का निर्माण और जनता की आकांक्षाओं की पूर्ति हमारे बजट का उद्देश्य है। सरकार इस दिशा में लगातार प्रयास कर रही है। विशेषज्ञों से भी हम चर्चा कर रहे हैं। लेकिन मैं यह मानता हूँ कि जनता से बड़ा विशेषज्ञ कोई नहीं है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने मध्यप्रदेश के बजट को लेकर संदेश जारी कर कहा है कि -‘‘मैं सभी प्रदेशवासियों से अपील करता हूँ कि वर्ष 2022-23 का हमारा बजट ऐसा हो जो समृद्ध और विकसित मध्यप्रदेश का निर्माण कर सके। उसके संबंध में अगर आपके मन में कोई सुझाव या विचार हो तो वह जरूर जनवरी के अंत तक एमपी मायगव (mp.mygov) पर भेजें। आपके हर एक सुझाव का हम अध्ययन करेंगे और जो सुझाव स्वीकार किए जा सकेंगे, उन्हें हम बजट में जोड़ने का प्रयास करेंगे।