सतना, भास्कर हिंदी न्यूज़/जबलपुर मध्यप्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी ने 132 केवी सबस्टेशन सोनोरा सतना-2 में अति उच्च दाब की एक नई लाइन को स्थापित कर ऊर्जीकृत किया है। भूमि अधिग्रहण की जटिल समस्याओं सहित अन्य विषम परिस्थितियों के बावजूद मध्यप्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी ने काफी समय से लंबित इस लाइन का काम जिला प्रशासन सतना के सहयोग से पूरा कर सतना को अति उच्च दाब सप्लाई का एक अतिरिक्त विकल्प उपलब्ध कराने में सफलता प्राप्त की है।
आर.ओ.डब्ल्यू के कारण हुई रूकावट
उल्लेखनीय है कि एडीबी योजना में सम्मिलित एवं इसका एकमात्र शेष कार्य 132 केवी सतना-2 सब स्टेशन हेतु 132 केवी सतना-मैहर लाइन की लीलो लाइन का निर्माण कार्य आर.ओ.डब्ल्यू (भूमि अधिग्रहण) समस्याओं के कारण संभव नहीं हो पा रहा था। यह कार्य अप्रैल 2016 में प्रारंभ हुआ था। किंतु आर.ओ.डब्ल्यू समस्याओं का निराकरण करना भी स्थानीय प्रशासन के लिये कठिन कार्य था। मध्यप्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी के प्रबंध संचालक इंजीनियर सुनील तिवारी ने सतना जिला प्रशासन एवं पुलिस प्रशासन को मध्यप्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी के साथ सहयोग करने के लिए उनका आभार ज्ञापित किया है।
करंट से होने वाली दुर्घटनाओं की रोकथाम के लिए आमजन भी जागरूक हो
विद्युत वितरण कंपनी ने आम जनता से कहा कि करंट से होने वाली दुर्घटनाओं की रोकथाम के लिए आम जनता को जागरूक होना पड़ेगा। इस संबंध में कंपनी ने सुरक्षा संबंधी मापदंड जारी किए हैं। विद्युत सुरक्षा की दृष्टि से विद्युत लाईनों से धरातल, भवनों से सुरक्षित दूरी आदि के लिए केन्द्रीय विद्युत प्राधिकरण द्वारा मापदंड निर्धारित् किए गए हैं।
केन्द्रीय विद्युत प्राधिकरण द्वारा निर्धारित मापदंड अनुसार ऐसा क्षेत्र जहाँ वाहन, टैफिक न हो, वहाँ जमीन से कंडक्टर की दूरी 4.6 मीटर, सड़क के समानांतर विद्युत लाईनों के निचले कंडक्टर से जमीन की दूरी 5.5 मीटर तथा सड़क क्रासिंग करती विद्युत लाईनों के निचले कंडक्टर की जमीन से दूरी 5.8 मीटर होनी चाहिए। किसी मकान के ऊपर से गुजरने वाली लाईन के निचले कंडक्टर एवं मकान के सबसे ऊँपर हिस्से के बीच की दूरी 2.5 मीटर तथा 3.7 मीटर होनी चाहिए। किसी मकान के पास से गुजरने वाली लाईन के सबसे नजदीकी कंडक्टर की मकान से दूरी 1.2 मीटर, 2 मीटर तथा लाईन एवं पेड़ की डाली के बीच की दूरी 1.2 मीटर, 2 मीटर होनी चाहिए।
आम जनता अपने आवासीय परिसर अथवा स्थापनाओं से विद्युत लाइनो की दूरी निर्धारित मापदंडो के अनुसार रखें। निम्नदाब और मध्यदाब स्थापनाओं में प्रायः व्यक्ति विद्युतमय चालक के सीधे सम्पर्क में आता है, जबकि उच्च दाब स्थापनाओं में वह विद्युतमय चालक से सीधे सम्पर्क में आने के पूर्व ही फ्लेश ओव्हर डिस्टेंस में आने से स्पार्क हो कर झुलस जाता है। इस प्रकार दुर्घटना का घातक तथा गैर घातक होना दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति के ‘‘डिग्री ऑफ बर्न्स’’ पर निर्भर रहता है। निम्नदाब अथवा मध्यदाब स्थापनाओं में सुरक्षा के लिए साधारणतया केवल फ्यूज लगाए जाते हैं। साधारण फ्यूज अपनी क्षमता से अधिक करंट बहने पर ही गर्म हो कर पिघल जाता है, इसमें कुछ समय लगता है और यही समय ‘‘दुर्घटनाग्रस्त’’ होने के लिए घातक सिद्ध होता है, परन्तु अर्थिंग सही हो तो फ्यूज अतिशीघ्र उड़ जाता है। इसी कारण से विद्युत स्थापनाओं में अर्थिंग व्यवस्था अति महत्वपूर्ण हो जाती है। घरेलू स्थापनाओं में विद्युत दुर्घटनाएं मुख्यतः वायरिंग एवं फिटिंग में खराबी आने से तथा उपकरणों में खराबी आने से लीकेज या शार्ट-सर्किट के कारण होती है। बिजली उपभोक्ताओं से अपील है कि वे आईएसआई मार्क के उपकरण ही उपयोग में लाएं।