Guru Nanak Jayanti 2021: digi desk/BHN/नई दिल्ली/ गुरु नानक जयंती या गुरुपुरब दुनिया भर में सिख समुदाय के लिए शुभ त्योहारों में से एक है। इस बार गुरु नानक देव जयंती 19 नवंबर को मनाई जाएगी। गुरु नानक देव सिख धर्म के संस्थापक और पहले गुरु थे। उनका जन्म रावी नदी के तट पर बसे गांव तलवंडी (अब पाकिस्तान) में कार्तिक पूर्णिमा के दिन हुआ था। उन्हें नानक देव, बाबा नानक और नानकशाह भी कहा जाता है। इस वर्ष उत्सव दोगुना हो जाएगा क्योंकि भक्त गुरु नानक देव की 552वीं जयंती मना रहे हैं। गुरु नानक देव ने गुरु ग्रंथ साहिब में अपने जीवन के पाठों को दुनिया के साथ साझा किया है। जिसे सिख समुदाय के लिए एक पवित्र पुस्तक के रूप में जाना जाता है। आइए जानते हैं गुरु नानक देव जी के अनमोल वचन जिसे पढ़कर आपको जीवन में नई दिशा मिलेगी।
- – ईश्वर एक है और हर जगह मौजूद है। सैदव एक ही ईश्वर की उपासना करो।
- – मेहनत कर, लोभ को त्याग कर और न्यायोजित साधनों से धन कमाना चाहिए।
- – मेहनत और सच्चाई से गरीबों और जरुरतमंदों की मदद करनी चाहिए।
- – कभी भी किसी का हक नहीं छीनना चाहिए।
- – अगर किसी को धन या कोई अन्य मदद की जरूरत हो तो हमें कभी भी पीछे नहीं हटना चाहिए।
- – अपनी कमाई का 10वां हिस्सा परोपरकार के लिए और अपने समय का 10वां हिस्सा प्रभु भक्ति में लगाना चाहिए।
- – धन को जेब में स्थान देना चाहिए, दिल में नहीं।
- – स्त्री जाति का आदर करना चाहिए। सभी स्त्री और पुरुष बराबर हैं।
- – गुरु की आवाज भगवान की आवाज है। वही ज्ञान और निर्वाण का सच्चा स्त्रोत है।
- – अहंकार, ईर्ष्या, लालच, लोभ मनुष्य को मनुष्य नहीं रहने देते। ऐसे में इनसे दूर रहें।
- – केवल वही वाणी बोले, जो आपको सम्मान दिलाये।
- – ईश्वर एक है और उसे पाने का तरीका भी एक है। यही सत्य है। वो रचनात्मक है और वो अनश्वर है। जिनमे कोई डर नहीं और जो द्वेष भाव से परे है। इसे गुरु की कृपा द्वारा ही प्राप्त किया जा सकता है।
- – सत्य को जानना हर चीज से बड़ा है और उससे भी बड़ा है सच्चाई के साथ जीना।
- – मैं न बच्चा हूँ, न जवान, न प्राचीन, और न ही मैं किसी जाति का हूं।
- – अपने जीवन में कभी ये न सोचे की यह असंभव है।
- – कर्म भूमि पर फल पाने के लिए कर्म सबको करना पड़ता है। ईश्वर तो सिर्फ लकीरें देते हैं पर रंग उनमे हमको भरना पड़ता है।
- – आप जो भी बीज बोयेंगे उसका फल आपको देर सबेर जरूर मिलेगा।
- – जब शरीर मैला हो जाता है तो हम पानी से उसे साफ कर लेते हैं। उसी तरह जब हमारा मन मैला हो जाए, तो उसे ईश्वर के जाप और प्रेम द्वारा ही स्वच्छ किया जा सकता है।