औषधियों और आयुर्वेद ने संक्रमण से ली लड़ाई: रितु
सतना, भास्कर हिंदी न्यूज़/ स्वदेशी यानि आत्मनिर्भरता का विचार, स्वदेशी यानि अपनी जड़ों से जुडऩे का विचार, स्वदेशी यानि स्वावलंबन उक्त उद्गार स्वदेशी अभियान द्वारा आयोजित स्वदेशी सामाजिक संगोष्ठी/प्रबोधन कार्यक्रम में महाकौशल प्रान्त के प्रांत प्रचारक प्रवीण ने कही। उन्होंने कहा कि मंत्र, यंत्र और भाव भी स्वदेशी हो और होना चाहिए। कोरोना सक्रमण के दौरान यही स्वदेशी विचार ही कारगर साबित हुआ।
रविवार को सरस्वती उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, कृष्णनगर में सायं 4 बजे से आयोजित संगोष्ठी/प्रबोधन कार्यक्रम में मुख्य अतिथि जिला आयुष अधिकारी डॉक्टर रितु द्विवेदी ने कहा कि जिस आयुर्वेद को विश्व नकार रहा था आज उसी को स्वीकार कर रहा है। संक्रमण काल में आयुर्वेद और हमारी देसी औषधियों ने मानव जीवन की रक्षा की है वह हमारे ऋषियों- मुनियों की देन है।
अतिथियों के उद्बोधन से पूर्व स्वदेशी अभियान महाकौशल प्रान्त की सह प्रान्त संयोजिका इंजीनियर दीप्ति पयासी ने प्रान्त में चल रहे स्वदेशी अभियान की गतिविधियों का वृत प्रस्तुत किया।
कार्यक्रम में विभाग प्रचारक संजय तिवारी, जिला संघ चालक रामबेटा कुशवाहा, जिला कार्यवाह लक्ष्मी कांत द्विवेदी, सह जिला कार्यवाह दीपक शुक्ला, विभाग बौद्धिक प्रमुख राम जी शुक्ला, पंडित राजेश द्विवेदी, मणिकांत माहेश्वरी, विभाष बनर्जी, शंकर द्विवेदी, प्राचार्य विद्यापीठ गणेश मिश्रा, प्राचार्य सरस्वती कृष्णनगर हिमांचल , सुरेश द्विवेदी, सुभाष शर्मा डोली, ऋषभ सिंह छोटू, स्वदेशी अभियान के संयोजक रमाकांत मिश्र, सह संयोजक ललित शर्मा, युवा संयोजक प्रशांत सिंह, मातृ शक्ति संयोजिका रेखा गुप्ता, प्रबुद्ध वर्ग संयोजक बालाजी विक्रम, व्यवसायी संयोजक संजय सिंघई , सामाजिक-धार्मिक संगठन संयोजक यतेन्द्र पाठक, कर्मचारी/अधिकारी वर्ग संयोजक देवेन्द्र पांडेय, प्रशासनिक वर्ग संयोजक लक्ष्मीकांत शुक्ला, कृषक संयोजक श्रीधर पयासी आदि मौजूद रहे।