सतना,भास्कर हिंदी न्यूज़/ प्रदेश में कोविड-19 के संक्रमण से सुरक्षा के दृष्टिगत लंबे अर्से से बंद पड़ी आंगनवाड़ी केंद्रों का संचालन सोमवार से पुनः प्रारंभ हो गया है। रंगोली, गुब्बारे सजाकर आंगनवाड़ी केंद्रों में बच्चों को टीका लगाकर, तो कहीं उनकी आरती कर आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं, सहायिकाओं ने स्थानीय जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति में समारोह पूर्वक संचालन प्रारंभ किया। महिला बाल विकास के अधिकारियों ने अपने-अपने क्षेत्र में भ्रमण कर राज्य शासन के निर्देशानुसार ‘‘आइए आंगनबाड़ी’’ की थीम पर शुभारंभ कार्यों का जायजा लिया।
इस आयोजन के लिये आँगनवाड़ी केंद्रों की साफ-सफाई कर रंगोली, गुब्बारे, फूल से सजाया गया था। बच्चे भी अपने आँगनवाड़ी केन्द्र खुलने से प्रसन्न और उत्साहित थे। इस अवसर पर बच्चों को तिलक लगाकर, माला पहनाकर स्वागत किया गया। साथ ही उन्हें नाश्ता एवं गर्म पका विशेष भोजन भी प्रदाय किया गया जिसमें खीर, पूड़ी-सब्जी, मिठाई भी बच्चों के खाने में दी गई। आयोजन में स्थानीय जन-प्रतिनिधियों, पालकों, मातृ सहयोगिनी समिति और शौर्या दल के सदस्यों को आमंत्रित किया गया था। आँगनवाड़ी कार्यकर्ताओं, सहायिकाओं द्वारा लोगों को कलात्मक तरीके से तैयार रंग-बिरंगे आमंत्रण पत्र देकर, पीले चावल देकर लोगों, हिताहियों को आमंत्रित किया गया। कई स्थानों पर आँगनवाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा दीवार लेखन के माध्यम से भी आँगनवाड़ी केंद्रों का संचालन पुनः आरंभ होने की सूचना दी गई।
जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला बाल विकास सौरभ सिंह ने बताया कि 15 नवम्बर से आँगनबाड़ी केंद्र का संचालन एवं सेवा प्रदाय करने के संबंध में शासन द्वारा मानक संचालन प्रक्रिया जारी की गई है। आँगनवाड़ी केन्द्रों में तीन से 6 वर्ष तक की उम्र के बच्चों को लाने के लिये स्थानीय परिस्थितियों के अनुरूप जिला-स्तरीय क्राइसिस मैनेजमेंट कमेटी और जिला कलेक्टर द्वारा निर्णय लिया जायेगा। कोविड से बचाव की सभी सावधानियों का पालन सुनिश्चित किया जायेगा। उन्होंने कहा कि आँगनवाड़ी केन्द्र प्रारंभ होने के बाद प्रतिदिन पूर्व की भांति नियत समय-सारणी अनुसार उनका संचालन किया जाएगा।
कोविड-19 संक्रमण काल में 3 से 6 वर्ष की आयु वर्ग के बच्चों को रेडी टू ईट सामग्री का वितरण स्थगित रखा जाएगा। बच्चों को नाश्ता और गर्म पका हुआ खाना प्रदाय किया जाएगा। कोविड-19 महामारी संक्रमण काल में संक्रमण के फैलाव की रोकथाम के लिए आँगनवाड़ी केंद्रों का संचालन स्थगित किया गया था। इस अवधि में हितग्राहियों को वैकल्पिक पूरक पोषण आहार निरंतर उपलब्ध कराया गया। आज से आँगनबाड़ी केंद्र का संचालन एवं सेवा प्रदाय करने के संबंध में मानक संचालन प्रक्रिया जारी की गई है।
आंगनवाड़ी केन्द्रों में 65 वर्ष से अधिक आयु और बीमारी वाले व्यक्तियों का प्रवेश वर्जित रहेगा। गर्भवती महिलाओं और दस वर्ष से कम आयु के बच्चों के लिए गतिविधियों की प्राथमिकता के आधार पर कोविड से बचाव की सावधानियों का पालन सुनिश्चित किया जायेगा। आँगनवाड़ी के अंदर और बाहर तथा आसपास की स्वच्छता एवं कोविड संक्रमण से बचाव की व्यवस्था भी सुनिश्चित की जायेगी। संक्रमण से बचाव के लिए मास्क, सेनिटाइजर और दो गज की दूरी आदि सुरक्षा उपायों का पालन भी करना अनिवार्य होगा।
नेशनल लोक अदालत 11 दिसम्बर को
आपसी सुलह से प्रकरणों का निराकरण करने के लिए इस वर्ष की अंतिम नेशनल लोक अदालत 11 दिसम्बर को आयोजित की जा रही है। राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशों के अनुसार एवं जिला तथा सत्र न्यायाधीश के मार्गदर्शन में लोक अदालत का आयोजन किया जा रहा है। इस लोक अदालत में आपराधिक शमनीय प्रकरण, नेगोशिएबल एक्ट की धारा 138 के प्रकरण, बैंक रिकवरी, मोटर क्षतिपूर्ति, दावा प्रकरण, पारिवारिक प्रकरण, श्रम विवाद, भूमि अधिग्रहण, विद्युत, जल, राजस्व तथा घरेलू हिंसा से संबंधित प्रकरणों का निराकरण किया जाएगा।
नेशनल लोक अदालत का आयोजन 11 दिसम्बर को जिला न्यायालय परिसर सहित तहसील न्यायालयों में किया जाएगा। लोक अदालत में अपने प्रकरणों का अंतिम रूप से आपसी सुलह से निराकरण कराने के इच्छुक पक्षकार जिला विधिक सेवा प्राधिकरण से संपर्क करके लोक अदालत से प्रकरण का निराकरण कराकर लाभ उठाएं।
मोटराईज्ड ट्रायसायकिल रिपेयरिंग शिविर 16 और 17 नवंबर को
उप संचालक सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण सौरभ सिंह ने बताया कि दिव्यांगजनों की मोटराईज्ड ट्रायसायकिल की रिपयेरिंग के लिए 16 और 17 नवंबर को जिला दिव्यांग पुनर्वास केन्द्र सिविल लाईन सतना में शिविर आयोजित किया गया है। जिसमें क्षेत्रानुसार चयनित दिव्यांगजनों की मोटराईज्ड ट्रायसायकिल, बैट्री, चार्जर एवं अन्य पार्ट्स की रिपेयरिंग की जाएगी। उप संचालक द्वारा समस्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत सहायक आयुक्त नगर निगम सतना, मुख्य नगर परिषद एवं नगर पालिका अधिकारी एवं समग्र सामाजिक सुरक्षा विस्तार अधिकारी को निर्धारित तिथि एवं स्थान पर दिव्यांगजनों की उपस्थिति सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए गए हैं।
दुग्ध उत्पादक किसानों और उनके परिवारों को भी बीमा का संबल – 2 लाख का बीमा मिलेगा
मध्यप्रदेश को-ऑपरेटिव डेयरी फेडरेशन द्वारा दुग्ध समितियों के सदस्यों और उनके परिवार के लिये साँची चिकित्सा सहायता बीमा योजना स्वीकृत की गई है। योजना में दुग्ध प्रदायक सदस्यों और उनके आश्रित परिजनों को सामान्य बीमारी के उपचार के लिये एक लाख रुपये और गंभीर बीमारियों के लिये दो लाख रुपये प्रति परिवार प्रतिवर्ष बीमा राशि का प्रावधान है। बीमा राशि का भुगतान न्यू इण्डिया इंश्योरेंश कम्पनी द्वारा किया जायेगा। योजना में दुग्ध प्रदायक सदस्यों एवं उन पर आश्रित 3 परिजनों को लाभान्वित किया जायेगा। परिजनों में पति या पत्नी और 3 माह से 25 वर्ष तक की आयु के 2 बच्चे शामिल हैं।